...आज फिर जीने की तमन्ना है, सुरों के दरिया में नहीं रह गया तेरा-मेरा

सुरों के इस दरिया में तेरा-मेरा नहीं रह गया था। एक साथ निकलती आवाज ने दिलों को तो बहलाया ही एकता के अहसास को भी बुलंदी दी।