Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Delhi News: जलभराव वाले दो हॉटस्पॉट पर अब सीसीटीवी से नजर रखेगा पीडब्ल्यूडी

    Updated: Fri, 09 May 2025 10:42 PM (IST)

    दिल्ली में मानसून के दौरान जलभराव की समस्या से निपटने के लिए लोक निर्माण विभाग (PWD) ने दक्षिणी दिल्ली के दो प्रमुख जलभराव वाले हाॅटस्पाट मूलचंद और पुल प्रह्लादपुर अंडरपास पर 11 सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्णय लिया है। इससे बाढ़ नियंत्रण कक्ष को वास्तविक स्थिति की जानकारी मिल सकेगी।

    Hero Image
    जलभराव वाले दो हाटस्पाट की निगरानी के लिए लगाए जाएंगे 11 सीसीटीवी कैमरे

    राज्य ब्यूरो, जागरण . नई दिल्ली: मानसून के दौरान जलभराव वाले कुछ इलाकों पर नजर रखने के लिए लोक निर्माण विभाग (PWD) ने एक नई योजना बनाई है। जलभराव दो हाॅटस्पाॅट की निगरानी करने के लिए वहां 11 सीसीटीवी कैमरे लगाने का फैसला किया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    एक अधिकारी ने बताया कि पीडब्ल्यूडी ने दक्षिणी दिल्ली के मूलचंद और पुल प्रह्लादपुर अंडरपास पर कैमरे लगाने की योजना बनाई है। इसके लिए टेंडर भी जारी कर दिए हैं।

    उन्होंने कहा कि सीसीटीवी कैमरे लगाने से पीडब्ल्यूडी के बाढ़ नियंत्रण कक्ष को अंडरपास की वास्तविक स्थिति की जानकारी मिल पाएगी और परिस्थिति को देखते हुए आगे के निर्णय लिए जा सकेंगे।

    अंडरपास में आठ बुलेट कैमरे और तीन डोम कैमरे लगाने की योजना

    अधिकारी ने कहा कि हमारी योजना मूलचंद और प्रह्लादपुर अंडरपास के लिए आठ बुलेट कैमरे और तीन डोम कैमरे लगाने की है।

    साथ ही अन्य उपकरण भी लगाए जाएंगे, ताकि हमारी टीमों और अन्य एजेंसियों को समय पर अलर्ट जारी करने और निगरानी करने के लिए लाइव फीड मिल सके।

    राज्य सरकार ने यह फैसला इसलिए लिया क्योंकि बाढ़ से बचने के लिए कई कदम उठाने के पीडब्ल्यूडी के दावों के बावजूद पिछले साल जून में हुई भारी वर्षा के बाद दोनों अंडरपास में पानी भर गया था।

    दक्षिण और दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के इलाकों में आवाजाही होती है प्रभावित

    ये दोनों जगहें अब भी जलभराव का हाॅटस्पाॅट बनी हुई हैं। वहीं वर्षा के दिनों में अंडरपास के बंद होने से दक्षिण और दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के इलाकों में यातायात की आवाजाही पर असर पड़ता है।

    लोक निर्माण विभाग द्वारा निगरानी के लिए फिलहाल जो मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) अपनाई जाती है।

    उसके अनुसार, यदि किसी स्थान पर अंडरपास में छह से आठ इंच तक पानी जमा हो जाता है, तो नियंत्रण कक्ष के द्वारा इस बारे में तुरंत फील्ड यूनिट को सूचित किया जाता है और पंप ऑपरेटरों से जांच करवाई जाती है कि पंप काम कर रहे हैं या नहीं।

    इसके बाद भी यदि जलस्तर बढ़ता रहता है, तो अंडरपास से ट्रैफिक हटाने के लिए ट्रैफिक पुलिस को सतर्क किया जाता है।

    1,800 अस्थायी जल पंप सेट किराये पर लेने की योजना बनाई

    जलभराव की समस्या से निपटने के लिए पीडब्ल्यूडी ने जो तैयारियां की हैं, उनमें दक्षिण दिल्ली में जल निकासी की कोशिशों को बढ़ाने के अलावा, पूरे मानसून सीजन के लिए मध्य दिल्ली के आईटीओ और आसपास के इलाकों के लिए 1,800 अस्थायी जल पंप सेट किराये पर लेने की योजना बनाई है।

    इस परियोजना की अनुमानित लागत चार महीने के लिए 88 लाख रुपये है। आईटीओ इलाके में बाढ़ से बचने के लिए पीडब्ल्यूडी दो नई ड्रेनेज लाइन भी बिछा रहा है और मौजूदा नालों से गाद निकालने का काम भी कर रहा है।

    2023 में दिल्ली में 308 जलभराव बिंदुओं की पहचान की गई थी। वहीं ट्रैफिक पुलिस द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के आधार पर 2025 में राजधानी में कुल 445 जलभराव बिंदुओं की पहचान की गई है। इनमें से 335 बिंदु पीडब्ल्यूडी की जिम्मेदारी में आते हैं।

    यह भी पढ़ें: दिल्ली की बसों में किराया देने के लिए अब इस्तेमाल होगा स्मार्ट कार्ड, जानें कितने रुपये चुकाने होंगे