Digital Arrest: 10वीं फेल शख्स ने आईआईटियन को किया डिजिटल अरेस्ट, साढ़े चार लाख ठगे
Cyber Fraud दिल्ली के आईआईटी के एक छात्र को 4.33 लाख रुपये की चपत लग गई। साइबर अपराधी ने खुद को डीएचएल कूरियर सर्विस और मुंबई पुलिस अधिकारी बताकर ठगी की। आरोपी ने छात्र के बैंक खातों से पैसे ट्रांसफर कराए और फिर क्रिप्टोकरेंसी में बदलकर मुनाफा कमाया। पुलिस ने आरोपी को चेन्नई से गिरफ्तार कर लिया है। लेख में पढ़ें पूरी खबर।

जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली। राजधानी दिल्ली स्थित आइआइटी के इंजीनियरिंग चतुर्थ वर्ष के छात्र को डिजिटल अरेस्ट कर 4.33 लाख रुपये ठगने वाले साइबर अपराधी दसवीं फेल निकाला। दक्षिणी पश्चिम दिल्ली जिला पुलिस की साइबर थाना टीम ने उसे चेन्नई से गिरफ्तार कर लिया है। लोहावट, राजस्थान निवासी आरोपित मदन लाल चीनी नागरिक के संपर्क में था।
उसने हॉन्गकॉन्ग के नंबर से पीड़ित छात्र के पास फोन कराते हुए ठगी की वारदात को अंजाम दिया था। आरोपित चालू खाते खरीदकर उसमें ठगी की रकम डलवाता। फिर डेबिट कार्ड से यूएसडीटी (क्रिप्टो केरेंसी) खरीदकर ऊंचे दामों पर बेचकर मुनाफा कमाता था।
IIT दिल्ली से इंजीनियरिंग छात्र ने पुलिस में दर्ज कराई शिकायत
दक्षिणी पश्चिम पुलिस उपायुक्त सुरेन्द्र चौधरी ने बताया कि 16 नवंबर 2024 को आईआईटी दिल्ली से इंजीनियरिंग चतुर्थ वर्ष के छात्र ने शिकायत दर्ज कराई। पीड़ित ने शिकायत में बताया कि उसे डीएचएल कूरियर सर्विसेज से एक फोन आया। फोन करने वाले ने दावा किया कि उसके नाम से एक अवैध पार्सल मुंबई से बीजिंग भेजा जा रहा है।
छात्र ने ऐसे किसी भी पार्सल को भेजने की बात से इनकार किया। इसके बाद कथित रूप से मुंबई के गामदेवी पुलिस स्टेशन से फोन आया। खुद को पुलिस अधिकारी बताते हुए फोन करने वाले ने मामला उससे जुड़े होने का आरोप लगाया। उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने का डर दिखाते हुए आरोपियों ने वाट्सएप वीडियो काल के जरिए उसके बयान लिए।
पुलिस और ईडी अधिकारी बनकर पीड़ित के बैंक खातों से पैसे ट्रांसफर कराए। इसके बाद 18 नवंबर को जालसाजों ने दोबारा उससे संपर्क किया और फेड़एक्स से एक और अवैध पार्सल का दावा किया और अधिक पैसे की मांग की।
हॉन्गकॉन्ग से संचालित एक विदेशी नंबर से आया था फोन
पीड़ित ने अपने बैंक खातों से कई यूपीआई ट्रांजेक्शन के जरिए कुल 4,33,047 रुपये आरोपितों को ट्रांसफर किए। पुलिस ने शिकायत पर संबंधित धारा में केस दर्ज कर जांच शुरू की। तकनीकी विश्लेषण करने पर टीम को पता चला कि हॉन्गकॉन्ग से संचालित एक विदेशी नंबर से पीड़ित को फोन किया गया था।
ठगी की रकम 4,33,047 रुपये में से कुछ हिस्सा राजस्थान के राय सिंह नगर के तेजपाल शर्मा के केनरा बैंक के खाते में भेजा गया। पुलिस ने तेजपाल शर्मा से पूछताछ की। उसने बताया कि उसका एटीएम कार्ड दोस्त गगनदीप सिंह के पास है, जिसने लिंक किया हुआ मोबाइल नंबर बदल दिया था। गगनदीप से पूछताछ में सामने आया कि उसने अपने दोस्त बजरंग को खाता उपलब्ध कराया था।
पुलिस ने छापा मार कर चेन्नई से आरोपी को पकड़ा
जांच में सामने आया कि ठगी की रकम राजस्थान के लोहावट स्थित यूको बैंक के एटीएम से निकाली गई थी। पैसे निकालने वाले की पहचान स्थानीय निवासी मदन लाल के रूप में हुई। पुलिस (delhi police) ने मदन लाल को छापा मार कर चेन्नई से गिरफ्तार कर लिया। आरोपित दसवीं फेल है।
वह बैंक खाते खरीदकर डेबिट कार्ड के माध्यम से ठगी के पैसे निकालता है। फिर वह उन पैसों से यूएसडीटी (क्रिप्टो करेंसी) खरीदकर ऊंचे दामों पर बेचता है और मुनाफा कमाता है। उस पर राजस्थान के पाली जिले के सोजत रोड थाने में एनडीपीएम का भी मामला दर्ज है।
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