कैंसर मरीजों को मिलेगी बड़ी राहत, AIIMS में लगेगी अत्याधुनिक पेट-सीटी स्कैन मशीन
एम्स में जल्द ही अत्याधुनिक डिजिटल पेट-सीटी स्कैन मशीन लगेगी। इस नई मशीन से कैंसर मरीजों को काफी राहत मिलेगी। अभी एम्स में प्रतिदिन केवल 60 मरीजों की ही पेट-सीटी स्कैन हो पाती है लेकिन नई मशीन लगने से यह क्षमता डेढ़ गुना बढ़ जाएगी। इससे मरीजों को जांच के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। आगे विस्तार से पढ़िए पूरी खबर।

रणविजय सिंह, नई दिल्ली। एम्स में नई अत्याधुनिक डिजिटल पेट (पाजिट्रान एमिशन टोमोग्राफी)-सीटी स्कैन मशीन लगेगी। यह मशीन खरीदने के लिए एम्स ने प्रक्रिया शुरू कर दी है। यदि सब कुछ योजना के अनुरूप हुआ तो अक्टूबर तक एम्स में यह मशीन लग जाएगी।
इससे एम्स में पेट सीटी स्कैन की जांच क्षमता डेढ़ गुना बढ़ जाएगी। वैसे तो न्यूरो व हृदय रोग के मरीजों की जांच में भी यह तकनीक इस्तेमाल होती है लेकिन नई मशीन आने से कैंसर मरीजों को सबसे ज्यादा राहत मिलेगी।
वर्ष भर में पहुंचते हैं एक लाख 75 हजार मरीज
एम्स के कैंसर सेंटर की ओपीडी में वर्ष भर में करीब एक लाख 75 हजार मरीज पहुंचते हैं। जिसमें से करीब 14,500 नए मरीज व बाकी पुराने मरीज शामिल होते हैं। फिर भी मौजूदा समय में एम्स के न्यूक्लियर मेडिसिन विभाग में दो पेट-सीटी स्कैन मशीन उपलब्ध। जिससे प्रतिदिन 60 मरीजों की जांच करने की क्षमता है।
एम्स में कैंसर मरीजों का दबाव अधिक
बताया गया कि एक मशीन अपनी उम्र पूरी कर चुकी है और वह 14 वर्ष पुरानी हो चुकी है। दूसरी मशीन भी करीब दस वर्ष पुरानी हो गई है। पहली मशीन अधिक पुरानी होने के कारण उसमें खराबी की समस्या अधिक रहती है। एम्स में कैंसर मरीजों का दबाव अधिक है। ऐसे में पेट सीटी स्कैन जांच के लिए करीब दो माह तक की वेटिंग है। एम्स में हर वर्ष 8500-9000 मरीजों की पेट सीटी स्कैन जांच हो पाती है।
पेट सीटी स्कैन जांच का शुल्क 18,000 से 24,000 रुपये
इसके अलावा बहुत मरीज निजी लैब में महंगा शुल्क भुगतान कर जांच कराने को मजबूर होते हैं। निजी डायग्नोस्टिक लैब में पूरे शरीर की पेट सीटी स्कैन जांच का शुल्क 18,000 से 24,000 रुपये है। कैंसर के मरीजों को हर तीन से छह माह पर यह जांच करानी पड़ती है। इस वजह से हर मरीज के लिए निजी लैब के जांच शुल्क का खर्च उठा पाना संभव नहीं होता। दूसरी ओर सरकारी क्षेत्र के अस्पतालों में इस सुविधाओं का अभाव है।
आइएलबीएस में इस जांच का शुल्क 16,500 रुपये
दिल्ली में सरकारी क्षेत्र के सिर्फ पांच अस्पतालों पेट सीटी स्कैन उपलब्ध है। जिसमें एम्स के अलावा दिल्ली राज्य कैंसर संस्थान, आरएलबीएस, आर्मी अस्पताल और इनमास (इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन एंड एलाइड साइंसेज) शामिल है। आइएलबीएस में इस जांच का शुल्क 16,500 रुपये है। आर्मी अस्पताल में सामान्य नागरिकों का इलाज नहीं होता।
वहीं, दिल्ली सरकार के दिल्ली राज्य कैंसर संस्थान में न्यूक्लियर मेडिसिन के डाक्टर नहीं होने के कारण पेट-सीटी स्कैन मशीन कई वर्षों से बंद पड़ी है। ऐसे में सरकारी अस्पतालों में इस जांच के विकल्प सीमित है।
एक मशीन पुरानी होने व जांच में वेटिंग समस्या बनी हुई
एम्स में पहली बार पूरे शरीर की पेट सीटी स्कैन जांच के लिए 7500 रुपये शुल्क निर्धारित है। बाद में फालोअप जांच के लिए 4000 हजार रुपये भुगतान करना होता है। लेकिन एक मशीन पुरानी होने व जांच में वेटिंग समस्या बनी हुई है। इसके मद्देनजर एम्स ने 28 करोड़ की लागत से नई डिजिटल पेट-सीटी स्कैन मशीन खरीदने की प्रक्रिया शुरू की है।
न्यूक्लियर मेडिसिन के एक वरिष्ठ डाक्टर ने बताया कि उम्मीद है कि मार्च के अंत तक टेंडर प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। टेंडर आवंटन के छह माह में मशीन आ जाएगी। जिसे 14 वर्ष पुरानी हो चुकी मशीन की जगह लगाया जाएगा। पुरानी मशीनों से एक मरीज की जांच में 15 से 20 मिनट समय लगता है। नई मशीन डिजिटल होने से दस मिनट में जांच हो जाएगी। इससे अधिक मरीजों की पेट सीटी स्कैन जांच हो सकेगी।
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