दिल्ली में नालों की होगी नियमित सफाई, PWD इंजीनियर करेंगे ये काम
दिल्ली में मानसून के दौरान जलभराव को रोकने के लिए पीडब्ल्यूडी ने नालों की सफाई की निगरानी के आदेश जारी किए हैं। पीडब्ल्यूडी के अभियंता नियमित रूप से नालों की सफाई का निरीक्षण करेंगे गाद हटाएंगे और एसओपी का पालन सुनिश्चित करेंगे। अतिक्रमण हटाने और वीडियोग्राफी करने के भी निर्देश दिए गए हैं। विभाग के प्रधान सचिव ए अंबरसू के निर्देश पर यह आदेश जारी किया गया है।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। मानसून के दौरान जलभराव रोकने के लिए भाजपा सरकार की सख्ती से अफसरों में बढ़ रही टेंशन के बीच लोक निर्माण विभाग ने नालों की सफाई की निगरानी के आदेश जारी किए हैं। विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि नालों की सफाई की नियमित निगरानी की जाए।
इंजीनियर करेंगे नियमित निरीक्षण
आदेश में साफ कहा गया है कि विभाग के अधीक्षण अभियंता, नालों की सफाई के कार्य से जुड़े सभी अधिशासी अभियंता, सहायक अभियंता और कनिष्ठ अभियंता मुख्य रूप से गाद हटाने और इससे जुड़े कार्यों का निरीक्षण करेंगे। विभाग के प्रधान सचिव ए अंबरसू के निर्देश पर यह आदेश जारी किया गया है।
विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इसके साथ ही नालों की सफाई के लिए जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का पूरा पालन किया जाएगा। नालों की सफाई को लेकर आरोप-प्रत्यारोप लगने के बाद पिछले साल जुलाई में लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता ने नालों की सफाई को लेकर एसओपी जारी की थी, जिसमें अन्य बातों के अलावा नालों की सफाई की अनिवार्य वीडियोग्राफी भी शामिल है।
एसओपी के अनुसार नालों पर अतिक्रमण को पीडब्ल्यूडी के अधिकारी खुद या दिल्ली पुलिस, जिलाधिकारी, एमसीडी आदि की मदद से हटाएंगे। किसी भी हालत में गाद हटाने से परहेज नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि इससे जलभराव होता है।
एसओपी में कहा गया है कि सभी नालों की हर हाल में पूरी तरह सफाई होनी चाहिए। अगर नालों के कुछ हिस्सों पर अतिक्रमण है तो उसे दिल्ली पुलिस और एमसीडी के साथ-साथ अन्य एजेंसियों की मदद से हटाया जाना चाहिए। सिर्फ एक बार गाद निकालना काफी नहीं है।
नाले हर समय साफ होने चाहिए। निकाली गई गाद दो घंटे के अंदर हटाई जानी चाहिए। गाद हटाने के काम को सत्यापित करने के लिए एक स्वतंत्र निगरानी टीम बनाई जानी चाहिए और मुख्यालय को रिपोर्ट देनी चाहिए।
लगाए जाएंगे सीसीटीवी कैमरा
सभी जूनियर और असिस्टेंट इंजीनियर (एई, जेई) और एग्जीक्यूटिव इंजीनियर (इलेक्ट्रिकल) को यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि किसी भी जगह पर खुले या असुरक्षित तार न हों। जिन इलाकों में चोरी का खतरा ज्यादा है, वहां सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं।
इस संबंध में कमी को दूर करने के लिए की गई कार्रवाई की तस्वीरें और वीडियो रिकॉर्ड नियमित रूप से ई-मॉनीटरिंग सिस्टम पर अपलोड किए जाएं। अंधेरे में किसी भी दुर्घटना से बचने के लिए सभी संवेदनशील इलाकों में उचित रोशनी की व्यवस्था की जानी चाहिए।
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