Delhi Zoo: 'बंटी' के टूटे दांत, भालूओं ने छोड़ा खाना; दिल्ली के चिड़ियाघर में वन्यजीवों पर अत्याचार के आरोप
दिल्ली के राष्ट्रीय प्राणी उद्यान (चिड़ियाघर) में वन्यजीवों के साथ अत्याचार के आरोप लग रहे हैं। बंटी नामक तेंदुए के टीकाकरण में लापरवाही के कारण उसके दांत टूट गए। ढोल की मौत अधिक मात्रा में दवा दिए जाने से हुई। एक काली मादा हिरण की आपसी लड़ाई में मौत हो गई। तीन स्लाथ भालू बीमार हैं और खाना नहीं खा रहे हैं।
रीतिका मिश्रा, नई दिल्ली। राष्ट्रीय प्राणी उद्यान (चिड़ियाघर) में रहने वाले वन्यजीवों के साथ अत्याचार के आरोप लग रहे हैं। कभी जानवर को पूरा भोजन नहीं परोसा जा रहा है तो कभी उनको उचित इलाज नहीं मिल रहा है। ये भी आरोप है कि वन्यजीवों को टीकाकरण देने में बेरहमी बरती जा रही है। स्थिति ये है कि टीकाकरण में बरती गई बेरहमी से बंटी नामक तेंदुएं के दांत टूट गए।
नियमों के तहत टीकाकरण से पहले वन्यजीव को पिंजड़े के अंदर लेना होता है लेकिन बंटी के मामले में ऐसा नहीं किया गया। सूत्रों ने बताया कि बंटी को लोहे की शीट के नीचे दबाकर टीकाकरण किया गया। छटपटाहट में बंटी के दांत पास सरिया से जाकर टकरा गए जिससे उसके कैनाइन दांत (नुकीले दांत) टूट कर गिर गए। इससे उसे खाना खाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
दवा की अधिक मात्रा देने पर ढोल की हुई मौत
वन्यजीवों के इलाज में सिर्फ इतना ही नहीं हो रहा, आरोप है कि दवा की अधिक मात्रा दिए जाने से ढोल की मृत्यु हो गई है। वहीं, ढोल (एशियाई जंगली कुत्ते) को इलाज के लिए सही मात्रा में दवा दी जानी थी, लेकिन चिड़ियाघर के अधिकारियों ने इसमें भी लापरवाही बरती और अधिक मात्रा में दवा दे दी। इंजेक्शन देने के दौरान ही ढोल की मौत हो गई है।
एक पांच वर्ष की मादा हिरण की मौत
अधिकारियों ने कहा कि ढोल की मौत का कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद पता चलेगा। ढोल करीब नौ वर्ष की थी। वहीं, काले मादा हिरणों की आपसी लड़ाई में एक पांच वर्ष की मादा हिरण की मौत हो गई। लड़ाई से मादा हिरण को गंभीर चोटें आई थी और उसे सही समय पर इलाज नहीं मिल पाया और इलाज से पहले ही उसकी मौत हो गई।
तीन स्लाथ भालुओं ने बीते कुछ समय से खाना छोड़ दिया
इसके साथ ही यहां रहने वाले तीन स्लाथ भालुओं ने बीते कुछ समय से खाना छोड़ रखा है। सूत्रों के मुताबिक तीनों भालू बीमार हैं और वे बीते कुछ सप्ताह से खाना नही खा रहे हैं। उन्होंने बताया कि भालू मौसम के अचानक बदलाव आने के बाद से ही बीमार हैं और तीनों की हालत गंभीर है।
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