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    'घबराने की जरूरत नहीं, सतर्क रहने की आवश्यकता', कोरोना के नए सब-वेरिएंट JN.1 पर आया Delhi AIIMS का बयान

    By Jagran News Edited By: Sonu Suman
    Updated: Sat, 23 Dec 2023 07:29 PM (IST)

    एम्स दिल्ली में मेडिसिन विभाग में प्रोफेसर डॉ. निश्चल ने कहा कि हम कहते रहे हैं कि इस प्रकार की लहरें आती रहेंगी। यहां तक ​​कि पहली और दूसरी लहर के दौरान भी हमने भविष्यवाणी की थी कि इस वायरस के और अधिक बदलते स्वरूप हमारे सामने आएगा। यह ऐसा चरण होगा जहां यह अधिक संक्रामक हो जाएगा। इसमें मृत्यु दर या संक्रमित होने का रेट कम होगा।

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    कोरोना के नए सब-वेरिएंट JN.1 पर आया Delhi AIIMS का बयान।

    एजेंसी, नई दिल्ली। देश में कोविड 19 के नए ​​सब-वेरिएंट जेएन.1 के मामलों में वृद्धि के बाद अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के डॉक्टरों ने लोगों को घबराने की नहीं बल्कि सतर्क रहने की सलाह दी है। एम्स में डॉक्टर नीरज निश्चल ने कहा कि देश के कई राज्यों में लोग COVID-JN.1 के नए सब-वेरिएंट से संक्रमित हो रहे हैं। मरीजों में इसके लक्षण हल्के हैं। इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि सतर्क रहने की आवश्यकता है।

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    एम्स दिल्ली में मेडिसिन विभाग में प्रोफेसर डॉ. निश्चल ने कहा कि हम कहते रहे हैं कि इस प्रकार की लहरें आती रहेंगी। यहां तक ​​कि पहली और दूसरी लहर के दौरान भी हमने भविष्यवाणी की थी कि इस वायरस के और अधिक बदलते स्वरूप हमारे सामने आएगा। यह ऐसा चरण होगा जहां यह अधिक संक्रामक हो जाएगा। इसमें मृत्यु दर या संक्रमित होने का रेट कम होगा।

    डेल्टा वेरिएंट जितना खतरनाक नहींः डॉक्टर

    डॉ. निश्चल ने कहा कि आप यह कह सकते हैं कि मनुष्यों और इस वायरस के बीच की लड़ाई है जो दोनों जीवित रहने की कोशिश भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोग इस सब वेरिएंट से संक्रमित तो हो रहे हैं लेकिन यह पहले के डेल्टा वेरिएंट जितना खतरा पैदा नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि आज हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हम इस वायरस के बारे में अधिक जागरूक हैं और हम जानते हैं कि इससे कैसे निपटना है। इसलिए यदि आप मामलों को बढ़ोतरी देख रहे हैं तो यह दर्शाता है कि हमारी निगरानी प्रणाली सही जगह पर है।

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    'नया सब-वेरिएंट ओमीक्रॉन से बहुत अलग नहीं'

    उन्होंने कहा कि जो नया संस्करण हमारे सामने आया है, इससे घबराने की जरूरत नहीं है। सामने आ रहे केसेस यह दिखाता है कि हम अब कितनी अच्छी तरह तैयार हैं और मुझे लगता है कि हम इसे अच्छे तरीके से संभालने में सक्षम हैं। डॉ. नीरज ने आगे कहा कि जो डेटा हमारे सामने आ रहा है, उससे पता चलता है कि नया सब-वेरिएंट ओमीक्रॉन से बहुत अलग नहीं है। हम देख रहे हैं कि क्या वायरस खांसी, सर्दी, छींकने, बुखार और शरीर में दर्द जैसे समान प्रकार के लक्षण पैदा कर रहा है या नहीं।

    'सब-वेरिएंट पर हम निगरानी रखे हुए हैं'

    डॉक्टर ने यह भी कहा कि स्वास्थ्य विशेषज्ञों की टीम इस बात की जांच कर रही है कि क्या सब-वेरिएंट फेफड़ों को गंभीर नुकसान पहुंचा रहा है? क्या इसके लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता हो रही है या क्या इससे पीड़ित मरीज को अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता है? उन्होंने कहा कि देश में कुछ ऐसे इलाके हैं, जहां इसके मामले देखे जा रहे हैं, लेकिन इसे पूरे देश के लिए नहीं कह सकते हैं। यह अच्छी बात है कि हमारे पास एक बेहतर निगरानी प्रणाली है और हम इस बीमारी को रोक सकते हैं।

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