कंबोडिया से ऑपरेट हो रहा था साइबर ठगों का नेटवर्क, दिल्ली में 3 करोड़ की ट्रेडिंग ऐप ठगी का खुलासा
दक्षिणी दिल्ली पुलिस ने साइबर ठगी करने वाले एक गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इन लोगों ने फर्जी ट्रेडिंग ऐप के माध्यम से तीन करोड़ रुपये की ठगी की थी। पुलिस जांच में पता चला है कि इस गिरोह के तार कंबोडिया से जुड़े हैं। आरोपियों के पास से मोबाइल फोन बरामद हुए हैं जिनमें फर्जी लेन-देन के सबूत मिले हैं। पुलिस छानबीन कर रही है।

जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली। दक्षिण पश्चिमी जिला पुलिस ने साइबर ठगी में शामिल एक गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इनके बैंक खातों की पड़ताल की तो गिरफ्तारी से पहले तीन दिन में इन्होंने फर्जी ट्रेडिंग ऐप से तीन करोड़ की ठगी को अंजाम दिया था। गिरोह के तार कंबोडिया से आपरेट होने वाले अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क से जुड़े हैं। पुलिस इसकी जांच कर रही है। पुलिस ने गिरफ्तार आरोपितों के कब्जे से चार मोबाइल फोन बरामद किए हैं, जिनमें ईमेल और फर्जी लेन-देन के सबूत मिले हैं। आरोपितों की पहचान बुलंदशहर निवासी माणिक अग्रवाल, खुर्जा निवासी अब्दुल्ला उर्फ लूसिफर, अलीगढ निवासी मोहम्मद आमिर उर्फ राकी और इंदौर निवासी शनमिया खान के रूप में हुई है।
आईपीओ आवंटन करने का वादा
पुलिस उपायुक्त अमित गोयल ने बताया कि साइबर थाना पुलिस को टी. सिंह नाम के व्यक्ति ने अपने साथ हुई ठगी की शिकायत दी थी। पीड़ित ने पुलिस को बताया कि 10 जून 2025 को अनाया कपूर नाम की एक युवती ने उन्हें एक वाट्सएप ग्रुप 101 शून्य वेल्थ सर्कल में जोड़ा था। खुद को ग्रुप का मुख्य निवेश अधिकारी बताने वाले सरवजीत सिंह विर्क नामक व्यक्ति ने पीड़ित के नाम पर 34 लाख के आईपीओ आवंटन करने का वादा किया।
सभी खाते बंद कर दिए
आरोपित ने पीड़ित का विश्वास जीतने के लिए उसके एसबीआइ खाते में पांच हजार रुपये जमा किए। इसके बाद ऐप में उनके नाम आठ लाख रुपये के लोन की एक एंट्री दिखाई। पीड़ित को कहा गया कि ऋण नहीं चुकाए जाने पर उन पर पैनल्टी लगेगी। डर कर उन्होंने 11 अगस्त 2025 को आठ लाख चार हजार रुपये आरोपितों के खाते में स्थानांतरित कर दिए। पैसा मिलने के बाद आरोपितों ने उनके सभी खाते बंद कर दिए। पुलिस ने उनकी शिकायत पर मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
कंबोडिया के हैंडलर के संपर्क में था सरगना
पुलिस ने इस मामले में तकनीकी निगरानी और मनी ट्रेल के माध्यम से उस खाते ही जानकारी हासिल की, जिसमें ठगी के पैसे गए थे। खाते से लिंक मोबाइल नंबर की जानकारी निकाल कर पुलिस ने बुलंदशहर से एक निजी कंपनी में अकाउंटेंट माणिक अग्रवाल को गिरफ्तार किया। माणिक अग्रवाल ने ठगों को अपना बैंक खाता कमीशन पर उपलब्ध करवाया था, जिसमें धोखाधड़ी की रकम ट्रांसफर हो रही थी।
हैंडलर जैक से सीधे संपर्क
माणिक से पूछताछ के बाद पुलिस ने अब्दुल्ला उर्फ लूसिफर और मोहम्मद आमिर उर्फ राकी गिरफ्तार किया। अब्दुल्ला कानून की पढ़ाई कर रहा है और उसने फर्जी बैंक खाते खुलवाने में मदद की थी, जबकि आमिर जालसाजों के लिए बैंक खातों का इंतजाम करता था। इन दोनों से पूछताछ के बाद शनमिया खान को इंदौर से गिरफ्तार किया गया। शनमिया खान इस गिरोह का सरगना है जो कंबोडिया से ठगी का गिरोह चलाने वाले हैंडलर जैक से सीधे संपर्क में था।
गृह मंत्रालय के पोर्टल पर 16 शिकायत दर्ज
जांच में पता चला कि पीड़ितों से बातचीत में इस्तेमाल वाट्सएप नंबर कंबोडिया में सक्रिय थे। सभी आरोपित अक्सर दिल्ली में आकर पांच सितारा होटलों में रुकते थे। पुलिस को कई होटलों से इनके ठहरने की सीसीटीवी फुटेज भी मिली है। इनके खिलाफ गृह मंत्रालय के पोर्टल पर 16 शिकायत दर्ज हैं, जबकि ठगी के लिए रकम मंगवाने के लिए एक अकाउंट नंबर की जानकारी के साथ शिकायत दर्ज है।
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