हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा- इंजीनियर रशीद के संसद सत्र में हिस्सा लेने के यात्रा व्यय की गणना का आधार
दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से सांसद इंजीनियर रशीद के संसद में भाग लेने के लिए यात्रा खर्च की गणना का आधार स्पष्ट करने को कहा है। अदालत ने रशीद के कर्तव्य के तर्क पर सवाल उठाते हुए पूछा कि एक सांसद के कर्तव्य क्या हैं और क्या उन्हें पूरे देश की यात्रा करने का अधिकार है? रशीद 2017 के आतंकी फंडिंग मामले में तिहाड़ जेल में बंद हैं।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के सांसद इंजीनियर रशीद पर संसद में उपस्थित होने के लिए लगाए गए यात्रा व्यय की गणना का आधार स्पष्ट करने को कहा है।
न्यायमूर्ति विवेक चौधरी व न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी की पीठ ने दिल्ली पुलिस से दिल्ली सशस्त्र पुलिस के कार्यालय द्वारा तिहाड़ जेल अधीक्षक को भेजे गए पत्र में दी गई गणना के आधार की व्याख्या करने को कहा है। मामले में आगे की सुनवाई 18 अगस्त को होगी।
रशीद ने 25 मार्च को एक समन्वय पीठ द्वारा पारित आदेश में संशोधन की मांग की है। जिसमें संसद सत्र में हिस्सा लेने के लिए कस्टडी पैरोल देते हुए जेल अधिकारियों के पास लगभग चार लाख जमा करने को कहा गया था।
सुनवाई के दौरान राष्ट्रीय जांच एजेंसी के वकील ने पीठ को बताया कि दिल्ली पुलिस के वकील इस प्रश्न का उत्तर देने की बेहतर स्थिति में थे क्योंकि उन्हें संसद तक ले जाने वाली बटालियन दिल्ली पुलिस के अधीन है।
वहीं, रशीद की तरफ से तर्क दिया गया कि यह सिर्फ एक विशेषाधिकार नहीं, बल्कि अपना सार्वजनिक कार्य करने का अधिकार है। यह भी कहा कि संसद में उपस्थित होना मेरा कर्तव्य है और इसे सुविधाजनक बनाएं।
इस पर पीठ ने रशीद की तरफ से पेश वकील से पूछा कि एक सांसद के कर्तव्य क्या हैं? पहला, संसद में उपस्थित होना, दूसरा, अपने निर्वाचन क्षेत्र का दौरा करना। तो, कल आप कहेंगे कि मुझे अपने निर्वाचन क्षेत्र का दौरा करने की अनुमति दें।
फिर आप कहेंगें कि आपको अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों और राजनीतिक भाइयों से मिलने का अधिकार है। आखिर यह कहां रुकेगा? पीठ ने यह भी पूछा कि क्या उन्हें पूरे देश की यात्रा करने का अधिकार है।
हालांकि, जवाब में रशीद के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल को केवल संसद सत्र की चिंता है और अपने क्षेत्र के हितों का प्रतिनिधित्व करने के लिए वहां उपस्थित होना चाहते हैं।
2017 के आतंकी फंडिंग मामले में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत एनआईए द्वारा 2019 में गिरफ्तार किया गया था और तब से वह तिहाड़ जेल में हैं।
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