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    SSC पेपर लीक मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने दो गवाहों को आरोपी बनाने की याचिका की खारिज

    राउज एवेन्यू कोर्ट ने 2017 के एसएससी पेपर लीक मामले में आरोपी कपिल धामा की याचिका खारिज कर दी जिसमें दो गवाहों को आरोपी बनाने की मांग की गई थी। अदालत ने कहा कि गवाहों मोहम्मद इमरान और परवीन की भूमिका मुख्य आरोपियों जैसी नहीं है और उनकी गवाही साजिश को उजागर करने में महत्वपूर्ण है। सुप्रीम कोर्ट ने पहले परीक्षा रद्द करने से इनकार कर दिया था।

    By Ritika Mishra Edited By: Kushagra Mishra Updated: Tue, 26 Aug 2025 10:03 PM (IST)
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    एसएससी पेपर लीक मामले में दो गवाहों को भी आरोपी बनाने की याचिका दायर की गई थी।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राउज एवेन्यू स्थित विशेष न्यायाधीश की अदालत ने वर्ष 2017 के स्टाफ सेलेक्शन कमीशन (SSC) पेपर लीक मामले में दायर उस अर्जी को खारिज कर दिया, जिसमें दो गवाहों को आरोपियों के तौर पर तलब करने की मांग की गई थी।

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    विशेष न्यायाधीश एमपी सिंह ने आरोपियों कपिल धामा की अर्जी पर यह आदेश दिया। धामा पर सीबीआई 2017 के एसएससी कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल (सीजीएल) परीक्षा के दौरान गड़बड़ियों और प्रश्न पत्र लीक के आरोप में मामला दर्ज किया था।

    अर्जी में मांग की गई थी कि दो गवाह मोहम्मद इमरान और परवीन को भी आरोपी बनाया जाए, लेकिन अदालत ने कहा कि कानूनन यह निर्णय अभियोजन पक्ष का होता है कि किसे आरोपी बनाया जाए और किसे गवाह रखा जाए।

    कोर्ट ने माना कि इमरान और परवीन ने परीक्षा में उम्मीदवार रहते हुए मुख्य आरोपियों को रुपयों की पेशकश की थी, लेकिन उनकी भूमिका प्रमुख अपराधियों जैसी नहीं है। उनकी संलिप्तता केवल सीमित स्तर पर दिखती है और वे पूरे षड्यंत्र को उजागर करने में अहम गवाह साबित हो सकते हैं।

    अदालत ने कहा कि इन गवाहों की गवाही मुख्य आरोपियों की भूमिका और प्रश्नपत्र लीक की साजिश को समझने के लिए आवश्यक है। इसलिए उन्हें आरोपित बनाने की मांग बिल्कुल उचित नहीं है।

    उल्लेखनीय है कि मार्च 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने यह परीक्षा रद करने से इनकार कर दिया था, लेकिन स्पष्ट किया था कि नतीजे मामले के अंतिम निर्णय पर निर्भर रहेंगे।

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