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    Delhi AIIMS में किडनी मरीजों का इलाज होगा आसान, जल्द शुरू होगी सबसे बड़ी डायलिसिस यूनिट

    World Kidney Day 2025 से पहले मरीजों के लिए राहत भरी खबर आई है। दिल्ली की सबसे बड़ी डायलिसिस यूनिट एम्स में बन रही है जिसमें 36 नई डायलिसिस मशीनें लगेंगी। छह महीने में चिकित्सा सेवा शुरू होगी जिससे किडनी मरीजों का इलाज आसान होगा। अभी एम्स में सिर्फ 13 डायलिसिस मशीनें हैं। अब एम्स में किडनी के मरीजों का दबाव कम हो सकेगा।

    By Ranbijay Kumar Singh Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Wed, 12 Mar 2025 08:04 AM (IST)
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    डायलिसिस यूनिट में किडनी प्रत्यारोपण करते चिकित्सक। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    रणविजय सिंह, नई दिल्ली। एक दिन बाद बृहस्पतिवार को विश्व किडनी दिवस (World Kidney Day 2025) है। इस बीच किडनी के मरीजों के लिए राहत भरी खबर यह है कि एम्स में दिल्ली की सबसे बड़ी डायलिसिस यूनिट तैयार की जा रही है। इसमें 36 नई डायलिसिस मशीनें लगेंगी।

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    कब से मिलेगी चिकित्सा सुविधा?

    छह माह में इसमें चिकित्सा सेवा शुरू होगी। इससे एम्स के नेफ्रोलाजी विभाग में साढ़े तीन दशक के बाद किडनी के मरीजों के इलाज की सुविधाएं बढ़ सकेगी। इससे किडनी के मरीजों को एम्स में डायलिसिस की बेहतर सुविधा मिल सकेगी और उनका इलाज आसान होगा।

    अभी एम्स में कितनी हैं डायलिसिस मशीनें?

    मौजूदा समय में एम्स में किडनी मरीजों के इलाज के लिए 24 बेड व नेफ्रोलाजी विभाग के डायलिसिस यूनिट में महज 13 डायलिसिस मशीनें हैं। वर्ष 1989 में यह डायलिसिस यूनिट शुरू हुई थी। इसके बाद अब तक नेफ्रोलाजी विभाग में डायलिसिस मशीनें नहीं बढ़ पाईं। जबकि एम्स में किडनी के मरीजों का दबाव बढ़ा है।

    वर्ष 2023-24 में रीनल क्लीनिक की ओपीडी में 46,672 मरीज देखे गए। जिसमें से 7265 नए मरीज शामिल हैं। किडनी की पुरानी बीमारी से पीड़ित मरीजों को नियमित तौर पर डायलिसिस की जरूरत होती है। डायलिसिस मशीनें कम होने के कारण एम्स में अभी ओपीडी में इलाज कराने वाले ज्यादातर मरीजों को डायलिसिस की सुविधा नहीं मिल पाती।

    इमरजेंसी व अस्पताल में भर्ती मरीजों को ही डायलिसिस हो पाती है। ओपीडी के मरीज किसी दूसरे सरकारी या निजी अस्पताल में डायलिसिस कराने को मजबूर होते हैं। इसके मद्देनजर एम्स के नेफ्रोलाजी विभाग में लंबे समय से चिकित्सा सुविधाएं बढ़ाने की जरूरत महसूस की जा रही थी।

    एम्स प्रशासन ने नेफ्रोलाजी विभाग के लिए पुराने ओपीडी ब्लाक के चौथी मंजिल पर अतिरिक्त जगह उपलब्ध कराई। ताकि किडनी की बीमारियों के इलाज की सुविधा बढ़ाई जा सके।

    क्या ओपीडी में पहुंचने वाले किडनी के मरीजों को सुविधा मिलेगी?

    अप्रैल 2023 में नई डायलिसिस मशीनें लगाने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की गई थी। इसके बाद अब तक दो वर्षों में सुविधा बढ़ तो नहीं पाई, लेकिन डायलिसिस यूनिट का काम शुरू हो चुका है।

    अस्पताल के एक वरिष्ठ डाक्टर ने बताया कि जिस एजेंसी को नई डायलिसिस मशीनें लगाने की जिम्मेदारी दी गई है वही एजेंसी डायलिसिस यूनिट तैयार कर रही है। छह माह में काम पूरा हो जाएगा और इसमें 36 डायलिसिस मशीनें होंगी। इससे ओपीडी में पहुंचने वाले किडनी के मरीजों को भी एम्स में डायलिसिस की सुविधा मिल सकेगी।

    डॉक्टर बताते हैं कि मौजूदा समय में दिल्ली में सरकारी क्षेत्र का सबसे बड़ा डायलिसिस यूनिट सफदरजंग अस्पताल में है। इस अस्पताल के नेफ्रोलाजी विभाग के डायलिसिस यूनिट में करीब 30 मशीनें हैं। एम्स की नई डायलिसिस यूनिट शुरू होने पर यह किसी सरकारी अस्पताल की सबसे बड़ी डायलिसिस यूनिट होगी।