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    Delhi: SMA बीमारी से ग्रस्त बच्चे को लगेगा 17.5 करोड़ का इंजेक्शन, आर्थिक मदद की गुहार लगा रहे अभिभावक

    By Jagran NewsEdited By: Geetarjun
    Updated: Tue, 17 Jan 2023 10:56 PM (IST)

    स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (एसएमए) नामक बीमारी से जूझ रहे 11 माह के कनव के पिता अमित अपने बेटे के जीवन के लिए लोगों से आर्थिक मदद की गुहार लगा रहे है। अमित ने बताया कि उनका बेटा जन्म से ही एसएमए बीमारी से ग्रस्त है।

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    एसएमए बीमारी से ग्रस्त बच्चे को लगेगा 17.5 करोड़ का इंजेक्शन, लोगों से आर्थिक मदद की गुहार लगा रहे अभिभावक

    नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (एसएमए) नामक बीमारी से जूझ रहे 11 माह के कनव के पिता अमित अपने बेटे के जीवन के लिए लोगों से आर्थिक मदद की गुहार लगा रहे है। अमित ने बताया कि उनका बेटा जन्म से ही एसएमए बीमारी से ग्रस्त है। छह माह की उम्र में सर गंगा राम अस्पताल में जांच के दौरान इस बीमारी का उन्हें पता चला।

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    चिकित्सकों के अनुसार इस बीमारी से निजात के लिए जोलजेन्स्मा नामक इंजेक्शन लगना है। जिसकी कीमत साढ़े 17 करोड़ रुपये है। नजफगढ़ में नंगली सकरावती निवासी अमित बताते हैं कि उनकी आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वह इतने महंगे इंजेक्शन को खरीद सके।

    स्वास्थ्य के क्षेत्र में आमजन को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने में अग्रणी संस्था कैनविन फाउंडेशन ने भी इस मसले पर लोगों से आर्थिक मदद उपलब्ध कराने की गुहार लगाई है। फिलहाल कनव की थेरेपी जारी है, ताकि बीमारी का प्रबंधन किया जा सके।

    लगा रहे मदद की गुहार

    अमित बताते हैं कि वह इम्पैक्ट गुरु फाउंडेशन के माध्यम से अब तक करीब एक करोड़ रुपये जुटा पाए हैं। कई बड़े अभिनेता व अभिनेत्रियों ने भी वीडियो बनाकर आर्थिक मदद उपलब्ध कराने की लोगों से अपील की है। मदद के लिए लोग 8860337306 पर संपर्क कर सकते हैं। बता दें, गुरुग्राम निवासी अयांश नामक बच्चे को भी लोगों द्वारा उपलब्ध कराई गई आर्थिक मदद के चलते ही जोलजेन्स्मा इंजेक्शन लगा था और आज बच्चा पूर्ण रूप से स्वस्थ है।

    क्या है एसएमए बीमारी

    एसएमए के शिकार बच्चे अपनी मांसपेशियों का उपयोग सही प्रकार से नहीं कर पाते हैं, क्योंकि यह बीमारी उनकी रीड़ की हड्डी में नर्व सेल्स को खराब कर देती है। एसएमए जिस जीन की खराबी के कारण होती है, जोलजेन्स्मा इंजेक्शन उसे नए जीन से बदल देता है। ऐसा होने के बाद शरीर में दोबारा यह बीमारी नहीं होती क्योंकि बच्चे के डीएनए में नया जीन शामिल हो जाता है। जोलजेन्स्मा इंजेक्शन की निर्माता कंपनी नोवार्टिस ने इसकी कीमत साढ़ेे 17 करोड़ रुपये रखी है।

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    जनकपुरी के अतिविशिष्ट अस्पताल के न्यूरो रिहैबिलिटेशन विभाग के डॉ. दुर्गेश पाठक ने बताया कि यह एक जेनेटिक बीमारी है और भारत में करीब पांच से दस हजार नवजात शिशु पर एक बच्चा इस बीमारी से ग्रस्त है। दिसंबर 2020 में ही इस इंजेक्शन का मान्यता प्राप्त हुई थी और यही कारण है कि यह अभी महंगा बाजार में उपलब्ध है। इसके अलावा फिलहाल एसएमए बीमारी का यही एकमात्र उपचार है। दूसरी महत्वपूर्ण बात यह है कि जोलजेन्स्मा इंजेक्शन केवल दो वर्ष की आयु तक ही प्रभावित है। दो वर्ष की आयु के बाद प्रबंधन ही इसका एकमात्र उपाय है।