Delhi News: दिल्ली में अवैध बोरवेल करवाने वाले हो जाएं सावधान, वरना भुगतना पड़ेगा अंजाम
दिल्ली में गिरते जल स्तर को देखते हुए जिला मजिस्ट्रेट (dc) ने अवैध बोरवेल को सील करने का आदेश दिया है। एसडीएम दिल्ली जल बोर्ड और अन्य अधिकारियों की संयुक्त टीम निरीक्षण करेगी। एनजीटी ने बाह्य विकास शुल्क (ईडीसी) के भुगतान में ढिलाई पर असंतोष जताया है जिसके चलते डिफ़ॉल्टरों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। जिला मजिस्ट्रेट ने गर्मी के मौसम में गिरते जल स्तर को ध्यान में रखते हुए अवैध बोरवेल को तत्काल प्रभाव से सील करने की आवश्यकता पर बल दिया। इसके लिए एसडीएम, दिल्ली जल बोर्ड और अन्य संबंधित अधिकारियों की एक संयुक्त टीम बनाई गई है, जो नियमित निरीक्षण करेगी और हर सप्ताह रिपोर्ट सौंपेगी।
समिति को बताया गया कि एनजीटी ने बाह्य विकास शुल्क (ईडीसी) का भुगतान न करने वालों के खिलाफ कार्रवाई में ढिलाई पर असंतोष व्यक्त किया है। इस पर सभी एसडीएम को ऐसे डिफॉल्टरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं। अगर किसी पते पर मालिक की पहचान नहीं होती है तो सभी फ्लैट मालिकों को नोटिस जारी किए जाएंगे।
दिल्ली जल बोर्ड को बोरवेल खुदाई से संबंधित ठेकेदारों के साथ बैठक कर मानक संचालन प्रक्रिया का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने और दिशा-निर्देश जारी करने के निर्देश दिए गए हैं।
बैठक में दिल्ली जल बोर्ड, दिल्ली छावनी बोर्ड आदि द्वारा प्रस्तुत प्रस्तावों की विस्तार से समीक्षा की गई। भूजल संरक्षण, पेयजल आवश्यकताओं और जल वितरण नेटवर्क की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए कई सिफारिशें की गईं। डीएम ने संबंधित एसडीएम और जल बोर्ड को 15 दिनों के भीतर सभी अनुरोधों की जांच करने और स्पष्ट और तार्किक सिफारिशों के साथ एक कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
वसंत विहार में अवैध जल उपयोग की जांच के आदेश
वसंत विहार उप-मंडल में कृषि प्रयोजन के लिए निकाले गए पानी का उपयोग वाणिज्यिक और औद्योगिक गतिविधियों के लिए किए जाने की शिकायतों का संज्ञान लेते हुए, डीएम ने अधिकारियों को नियमित सर्वेक्षण करने, अवैध बोरवेलों को सील करने और कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
डीएम ने दिए ये निर्देश
नई दिल्ली के डीएम सनी के सिंह ने कहा कि गर्मियों में पानी की खपत काफी बढ़ जाती है, जिससे भूजल स्तर में गिरावट आती है। अवैध बोरवेल को स्थायी रूप से बंद करके पानी की बर्बादी रोकी जा सकती है। इस दिशा में उठाए गए कदमों से जल संकट कम होने की उम्मीद है।
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