ICU बेड सप्लाई न करने पर Delhi AIIMS की कार्रवाई, कंपनी को किया 2 साल के लिए प्रतिबंधित
दिल्ली एम्स ने आईसीयू बेड की आपूर्ति में विफलता के कारण एक कंपनी को दो साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। कंपनी को 192 आईसीयू बेड की आपूर्ति करने का अनुबंध दिया गया था जिसकी समय सीमा 20 जनवरी 2025 थी। समय सीमा के बाद भी आपूर्ति नहीं करने और संतोषजनक कारण न बताने पर एम्स ने यह कार्रवाई की।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के मुख्य अस्पताल में 192 आईसीयू बेड की आपूर्ति करने में विफल रहने पर एम्स प्रशासन ने कड़ा कदम उठाया है। संस्थान ने संबंधित कंपनी का अनुबंध तत्काल प्रभाव से समाप्त करते हुए उसे आगामी दो वर्षों तक किसी भी निविदा या खरीद प्रक्रिया में भाग लेने से प्रतिबंधित कर दिया है।
अस्पताल भंडार विभाग द्वारा जारी सूचना के अनुसार, एम्स ने पिछले वर्ष अक्टूबर में 192 आईसीयू बेड की आपूर्ति के लिए कंपनी के साथ अनुबंध किया था। इसके लिए 20 जनवरी 2025 की समयसीमा निर्धारित की गई थी। बावजूद इसके, निर्धारित तिथि से 90 दिनों की अतिरिक्त डिलीवरी अवधि मिलने के बाद भी कंपनी ने आपूर्ति नहीं की।
एम्स अधिकारियों का कहना है कि कंपनी ने देरी का कोई ठोस कारण भी नहीं बताया, जिससे अनुबंध की मूल शर्तों का उल्लंघन हुआ। फरवरी माह में कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। साथ ही, एम्स द्वारा गठित समिति के समक्ष कंपनी को व्यक्तिगत सुनवाई का अवसर भी दिया गया।
समिति की रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी के लापरवाह रवैये के चलते अस्पताल के महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के संचालन में देरी हुई है, जिससे मरीजों की देखभाल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा और सार्वजनिक खरीद प्रक्रिया की विश्वसनीयता को भी नुकसान पहुंचा।
एम्स ने स्पष्ट किया कि वित्त मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के तहत कंपनी पर यह प्रतिबंध लगाया गया है, ताकि भविष्य में इस प्रकार की लापरवाही से मरीजों की चिकित्सा सेवाओं पर असर न पड़े।
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