Celebi Aviation: जेलेबी इंडिया ने हाई कोर्ट में दी दलील, कहा- तुर्किये सरकार से नहीं की जा सकती कंपनी की तुलना
जेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया ने सुरक्षा मंजूरी रद्द करने के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। सुनवाई के दौरान कंपनी ने तर्क दिया कि उसकी तुलना तुर्किये सरकार से नहीं हो सकती क्योंकि वह 17 वर्षों से भारत में कार्यरत है और 10000 से अधिक कर्मचारी हैं।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली: सुरक्षा मंजूरी रद करने के खिलाफ दायर याचिका पर तुर्किये की ग्राउंड हैंडलिंग और कार्गो ऑपरेटर जेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया ने बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट के समक्ष कहा कि कंपनी की तुलना तुर्की सरकार से नहीं की जा सकती।
न्यायमूर्ति सचिन दत्ता की पीठ के समक्ष कंपनी के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि कंपनी की सुरक्षा मंजूरी रद करके केंद्र सरकार ने एक ऐसी कंपनी पर शिकंजा कसा है, जो 17 साल से भारत में काम कर रही है और इसमें 10 हजार से अधिक लोग काम करते हैं।
कंपनी का पक्ष सुनने के बाद अदालत ने मामले की सुनवाई बृहस्पतिवार तक के लिए स्थगित कर दी। बृहस्पतिवार को साॅलिसिटर जनरल केंद्र सरकार का पक्ष रखेंगें।
कठोर कदम उठाने से पहले सुनवाई का मौका देना चाहिए: जेलेबी
उन्होंने तर्क दिया कि कंपनी ने बिना किसी गलती के काम किया है और भारत सरकार की कार्रवाई कानून के विपरीत है, क्योंकि सुरक्षा मंजूरी रद करने जैसा कठोर कदम उठाने से पहले सुनवाई करने का मौका देना आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि नियम बनाने वाले को नियम में अपवाद बनाने की अनुमति नहीं है। जेलेबी की सुरक्षा मंजूरी भारत-पाक सैन्य संघर्ष के बाद तब लिया गया था, जब तुर्किये सरकार ने खुले तौर पर पाकिस्तान का समर्थन किया था।
सॉलिसिटर जनरल ने कहा, कुछ चीजें कंपनी से साझा नहीं हो सकतीं
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए साॅलिसिटर जनरल तुषार मेहता कहा कि कुछ चीजें कंपनी के साथ साझा नहीं की जा सकतीं, लेकिन अदालत के साथ साझा की जा सकती हैं।
इस पर पीठ ने मुकुल रोहतगी से पूछा कि क्या कानून के अनुसार वह सामग्री पाने के हकदार हैं और क्या न्यायालय जानकारी देने के लिए बाध्य है?
जवाब में मुकुल रोहतगी ने जवाब दिया कि वह कारणों की प्रति नहीं मांग रहे हैं, बल्कि अपना मामला रखने के लिए उचित अवसर की मांग कर रहे हैं।
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