गुजरात से चल रहे अंतरराज्यीय साइबर ठग गिरोह का भंडाफोड़, मोटे मुनाफे का लालच देकर ठगे थे 11.20 लाख
दिल्ली में साइबर ठगी का मामला सामने आया है जहाँ उच्च रिटर्न का लालच देकर एक व्यक्ति से 11.20 लाख रुपये ठगे गए। पुलिस ने गुजरात से अंतरराज्यीय गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है। ये गिरोह फर्जी ट्रेडिंग एप के माध्यम से लोगों को 5-10 प्रतिशत प्रतिदिन रिटर्न का वादा करके ठगता था। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली। निवेशकों को मोटा रिटर्न का लालच देकर ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के दो सदस्यों को पुलिस ने गुजरात से गिरफ्तार किया है।
गिरोह के लोग निवेशकों को इंटरनेट मीडिया के माध्यम से लुभाते थे और फिर फर्जी ट्रेडिंग एप के माध्यम से मुनाफे की झूठी राशि दिखाकर लोगों से खातों में पैसा ट्रांसफर कराते थे और बाद में पैसा नहीं लौटाते थे।
गिरोह के झांसे में आकर रोहिणी सेक्टर-25 के रहने वाले एक युवा ने अपने 11.20 लाख रुपये गंवा दिए। पुलिस का कहना है कि युवक से ठगी करने वाले दोनों आरोपियों का संबंध गुजरात और आसपास के राज्यों से संचालित एक अंतरराज्यीय साइबर अपराध नेटवर्क से है।
पुलिस का कहना है कि इसी पैटर्न पर निवेशकों से ठगी करने वाले आधा दर्जन मामलों की पुलिस जांच कर रही है।
रोहिणी सेक्टर-25 इस्कान मंदिर के पीछे रहने वाले शिकायकर्ता सत्येंद्र ने बताया कि ब्लिंक्समैक्स नाम के फर्जी ट्रेडिंग एप के माध्यम से निवेश के नाम पर 11.20 लाख रुपये की उनसे ठगी हुई।
इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से संपर्क किया था, जिसमें रोजाना 5-10 प्रतिशत दैनिक रिटर्न का वादा किया। सत्येंद्र ने बताया कि रिद्धि नामक महिला ने मुझे ब्लिंकएक्समैक्स नाम के एक फर्जी ट्रेडिंग एप की जानकारी दी, जिसे असली जैसा बनाया गया था।
केवाईसी प्रक्रिया पूरी करने और धन जमा करने के बाद, मुझे हेरफेर किए गए डैशबोर्ड के माध्यम से लाभ और हानि दिखाई गई। बाद में मुझे उसी एप के माध्यम से आईपीओ में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया गया, जिसमें मेरे बैलेंस से अधिक मूल्य के शेयरों का फर्जी आवंटन दिखाया गया।
आईपीओ लेनदेन को पूरा करने के लिए, मुझे अधिक धनराशि का इंतजाम करने के लिए मजबूर किया गया और कहा गया कि बाकी राशि ब्याज मुक्त ऋण के रूप में कवर की जाएगी।
उनके द्वारा दिए गए नए बैंक खातों में और धनराशि ट्रांसफर कर दी हालांकि, नया बहाना बनाकर निकासी को फिर से रोक दिया गया। घोटाले का अहसास होने के बाद समूह के सदस्यों से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन पाया कि सभी नकली थे।
मेरे खाता प्रबंधक ने भी जवाब देना बंद कर दिया। मैंने कुल 11.20 लाख खो दिए हैं। उत्तरी-बाहरी जिला पुलिस उपायुक्त हरेश्वर दयाल ने बताया कि गत 13 मई को एनसीआरपी पोर्टल के माध्यम से शिकायत प्राप्त हुई।
इसके बाद जिले के साइबर थाना एसएचओ इंस्पेक्टर गोविंद सिंह की देखरेख में टीम ने तकनीकी निगरानी और वित्तीय विश्लेषण किया। गुजरात के साबरकांठा के गढ़ा गांव में छापा मारा गया, जहां आरोपित जाबिर हुसैन और माज अरोडिया को गिरफ्तार कर लिया।
दोनों हिम्मतनगर क्षेत्र के गढ़ा गांव के रहने वाले हैं। आरोपियों से दो मोबाइल, एक पासबुक, दो डेबिट कार्ड व एक चेकबुक बरामद की है।
जिला पुलिस उपायुक्त ने बताया कि विश्लेषण के दौरान खाते और संदिग्ध एनसीआरपी की तीन अन्य शिकायतों से जुड़े पाए गए, जो इसी तरह के फर्जी ट्रेडिंग एप धोखाधड़ी से संबंधित थीं, जिससे गुजरात और आसपास के राज्यों से संचालित एक अंतरराज्यीय साइबर अपराध नेटवर्क का पता चला।
सेबी से सूचीबद्ध ब्रोकर से पुष्टि जरूरी
साइबर पुलिस ने नागरिकों को सलाह दी कि वे अज्ञात एप या सोशल मीडिया लिंक के माध्यम से निवेश न करें, जो अवास्तविक लाभ का वादा करते हैं।
ट्रेडिंग प्लेटफार्म की हमेशा आधिकारिक सेबी-सूचीबद्ध ब्रोकर के माध्यम से पुष्टि करें और संदिग्ध लिंक की तुरंत www.cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करें या 1930 डायल करें।
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