यमुना के डूब क्षेत्र में अतिक्रमण पर लगेगी लगाम, 11 KM लंबे हिस्से में स्टील की बाड़ लगाएगा DDA
दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) यमुना के डूब क्षेत्र को अतिक्रमण से बचाने के लिए वजीराबाद बैराज से आईटीओ बैराज तक 11 किलोमीटर लंबी स्टील की बाड़ लगाएगा। 18 करोड़ की इस परियोजना से यमुना वाटिका जैसे पुनर्स्थापित क्षेत्रों को सुरक्षा मिलेगी। डीडीए यमुना किनारे मनोरंजक स्थल भी विकसित कर रहा है।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) वजीराबाद बैराज से आईटीओ बैराज तक यमुना के डूब क्षेत्र के 11 किमी लंबे हिस्से में स्टील की बाड़ लगाएगा। ऐसा इसलिए पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र को अतिक्रमण से बचाया जा सके। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
18 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली इस परियोजना को चयनित ठेकेदार द्वारा चार महीनों के भीतर पूरा किया जाएगा। यह पहल नदी के डूब क्षेत्र को अतिक्रमण मुक्त करने और संरक्षित करने के व्यापक प्रयास का हिस्सा है।
इस वर्ष अप्रैल में, डीडीए ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) को सूचित किया था कि उसने जनवरी और अप्रैल के बीच यमुना वनस्थली परियोजना के तहत 24 एकड़ अतिक्रमित भूमि को मुक्त करा लिया है।
डीडीए के एक अधिकारी ने कहा, "यह बाड़ यमुना वाटिका, असिता और पूर्वी तथा पश्चिमी दोनों तटों पर अन्य खाली पड़े क्षेत्रों जैसे पुनर्स्थापित क्षेत्रों को सुरक्षित करेगी। इसके लिए एक निविदा जारी की गई है।"
पिछले दो वर्षों में, यमुना के डूब क्षेत्र में कई मनोरंजक स्थल विकसित हुए हैं, जिनमें पार्क और कैफे शामिल हैं। ये सभी डीडीए द्वारा वज़ीराबाद बैराज से शुरू होकर ओखला बैराज तक नदी के 22 किमी लंबे हिस्से में विकसित किए गए हैं।
ये हैं परियोजनाए
असिता पूर्व और पश्चिम तथा कालिंदी अविरल, जिनमें बांसेरा पार्क, वासुदेव घाट, अमृत जैव विविधता पार्क और राजघाट के पास यमुना वाटिका शामिल हैं, जिनका कुल क्षेत्रफल 740 हेक्टेयर है।
यमुना वनस्थली परियोजना, पूर्वी तट पर यमुना के डूब क्षेत्र के पुनरुद्धार की परियोजनाओं में से एक है, जो वज़ीराबाद बैराज से सराय काले खां आईएसबीटी पुल तक 236.5 हेक्टेयर क्षेत्र में फैली हुई है। डीडीए यमुना के डूब क्षेत्र में अपने सभी मौजूदा और आगामी पार्कों को आपस में जोड़ने की भी योजना बना रहा है।
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