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    Delhi News: डीपफेक मामले की जांच रिपोर्ट तीन माह में सौंपे कमेटी, हाईकोर्ट ने दिए सख्त निर्देश

    दिल्ली हाईकोर्ट ने डीपफेक मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपने के लिए केंद्र की ओर से गठित कमेटी को तीन महीने का समय दिया है। कमेटी को मामले की जांच करते समय याचिकाकर्ताओं के सुझावों पर भी विचार करने का निर्देश दिया गया है। अगली सुनवाई 21 जुलाई को होगी। मंत्रालय ने इस मामले से निपटने के लिए 20 नवंबर 2024 को एक समिति के गठन की जानकारी दी थी।

    By Ritika Mishra Edited By: Rajesh KumarUpdated: Mon, 24 Mar 2025 08:32 PM (IST)
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    दिल्ली हाईकोर्ट ने समिति को डीपफेक मामले की जांच कर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने डीपफेक मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपने के लिए केंद्र की ओर से गठित कमेटी को तीन महीने का समय दिया है। मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने कमेटी को मामले की जांच करते समय याचिकाकर्ताओं के सुझावों पर भी विचार करने का निर्देश दिया है।

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    अगली सुनवाई 21 जुलाई को होगी

    पीठ ने उम्मीद जताई है कि अगली तारीख तक कमेटी विचार-विमर्श पूरा कर अपनी रिपोर्ट सौंप देगी। मामले की अगली सुनवाई 21 जुलाई को होगी।

    अदालत देश में डीपफेक तकनीक के गैर-नियमन और इसके संभावित दुरुपयोग के खतरे के खिलाफ तीन याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इस मामले से निपटने के लिए 20 नवंबर, 2024 को एक समिति के गठन की जानकारी दी थी।

    सोमवार को मंत्रालय के वकील ने मामले में स्थिति रिपोर्ट पेश की और कहा कि समिति की दो बैठकें हो चुकी हैं। साथ ही कहा कि समिति को इस मुद्दे पर और विचार-विमर्श करने की जरूरत है और एक व्यापक रिपोर्ट दाखिल करने के लिए तीन महीने का समय मांगा।

    पत्रकार रजत शर्मा द्वारा दायर याचिकाओं में से एक, देश में डीपफेक प्रौद्योगिकी के विनियमन और ऐसे ऐप्स और सॉफ्टवेयर तक लोगों की पहुंच को रोकने की मांग करती है जो इस तरह की सामग्री के निर्माण को सक्षम करते हैं, जबकि दूसरी, अधिवक्ता चैतन्य रोहिल्ला द्वारा, डीपफेक और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के अनियंत्रित उपयोग के खिलाफ है।

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