पूर्वांचलियों को साधने के लिए कांग्रेस ने खेला बड़ा दांव, सत्ता में आने पर 'पूर्वांचल मंत्रालय' बनाने का वादा
कांग्रेस ने दिल्ली में रह रहे लाखों पूर्वांचली मतदाताओं को साधने के लिए बड़ा दांव चला है। बिहार कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा एक तरफ अरविंद केजरीवाल पूर्वांचल के लोगों को ये कहकर अपमानित करते हैं के वे 500 रुपये का टिकट कटाकर आते हैं और पांच लाख का इलाज करा के चले जाते हैं। दूसरी तरफ जेपी नड्डा इनकी तुलना बांग्लादेशी घुसपैठियों से करते हैं।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। विधानसभा चुनाव को जीतने के लिए सभी दल एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। इस बीच कांग्रेस ने दिल्ली में रह रहे लाखों पूर्वांचली मतदाताओं को साधने के लिए बड़ा दांव चला है। शुक्रवार को पार्टी ने ऐलान किया कि यदि कांग्रेस सत्ता में आती है तो पूर्वांचल मंत्रालय बनाया जाएगा। इतना ही नहीं, बजट का प्रावधान किया जाएगा ताकि स्वास्थ्य एवं शिक्षा समेत उनकी तमाम समस्याओं का समाधान हो सके।
प्रदेश कार्यालय में पत्रकार वार्ता के दौरान बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह, कांग्रेस की इंटरनेट मीडिया विभाग की प्रमुख सुप्रिया श्रीनेत, पार्टी नेता कन्हैया कुमार और प्रणव झा ने पूर्वांचली लोगों से जुड़े मुद्दों को लेकर आम आदमी पार्टी सरकार पर निशाना भी साधा। उक्त सभी नेता मूल रूप से पूर्वांचली हैं।
भाजपा और आप ने पूर्वांचलियों की अनदेखी की: कांग्रेस
उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुए यह आरोप भी लगाया कि भाजपा और आप ने पूर्वांचलियों की अनदेखी की है। कांग्रेस ने कुछ दिनों पूर्व यह वादा भी किया था कि दिल्ली में उसकी सरकार बनने पर छठ का पर्व महाकुंभ की तर्ज पर मनाया जाएगा।
नड्डा इनकी तुलना घुसपैठियों से करते हैं: अखिलेश सिंह
अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा, "एक तरफ अरविंद केजरीवाल पूर्वांचल के लोगों को ये कहकर अपमानित करते हैं के वे 500 रुपये का टिकट कटाकर आते हैं और पांच लाख का इलाज करा के चले जाते हैं। दूसरी तरफ जेपी नड्डा इनकी तुलना बांग्लादेशी घुसपैठियों से करते हैं।"
सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, "पूर्वांचल के लोगों ने देश के कोने-कोने में जाकर, उन जगहों के सृजन का काम किया है, लेकिन ये शर्मनाक है कि उन्हें उनका हक देने के समय बेईमानी की जाती है।"
पूर्वांचल के लोग दिल्ली के नागरिक: कन्हैया
कन्हैया ने कहा कि पूर्वांचल के लोग न सिर्फ पूर्वांचल का गौरव बढ़ाते हैं, बल्कि वे इस देश के नागरिक हैं दिल्ली के नागरिक है। 30-35 लाख लोगों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। ऐसे में उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य समेत तमाम मुद्दों के लिए अलग से विभाग होना चाहिए।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।