Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Delhi: UP के पूर्व मुख्य सचिव और IAS अफसर अखंड प्रताप सिंह की दो बेटियों को कोर्ट से मिली राहत, इस मामले में हुईं बरी

    By Ritika MishraEdited By: Geetarjun
    Updated: Wed, 01 Nov 2023 10:41 PM (IST)

    आय से अधिक 2.40 करोड़ की संपत्ति अर्जित करने के मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने पूर्व आइएएस अधिकारी और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव अखंड प्रताप सिंह की दो बेटियों को बरी कर दिया।विशेष न्यायाधीश नमृता अग्रवाल ने जूही सिंह और जावा सिंह को बरी करते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष पूर्व आइएएस अधिकारी के खिलाफ मामला साबित नहीं कर सका।

    Hero Image
    UP के पूर्व मुख्य सचिव और IAS अफसर अखंड प्रताप सिंह की दो बेटियों को कोर्ट से मिली राहत।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। आय से अधिक 2.40 करोड़ की संपत्ति अर्जित करने के मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने पूर्व आईएएस अधिकारी और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव अखंड प्रताप सिंह की दो बेटियों को बरी कर दिया। विशेष न्यायाधीश नमृता अग्रवाल ने जूही सिंह और जावा सिंह को बरी करते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष पूर्व आईएएस अधिकारी के खिलाफ मामला साबित नहीं कर सका। चूंकि 18 जून, 2023 को मुकदमे के दौरान अखंड प्रताप सिंह की मृत्यु हो गई थी, जब गवाहों की गवाही अभी भी चल रही थी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    न्यायाधीश ने कहा कि चूंकि उनके पिता की मृत्यु के बाद उनके खिलाफ मामला समाप्त कर दिया गया था, ऐसे में यह साबित नहीं हो सका है कि उनकी बेटियां आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने में शामिल थीं।

    अभियोजन पक्ष ने लगाए थे ये आरोप

    अभियोजन पक्ष ने जूही और जावा पर अपने पिता द्वारा किए गए अपराध को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था। अभियोजन पक्ष के अनुसार, सिंह ने अपने व अपनी बेटियों और परिवार के सदस्यों के नाम पर अचल और चल संपत्तियों के रूप में आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित की।

    इसमें आरोप लगाया गया कि सिंह ने अपनी सेवा के दौरान अवैध रूप से भारी धन कमाया और अपनी विवाहित बेटियों और अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर अचल संपत्ति खरीदकर इसका दुरुपयोग किया।

    ये भी पढ़ें- बिहार के पूर्व विधायक और उनकी पत्नी की बढ़ी मुश्किलें, महिला की मौत मामले में दिल्ली की अदालत ने आरोप तय करने के दिए आदेश