Delhi News: नए कम्युनिटी हॉल के निर्माण से DDA ने बनाई दूरी, आखिर क्यों आई ऐसी नौबत?
डीडीए के सामुदायिक भवन उपेक्षित हाल में हैं। सेक्टर-13 में दो सामुदायिक भवन एक वर्ष से बनकर तैयार हैं लेकिन अभी तक कोई बुकिंग नहीं हुई है। डीडीए का कहना है कि जितने सामुदायिक भवन हैं उनका ही इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है तो नए की क्या जरूरत है लेकिन निजी बैंक्वेट हॉल में बुकिंग के लिए लोग खड़े रहते हैं।

जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली। करीब एक दशक पहले उपनगरी में सामुदायिक भवन निर्माण को लेकर दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने खूब दिलचस्पी दिखाई, लेकिन अब डीडीए को लग रहा है कि उपनगरी में नए सामुदायिक भवन की जरूरत नहीं है, लिहाजा अब कोई नया सामुदायिक भवन नहीं बनाया जाएगा।
डीडीए का कहना है कि जितने सामुदायिक भवन हैं, अभी उनका ही इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है, तो नए की भला क्या ही जरुरत होगी। हाल ही में पालम के विधायक कुलदीप सोलंकी द्वारका परियोजना के मुख्य अभियंता के समक्ष क्षेत्र की समस्याओं को लेकर मिलने पहुंचे।
इस दौरान सामुदायिक भवन निर्माण का मुद्दा उठा, लेकिन डीडीए अधिकारियों ने उन्हें भी साफ-साफ कह दिया कि अब नए सामुदायिक भवन कहीं नहीं बनेंगे, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि आखिर ऐसी नौबत क्यों आई। एक तरफ उपनगरी के निजी बैंक्वेट हाल में बुकिंग के लिए लोग खड़े रहते हैं वहीं डीडीए के सामुदायिक भवनों को बुकिंग के लिए लोग नहीं मिलते। सेक्टर 13 में दो सामुदायिक
भवन में आज तक नहीं हुआ कोई समारोह
द्वारका सेक्टर 13 में दो सामुदायिक भवन पिछले एक वर्ष से बनकर तैयार हैं। इसमें एक मेट्रो व्यू अपार्टमेंट के नजदीक तो दूसरा इस्कान मंदिर के पास है, लेकिन दोनों में से किसी में आज तक कोई समारोह आयोजित नहीं हुआ।
पूरी इमारत में देखरेख का अभाव साफ-साफ नजर आता है। दीवारों मे सीलन व कोने में जाले नजर आते हैं। सफाई को तो शायद यहां लंबे समय से ध्यान ही नहीं रखा गया है। यहां केवल गार्ड की तैनाती की गई है।
नहीं लगा है कोई बोर्ड
दोनों सामुदायिक भवन में कोई ऐसा बोर्ड नहीं है, जिससे आपको लगे कि यह सामुदायिक भवन है। यहां तैनात गार्ड से यदि आप बुकिंग के बारे में या बुकिंग से जुड़े किसी अधिकारी के बारे में पता करना चाहेंगे तो आपको निराशा हाथ लगेगी। यहां ऐसी कोई जानकारी आपको नहीं मिलेगी जिससे आप यहां से जुड़ी कोई जानकारी प्राप्त कर बुकिंग के बारे में एक निश्चित राय कायम कर सकें।
डीडीए अधिकारी समस्या के प्रति गंभीर नहीं
आखिर ऐसी नौबत क्यों आ रही है कि लोगों ने डीडीए के सामुदायिक भवनों में बुकिंग से तौबा कर ली है। इस संबंध में डीडीए अधिकारियों का कहना है कि ऐसा क्यों हो रहा है, यह समझ से परे की बात है। हम लोगों ने सामुदायिक भवन बनाया, लेकिन बुकिंग के लिए लोगों को ही आगे आना होगा।
क्या लोगों को जागरुक करने के लिए या सामुदायिक भवन कहां कहां है, इसके बारे में कभी कोई कार्यक्रम या कोई आकर्षक योजना लॉन्च की गई है, तो डीडीए अधिकारी इस पर सीधे ना में उत्तर देते हैं। लोगों की राय उपनगरी सेक्टर 10 निवासी मनोज गुप्ता का कहना है कि डीडीए ने खुद अपने सामुदायिक भवनों को उपेक्षित हाल में छोड़ रखा है।
सेक्टर 13 में मेट्रो व्यू अपार्टमेंट के पास है सामुदायिक भवन
जमाना प्रचार प्रसार का है, लेकिन सामुदायिक भवन पर बोर्ड तक नहीं लगे होते हैं। ऐसे में भला लोगों को कैसे पता चलेगा कि यहां सामुदायिक भवन है। सेक्टर 13 में मेट्रो व्यू अपार्टमेंट के पास जो सामुदायिक भवन बना है, वहां की दशा एकदम सही नहीं है। यहां रोशनी का भी सही इंतजाम नहीं है।
लोगों को लगता है कि यहां कोई आयोजन कराना सही नहीं होगा। आसपास के इलाके में गंदगी व परिसर में धूल पसरा देख लोग आयोजन से तौबा कर लेते हैं। सेक्टर 13 निवासी शंभू कुमार का कहना है कि डीडीए की साइट पर जो नंबर लिखा है, उससे संपर्क करने की कोशिश के बाद भी संपर्क नहीं हो पाता है, लेकिन आप यदि निजी बैंक्वेट हाल में जाएंगे तो वहां आपको हर समय पर्याप्त जानकारी मिलेगी।
आपको पूरा परिसर दिखाया जाएगा, लेकिन यहां सामुदायिक भवन का ले आउट साइट पर उपलब्ध नहीं है और सामुदायिक भवन में जो गार्ड मौजूद है, वह आपको अंदर प्रवेश की इजाजत नहीं देगा। मतलब बुकिंग के मामले में डीडीए की इच्छाशक्ति का अभाव हर जगह नजर आता है।

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