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    Delhi Chunav: जब देश और दिल्ली में मजबूत थी कांग्रेस, तब भी करावल नगर सीट पर नहीं मिली जीत; AAP ने की दुर्गति

    Updated: Thu, 26 Dec 2024 05:25 PM (IST)

    राजधानी दिल्ली के करावल नगर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस का प्रदर्शन हमेशा से कमजोर रहा है। पार्टी कभी भी इस सीट पर जीत दर्ज नहीं कर सकी। इस लेख में हम कांग्रेस के इस क्षेत्र में लगातार हार के कारणों का विश्लेषण करेंगे और देखेंगे कि आम आदमी पार्टी के उदय ने कांग्रेस की स्थिति को कैसे प्रभावित किया है।

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    दिल्ली की करावल नगर सीट पर कांग्रेस का कभी नहीं खुला खाता।

    शुजाउद्दीन, पूर्वी दिल्ली। करावल नगर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस कभी खुद को मजबूत नहीं कर सकी। हर एक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस दूसरे व तीसरे स्थान पर ही सिमट कर कर रह गई है। इस सीट पर एक भी बार कांग्रेस ने जीत दर्ज नहीं की। उस वक्त में भी जब देश व दिल्ली में कांग्रेस की तूती बोलती थी।

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    विधानसभा क्षेत्र के राजनीति से जुड़े लोगों ने बताया कि इस सीट पर कांग्रेस का कोई नेता उभर नहीं सका। हर चुनाव में कांग्रेस काे अपना प्रत्याशी बदलना पड़ा, लेकिन यह फार्मूला भी उनका किसी काम का नहीं रहा। हसन अहमद को प्रदेश का कद्दावर नेता कहा जाता है। कांग्रेस ने वर्ष 2003 में उन्हें भी मैदान में उतारा, लेकिन वह जीत नहीं सके। आखिरकार हसन को यह सीट छोड़कर मुस्तफाबाद विधानसभा क्षेत्र जाना पड़ा और जहां वह दो बार लगातार जीते भी।

    पूर्वांचली लोगों के बीच पैठ रखने वाला चेहरा नहीं मिला

    लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी करावल नगर नहीं जीते। करावल नगर में पूर्वांचल और पहाड़ी मतदाता काफी संख्या में है, यह दोनों मिलकर ही तय करते हैं किस पार्टी का विधायक बनेगा। इस सीट पर कांग्रेस काे पहाड़ी व पूर्वांचली लोगों के बीच अपनी पैठ रखने वाला चहरा नहीं मिला। लगातार मिल रही हार के बाद पार्टी इस सीट पर ज्यादा सोच विचार नहीं करती है। इस सीट पर अनाधिकृत कालोनियां अधिक हैं।

    आप ने की कांग्रेस की दुर्गति

    राजनीतिक लोगों का कहना है जब से आम आदमी पार्टी आई है, तब से इस सीट पर कांग्रेस की दुर्गति ज्यादा हो गई है। दो बार चुनाव में ऐसा हुआ कि 90 हजार से अधिक वाेट से कांग्रेस प्रत्याशी को करारी शिकस्त मिली है। उनकी जमानत भी जब्त हो गई। आम आदमी पार्टी के आने से पहले कांग्रेस यहां पर कम से कम दूसरे स्थान पर तो रहती थी। अब दूसरे स्थान की जगह तीसरे पर पहुंच गई है।

    वर्ष नाम पार्टी स्थान

    इतने अंतर से मिली हार

    1993 कल्याण सिंह कांग्रेस दूसरा 5506
    1998 जिले सिंह कांग्रेस दूसरा 3058
    2003 हसन अहमद कांग्रेस दूसरा 15227
    2008 दीवान सिंह कांग्रेस तीसरा 28798
    2013 राज सिंह कांग्रेस तीसरा 28312
    2015 सतन पाल दायमा कांग्रेस तीसरा 96503
    2015 अरविंद सिंह कांग्रेस तीसरा 94479

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