दिल्ली के विकास के लिए क्या-क्या कर रहा DDA, घाटे से उबरकर मुनाफा कैसे कमाया प्राधिकरण?
डीडीए के आगामी बजट 2025-26 में बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। नई परियोजनाओं की शुरुआत की संभावना कम है लेकिन पहले से चल रही परियोजनाओं को पूरा करने पर जोर रहेगा। एलजी वीके सक्सेना की अध्यक्षता में 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक के बजट को मंजूरी मिल सकती है। दिल्ली के गांवों के विकास पर भी ध्यान दिया जा रहा है।

संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के बजट में इस बार जोर बुनियादी ढांचे के विकास पर रहेगा। बजट में कोई नई परियोजना शुरू करने की संभावना नहीं है। प्राथमिकता पहले से चल रही परियोजनाओं को जल्द पूरा करने की रहेगी।
एलजी और डीडीए चेयरमैन वीके सक्सेना की अध्यक्षता में अप्रैल के पखवाड़े में प्रस्तावित बोर्ड बैठक में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 10 हजार करोड़ से अधिक के बजट को मंजूरी मिल सकती है। वर्ष 2024-25 के लिए 8,811 करोड़ रुपये का बजट पास किया गया।
डीडीए पर राजधानी के विकास की भी जिम्मेदारी
गौरतलब है कि दिल्ली की भूमि स्वामित्व एजेंसी डीडीए पर राजधानी के विकास की भी जिम्मेदारी है। ऐसे में एलजी ने अब गांवों के विकास में डीडीए की भागीदारी सुनिश्चित की है। गांवों के विकास पर भी तेजी से काम चल रहा है। 958 करोड़ रुपये के विकास कार्य होने हैं।
इसका रोडमैप तैयार कर लिया गया है और उसके हिसाब से काम किया जा रहा है। डीडीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दिल्ली ग्रामोद्योग अभियान पर लगातार फोकस है। अर्बन एक्सटेंशन रोड (यूईआर) 2 यानी दिल्ली की तीसरी रिंग रोड का काम तेजी से चल रहा है।
इन सीटू प्रोजेक्ट यानी जहां झुग्गी वहीं मकान प्रोजेक्ट भी तेजी पकड़ रहा है। अगले महीने तक दिल्ली का मास्टर प्लान भी आ सकता है, जिसके बाद दिल्ली सुनियोजित विकास की दिशा में और आगे बढ़ेगी।
इन्हें जमीनें दे रहा डीडीए
डीडीए कड़कड़डूमा में ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट (टीओडी) के तहत एक प्रोजेक्ट तैयार कर रहा है, जहां ऑफिस और आवास एक साथ होंगे। डीडीए गोल्ड सूक, अस्पताल, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, कॉरपोरेट ऑफिस, होटल आदि कई प्रोजेक्ट के लिए जमीन लीज पर दे रहा है।
रोहिणी और नरेला में विश्वस्तरीय स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स बनाए जाएंगे, जिनमें अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं होंगी, जहां खेल आयोजन हो सकेंगे। डीडीए बड़े होटलों के लिए भी जमीन मुहैया करा रहा है। उम्मीद है कि अगले ढाई से तीन साल में द्वारका, रोहिणी और नरेला में ये बनकर तैयार हो जाएंगे। नरेला में एजुकेशन हब विकसित किया जा रहा है।
22 किमी लंबे रीवरफ्रंट हो रहा तैयार
वजीराबाद से ओखला तक यमुना के पूरे 22 किलोमीटर लंबे हिस्से को अलग-अलग हिस्सों में रिवरफ्रंट के तौर पर विकसित किया जा रहा है। मिलेनियम डिपो की जमीन पर भी तेजी से काम चल रहा है।
छोटे-छोटे टेंट लगाकर हैंडीक्राफ्ट, ऑर्गेनिक और खाने-पीने की चीजें मिलेंगी, वहीं सेंट्रल पियाजा और टोपेरी पार्क के साथ बांस के पुल भी आकर्षण का केंद्र होंगे। यहां लॉन और दो बड़ी पार्किंग भी तैयार की जा रही हैं।
इसके अलावा, कुछ परियोजनाएं, जिनके लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट में धनराशि भी आवंटित की गई थी, उन्हें इस वर्ष के मध्य तक तथा कुछ को वर्ष के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
इस साल पूरे होने वाले प्रोजेक्ट
- सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के तहत द्वारका के सेक्टर 8, 19, 23 और रोहिणी के सेक्टर 33 में बने विशेष खेल सुविधाओं वाले चार कॉम्प्लेक्स मई के अंत तक काम करना शुरू कर देंगे।
- कठपुतली कॉलोनी जहां झुग्गी, वहीं मकान (इन सीटू रिहैबिलिटेशन) प्रोजेक्ट के तहत झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले 2800 परिवारों को घर मिलेंगे। प्रोजेक्ट के तहत इस साल दिवाली तक 800 फ्लैट रहने के लिए तैयार हो जाएंगे।
- सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की प्रतिष्ठित प्रतिकृतियों के साथ लघु भारत की अवधारणा पर आधारित द्वारका में 200 एकड़ में फैला भारत वंदना पार्क जुलाई 2025 तक पूरा हो जाएगा।
- यमुना के किनारों और मिलेनियम पार्क के कायाकल्प और पुनर्विकास पर चल रहा काम इस साल के अंत तक पूरा हो जाएगा।
- कड़कड़डूमा में निर्माणाधीन ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट (टीओडी) प्रोजेक्ट के एक साल के भीतर पूरा होने की उम्मीद है। अगले महीने इस स्थान पर स्टूडियो अपार्टमेंट की नीलामी शुरू करने का लक्ष्य है।
घाटे से उबरकर सरप्लस हुई डीडीए की आय
डीडीए ने 2023-24 में 511 करोड़ रुपये का अधिशेष हासिल किया था, जो 2024-25 में बढ़कर 1,299 करोड़ रुपये हो गया। इससे पहले डीडीए 2013-14 से लगातार राजस्व घाटे में चल रहा था
यह भी पढ़ें: दिल्ली में नालों की होगी नियमित सफाई, PWD इंजीनियर करेंगे ये काम
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।