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    पांच साल बाद यमुना किनारे फिर गूंजेंगे छठ के गीत, दिल्ली सरकार ने हटाया प्रतिबंध

    Updated: Tue, 07 Oct 2025 11:36 PM (IST)

    दिल्ली में पांच साल बाद यमुना किनारे छठ पूजा की जाएगी जिससे पूर्वांचल के लोग उत्साहित हैं। प्रशासन ने पूजा की तैयारी शुरू कर दी है जिसमें सुरक्षा के इंतजाम और अस्थायी घाटों का निर्माण शामिल है। सरकार ने पहले लगे प्रतिबंध को हटा दिया है जिससे लोगों में दोगुना उत्साह है और वे इसे आस्था का पर्व मान रहे हैं। उनका मानना है इससे यमुना नदी दूषित नहीं होगी।

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    पांच साल बाद यमुना के किनारे लोग मनाएंगे छठ, पूर्वांचल के लोग छठ को लेकर उत्साहित हैं

    जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली। पांच वर्ष के लंबे इंतजार के बाद इस वर्ष महावर्प छठ को लोग यमुना के किनारे मनाएंगे। पूर्वांचल के लोग इसको लेकर बहुत उत्साहित हैं। छठ समितियां भी अपनी तैयारियों में जुट गई हैं। यमुना किनारे पूजा बंद होने से लोग अस्थायी घाटों में पूजा करने को मजबूर थे। वह सरकार और एलजी से मांग कर रहे थे यमुना में पूजा करने की अनुमति दी जाए। पूर्वांचल के लोगों का कहना है दीवाली से पहले छठी मैया ने उनकी मनोकामना पूरी कर दी।

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    यमुना किनारे पूर्वांचल के लोग पारंपरिक तरीके से छठ मनाएं इसके लिए प्रशासन ने कमर कस ली है। उत्तर पूर्वी जिलाधिकारी अजय कुमार ने कहा कि भव्य तरीके से लोग छठ मनाएं इसके लिए प्रशासन पूरी तैयारी के साथ जुट गया है।

    सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग, दिल्ली पुलिस, निगम, बीएसईएस समेत अन्य विभागों के साथ बैठक हो चुकी हैं। सिंचाई विभाग को आदेश दिए गए हैं कि वह यमुना किनारे लकड़ी के जाल लगाए ताकि पूजा के दौरान कोई यमुना में डूबे नहीं। प्रशासन की ओर से टेंट लगाए जाएंगे, इसमें स्क्रीन की व्यवस्था होगी।

    छठी मैया के गीत गूजेंगे। लोग रात के वक्त टेंट में विश्राम कर सकते हैं। सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे। अस्थायी घाट भी बनाएं जाएंगे। छठ मनाने वाले लोगों का कहना है कि देशभर में छठ का पूर्व नदी के किनारे पर मनाया जाता है। लेकिन वर्ष 2020 में दिल्ली में यमुना किनारे पूजा करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।

    माैजूदा दिल्ली सरकार ने उस प्रतिबंध को हटा दिया है। छठ पूजा को लेकर लोगों में उत्साह रहता है, इस बार यमुना में छठ मनाने का उत्साह पिछले वर्षों के मुकाबले दोगुना है।

    सरकार ने प्रतिबंध हटाया

    "छठ पूजा पूरी तरह से प्राकृतिक है। इस पूजा में ऐसा कुछ नहीं होता जिससे यमुना दूषित हो जाए। यमुना किनारे पूजा शुरू करवाने को लेकर मैं दिल्ली हाईकोर्ट भी गया था। सरकार ने प्रतिबंध हटाया है, इससे लोग बहुत खुश हैं।"

    -संतोष, पूर्वांचल नवनिर्माण संगठन, गांधी नगर।

    यमुना का पानी साफ नजर आ रहा

    "छठ आस्था का पर्व है। यमुना किनारे पूजा पर प्रतिबंध लगाकर उनकी आस्था को चोट पहुंचाई गई थी। पांच साल के बाद व्रति फिर से यमुना किनारे पूजा करेंगे। पहले के मुकाबले यमुना का पानी इस बार साफ नजर आ रहा है।"

    -संतोष झा, पूर्वांचल छठ पूजा समिति सीमापुरी

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