Delhi AIIMS : सर्वर हैक मामले में छठे दिन हुआ बड़ा खुलासा, हैकरों ने मांगी 200 करोड़ की क्रिप्टोकरेंसी
एम्स में सर्वर हैक होने के छठे दिन भी सर्वर ठीक तरीके से काम नहीं कर रहा है। इसी बीच समाचार एजेंसी पीटीआइ ने सूत्रों के हवाले से यह बड़ा खुलासा किया है कि हैकरों ने इस मामले में क्रिप्टोकरेंसी में 200 करोड़ रुपयों की मांग की है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। देश के सबसे बड़े अस्पताल एम्स में सर्वर हैक होने के छठे दिन भी सर्वर ठीक तरीके से काम नहीं कर रहा है। इसी बीच समाचार एजेंसी पीटीआइ ने सूत्रों के हवाले से यह बड़ा खुलासा किया है कि हैकरों ने इस मामले में क्रिप्टोकरेंसी में 200 करोड़ रुपयों की मांग की है। जानकारी के लिए बता दें कि सर्वर हैक होने के बाद छह दिन बीत चुके हैं और अभी तक चीजें सामान्य नहीं हुई हैं। इसके कारण इमरजेंसी, ओपीडी और लैब अन्य सेवा सभी मैनुअली दी जा रही है।
Hackers have allegedly demanded around Rs 200 cr in cryptocurrency from AIIMS-Delhi as its server remains out of order for sixth consecutive day; patient care services in emergency, outpatient, inpatient, laboratory wings being managed manually: Sources
— Press Trust of India (@PTI_News) November 28, 2022
जांच में जुटी हैं कई एजेंसियां
बता दें कि एम्स का सर्वर बीते कुछ दिनों पहले हैक कर लिया गया था। इसके बाद से कई जांच एजेंसियां इस मामले में तहकीकात में जुट गई हैं, हालांकि इस केस में अभी तक किसी को कुछ सफलता हाथ नहीं लगी है। सभी जांच एजेंसियां विदेश से सर्वर हैक होने का संदेश जता रही थी। वहीं अब हैकरों के द्वारा 200 करोड़ की क्रिप्टोकरेंसी की मांग से यह साफ हो गया है कि हैकरों ने पैसे के लिए अस्पताल के सर्वर को हैक किया था।
कब हुआ था सर्वर पर अटैक
उल्लेखनीय है कि एम्स की सर्वर पर 23 नवंबर को रैनसमवेयर अटैक हुआ था। इस वजह से एम्स के ई-हास्पिटल का सर्वर व एलआइएस (लेबोरेटरी इंफार्मेशन सिस्टम) का सर्वर खराब हो गया था। इसके अलावा इन दोनों के बैकअप सर्वर में भी सेंध लगा था। इस वजह से 23 नवंबर से ही एम्स की डिजिटल सेवाएं ठप है।
सर्वर ठीक होने का जारी है प्रयास
एनआइसी (नेशनल इंफार्मेटिक सेंटर), इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सीईआरटी-आइएन) व सीडैक (सेंटर फार डेवलपमेंट आफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग) की टीम एम्स की सर्वर को ठीक करने में जुटी हैं। एम्स में मौजूद सभी पांच हजार कंप्यूटर को स्कैन किया जाना है। इस कार्य में कई दिनों का समय लगेगा। इस वजह से अस्थायी सर्वर से चरणबद्ध तरीके से डिजिटल सेवाओं को शुरू करने की योजना थी। बताया जा रहा है कि अभी डिजिटल सेवाओं को शुरू करने में एक-दो दिन समय लग सकता है। फिलहाल एम्स प्रशासन इस मामले पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।
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