दिल्ली के गरीबों के लिए खुशखबरी, 36000 फ्लैट बनकर तैयार; सालों से लटकी योजना पर लगेगी मुहर
दिल्ली में भाजपा सरकार बनने से सालों से लटकी गरीबों के फ्लैटों की योजना पर अब फैसला हो सकेगा। दिल्ली में 36000 फ्लैट वर्षों से बनकर तैयार हैं। दिल्ली में आप सरकार और केंद्र में भाजपा सरकार होने से चलती रही तनातनी से इन फ्लैटों के आवंटन पर फैसला नहीं हो सका था। अब दिल्ली में भी भाजपा की सरकार है ऐसे में गरीबों के आवास पर उम्मीद जगी है।

वी के शुक्ला, नई दिल्ली। दिल्ली में भाजपा की सरकार आने से सालों से लटकी गरीबों के फ्लैटों की योजना पर अब फैसला हो सकेगा। दिल्ली में 36000 फ्लैट वर्षों से बनकर तैयार हैं।
दिल्ली में आप सरकार और केंद्र में भाजपा सरकार होने से चलती रही तनातनी से इन फ्लैटों के आवंटन पर फैसला नहीं हो सका था। यहां तक कि दिल्ली सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना भी दिल्ली में लागू नहीं की थी।अब दिल्ली में भी भाजपा की सरकार है ऐसे में गरीबों के आवास पर उम्मीद जगी है।
मुख्यमंत्री आवास योजना लागू करने से मामला उलझा
दिल्ली में गरीबों के आवास की बात करें तो दिल्ली की स्थिति यह है कि पिछले 10 सालों में ऐसी स्थिति रही है कि एक तरफ गरीबों के 36000 फ्लैट तैयार खड़े रहे और दूसरी तरफ झुग्गी झोपड़ी वाले उनकी तरफ टकटकी लगाए रहे हैं कि उन्हें यह फ्लैट कब मिल सकेंगे।
मगर दिल्ली सरकार द्वारा दिल्ली में मुख्यमंत्री आवास योजना लागू कर देने से यह मामला उलझ गया। जबकि 2015 में आप की सरकार आने की समय ऐसी स्थिति थी कि यह फ्लैट जल्द ही झुग्गी झोपड़ी वालों को आवंटित कर दिए जाएंगे।
36260 में से 18,639 फ्लैट मांगे गए थे आवंटित करने के लिए
उस समय दिल्ली सरकार ने इसी में से गरीबों को आवंटित करने के लिए 36260 में से 18,639 फ्लैट आवंटित करने के लिए मांगे थे। मगर जब दिल्ली की आप सरकार ने दिल्ली में प्रधानमंत्री आवास योजना को लागू करने से इनकार कर दिया और अपनी योजना मुख्यमंत्री आवास योजना लागू की तो इस गरीबों के फ्लैटों वाली इस योजना पर संकट खड़ा हो गया।।
इसी बीच दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच आवास नीति को लेकर विवाद हो गया था। दरअसल केंद्र सरकार ने जिस प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत इन फ्लैटाें को गरीबों को आवंटित करने के लिए कहा था,दिल्ली सरकार ने इस योजना को दिल्ली में लागू नहीं किया।
झुग्गी वालों से भी लिया जा चुका है पैसा
इसी बीच केंद्र सरकार 2020 में दिल्ली में पहले से तैयार फ्लैटाें को किराये पर देने की स्कीम लेकर आ गई। इन फ्लैटों काे अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग कांप्लेक्स (एआरएचसी) योजना के तहत किराये पर दिए जानेकी बात कही गई। 2021 में दिल्ली सरकार ने फिर केंद्र को पत्र लिख कर 18,639 फ्लैटों को एआरएचसी याेजना से बाहर किए जाने का अनुरोध किया था।
इसमें 9,535 फ्लैट दिल्ली सरकार को चाहिए हैं इनके लिए डूसिब आवंटन प्रक्रिया लगभग पूरी का चुका है। इनके लिए झुग्गी वालों से पैसा भी लिया जा चुका है। जबकि इसमें से 9,104 डीडीए ने मांगे हैं। मगर ऐसा भी नहीं हो सका।
बता दें कि केंंद्र सरकार के सहयोग से दिल्ली सरकार द्वारा 2010-11 से लेकर 2015 से 2016 तक ईडब्ल्यूएस श्रेणी के 36,260 फ्लैट बनाए गए थे। ये फ्लैट उन हजारों श्रमिकों की आवास आवश्यकताओं के लिए बनाए गए थे, जो बवाना, नरेला और आसपास के अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में उद्योगों में काम करते थे।
ये फ्लैट 27 से 32 वर्ग मीटर के बीच
दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डूसिब) और दिल्ली राज्य औद्योगिक एवं ढांचागत विकास निगम (डीएसआइआइडीसी) द्वारा इन्हें जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन (जेएनएनयूआरएम) के तहत बनाया गया था।
इस बीच डीएसआईआईडीसी द्वारा राजीव आवास योजना (आरएवाई) के तहत भी फ्लैट बनाए गए थे।इसमें से कुछ फ्लैट दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डूसिब) ने अपने कब्जे में ले लिए थे ये फ्लैट 27 से 32 वर्ग मीटर के बीच एरिया में हैं।
डीएसआईआईडीसी की जांच में यह बात सामने आई है कि जो फ्लैट तैयार हैं उनमें पानी और सैनिटरी पाइप, दरवाजे, खिड़कियां और यहां तक कि खंभों में इस्तेमाल होने वाले लोहे के ग्रिल यहां से चोरी हो चुकी हैं।रखरखाव न हाेने के कारण ये निर्माण कमजोर हो रहे हैं।
इन फ्लैटाें में लोगों को रहने के लिए आबंटित किए जाने से पहले फ्लैटों की मजबूती का पता लगाने के लिए सुरक्षा आडिट कराने की जरूरत है।मौजूदा हालत में कोई भी इन फ्लैटों में नहीं रह सकता है।इनकी तत्काल मरम्मत कार्य की आवश्यकता है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।