दिल्ली में तीन साल का मासूम खुले मैनहोल में गिरा, 5 घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद मृत मिला
नरेला के खेड़ाखुर्द गांव में शनिवार सुबह ढाई साल का बच्चा निकुंज खेलते समय खुली नाली में गिर गया और सीवर लाइन में बह गया। पांच घंटे के सर्च ऑपरेशन के बाद उसे निकाला गया लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। स्थानीय लोगों ने बताया कि 30 साल पहले ग्रामीणों ने नाली बनाई थी जिसकी लोहे की जाली चोरी हो गई थी। कोई विभाग जिम्मेदारी नहीं ले रहा।

जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली। नरेला औद्योगिक थाना क्षेत्र स्थित खेड़ाखुर्द गांव में शनिवार सुबह गली में खेलते हुए एक ढ़ाई वर्षीय बच्चा खुली नाली में गिर गया। नाली में पानी का बहाव अधिक होने के कारण बच्चा नाली से सीवर लाइन में चला गया।
करीब पांच घंटे तक चले सर्च ऑपरेशन के बाद बच्चे को सीवर लाइन से बाहर निकाला गया। तुरंत बच्चे को नरेला स्थित राजा हरिश्चंद्र अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया। इस खुली नाली को लेकर कोई भी विभाग अपनी जिम्मेदारी नहीं ले रहा है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि ग्रामीणों ने खुद ही 30 वर्ष पूर्व नालियों का निर्माण किया था। जहां बच्चा गिरा, वहां खुली नाली थी। कुछ समय पहले तक यहां लोहे की जाली लगी हुई थी। जिसे किसी ने चोरी कर ली। मृतक बच्चे की पहचान निकुंज के रूप में हुई।
ग्रामीणों ने कहा कि निकुंज विभागीय लापरवाही का भेंट चढ़ गया। अभी तक इस नाली को किसी विभाग ने अपने अधीन क्यों नहीं लियाा निकुंज अपने पिता पंकज, माता और दो बड़ी बहनों के साथ खेड़ाखुर्द स्थित लोहार वाली गली में रहता था। शनिवार सुबह 09:40 बजे निकुंज गली में गेंद से खेल रहा था।
इस दौरान गेंद नाली में चला गया। गेंद को लाने के लिए निकुंज भी नाली की ओर भागा, तभी उसका पैर फिसलते ही वह नाली में जा गिरा। नाली से होकर निकुंज पास में ही बने सीधा सीवर लाइन के अंदर चला गया। वर्षा के कारण नाली में पानी का बहाव तेज होने के कारण निकुंज तुरंत ही नाली से सीवर के अंदर समा गया। सुबह 9:44 बजे यह हादसा हुआ।
पूरी घटना पास में ही एक घर में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। हादसे के कुछ ही देर बाद पीड़ित परिवार ने बच्चों को तलाशना शुरु किया। गली और आसपास के घरों में भी बच्चे का कुछ बता नहीं चला। हादसे के करीब आधे घंटे बाद स्थानीय लोगों ने पास में लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच की। जिसमें बच्चा सीवर लाइन में गिरता हुआ दिखा।
बच्चे को निकालने के लिए ग्रामीण खुद ही मेनहोल में कूदे
ग्रामीण अजीत मान ने बताया कि जैसे ही हादसे की जानकारी मिली। सीवर लाइन के मेनहोल का ढ़क्कन खोलकर ग्रामीण मेनहोल के अंदर घुसे। लेकिन शुरू में तीन से चार मेनहोल में बच्चे का पता नहीं चला। फिर ग्रामीण खुद अर्थ मूवर मशीन लेकर पहुंचे। फिर एमसीडी, दमकल विभाग समेत अन्य एजेंसियों की मदद से सड़क तोड़कर सीवर लाइन भी तोड़ी, फिर भी बच्चे का पता नहीं चला। हादसे वाले स्थान से करीब 200 से 300 मीटर एक अन्य सीवर लाइन का ढ़क्कन खोलने के बाद बच्चा मेनहोल में फंसा मिला।
कोई विभाग जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार नहीं
ग्रामीणों ने कहा कि इस हादसे को लेकर कोई जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार नहीं है। ग्रामीण सौरव ने बताया कि करीब 30 वर्ष पूर्व ग्रामीणों ने खुद ही नाली बनाई थी। बताया जा रहा है कि किसी भी विभाग ने इस नाली को हैंडओवर लेना जरूरी नहीं समझा। इस घटना को लेकर नरेला निगम जोन के उपायुक्त राकेश कुमार का पक्ष जानना चाहा, लेकिन उनका मोबाइल बंद मिला।
इस घटना की जानकारी शनिवार सुबह मिली। सूचना पर पहुंची पुलिस ने जरूरी कार्रवाई के लिए डीएफएस और डीडीएमए, एमसीडी समेत अन्य एजेंसियों को बुलाया। दमकल विभाग और चाइल्ड हेल्पलाइन को भी इसकी जानकारी दी गई। एमसीडी के कर्मचारी भी उपकरणों के साथ मौके पर पहुंचे और बचाव अभियान शुरू किया गया। विभिन्न एजेंसियों के संयुक्त बचाव अभियान और स्थानीय लोगों के सहयोग से बच्चे को सीवर से निकाला गया। शव को पोस्टमार्टम के लिए शवगृह भेज दिया गया है। इस पूरे मामले की पुलिस जांच कर रही है। - हरेश्वर वी स्वामी, उपायुक्त, बाहरी-उत्तरी जिला
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।