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    AIIMS के वृद्धजन केंद्र और गर्ल्स हॉस्टल में बीमार पड़े 70 लोग, सामने आई ये बड़ी वजह

    All India Institute Of Medical Sciences Delhi (AIIMS) के राष्ट्रीय वृद्धजन केंद्र और गर्ल्स हॉस्टल के पानी में फीकल बैक्टीरिया पाया गया है। इसकी वजह से पिछले तीन-चार दिनों में 28 घरों के 65-70 लोग बीमार पड़ चुके हैं। संस्थान के इंजीनियरिंग विभाग ने भूमिगत वाटर टैंक की सफाई कराई है और पानी के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं।

    By Ranbijay Kumar Singh Edited By: Kapil Kumar Updated: Tue, 01 Apr 2025 08:56 AM (IST)
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    एम्स के राष्ट्रीय वृद्धजन केंद्र व गर्ल्स हॉस्टल के पानी में मिला फीकल बैक्टीरिया। फोटो - सोशल मीडिया

    रणविजय सिंह,  नई दिल्ली। एम्स (AIIMS) के राष्ट्रीय वृद्धजन केंद्र (Elderly Care Center) व गर्ल्स हॉस्टल (Girls Hostel) के पानी में फीकल बैक्टीरिया मिला है। एम्स के माइक्रोबायोली विभाग की लैब में हाल ही में हुई जांच में इन दोनों जगहों के पानी में फीकल बैक्टीरिया पाया गया।

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    अचानक क्यों बीमार पड़े 70 लोग? 

    इसके बाद अब संस्थान के डॉक्टरों के आवासीय परिसर पश्चिमी अंसारी नगर में दूषित पानी के कारण पिछले तीन से चार दिन में 28 घरों में कई 65 से 70 लोग बीमार पड़ चुके हैं। जिसमें कई डॉक्टर भी शामिल बताए जा रहे हैं। इसके मद्देनजर एम्स के इंजीनियरिंग विभाग ने सोमवार को भूमिगत वाटर टैंक की सफाई कराई। साथ ही डॉक्टरों आवासीय परिसर से पानी के सैंपल जांच के लिए भेजा गया है।

    संस्थान (All India Institute Of Medical Sciences Delhi) के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि 17 से 22 मार्च के बीच अस्पताल के सभी ब्लॉक, हॉस्टल व आवासीय परिसर से पानी के सैंपल लिए गए थे। 24 मार्च को आई रिपोर्ट में राष्ट्रीय वृद्धजन केंद्र के पहली व दूसरे मंजिल के पानी में फीकल बैक्टीरिया पाया गया।

    रविवार को ज्यादा बढ़ गई थी समस्या

    इसके अलावा हॉस्टल नंबर चार के भूतल पर लगे के पानी में फीकल बैक्टीरिया पाया गया। फीकल बैक्टीरिया सीवरेज के माध्यम से पानी में पहुंचता है। तब पश्चिमी परिसर का पानी जांच में ठीक पाया गया था, लेकिन पिछले कुछ दिन से डॉक्टर और उनके परिवार के लोगों को अचानक गैस्ट्रोएंटेराइटिस से संबंधित समस्या शुरू हो गई। पेट में अचानक दर्द, उल्टी, दस्त इत्यादि समस्या हुई। वहीं, रविवार को समस्या ज्यादा बढ़ गई।

    भूमिगत वाटर टैंक की कराई गई सफाई

    डॉक्टरों की शिकायत पर एम्स के इंजीनियर विभाग के अधिकारी पहुंचे और पानी की गुणवत्ता का निरीक्षण किया। इंजीनियरिंग विभाग का कहना था कि करीब तीन माह पहले 24 दिसंबर को भूमिगत वाटर टैंक की सफाई की गई थी। पानी देखने में साफ भी था। फिर भी सोमवार को दोबारा पानी के टैंक की सफाई की गई। एम्स में पानी की पाइप लाइन व सीवरेज के रखरखाव की जिम्मेदारी संस्थान के ही इंजीनियरिंग विभाग के पास है।

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    बताया जा रहा है कि पश्चिमी परिसर की पाइप लाइन व सीवर लाइन बहुत पुरानी हो चुकी है। डॉक्टर आशंका जता रहे हैं कि पानी व सीवर लाइन में कहीं खराबी आने से यह समस्या हुई है। इस मामले पर एम्स के मीडिया डिविजन की प्रभारी डॉ. रीमा दादा ने कहा कि पश्चिमी अंसारी नगर के भूमिगत वाटर टैंक की सफाई करा दी गई है और पानी के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं। सीवर लाइन की भी जांच की गई है। शाम को पानी आपूर्ति शुरू कर दी गई है।

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