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    भ्रामक विज्ञापन देने पर सीसीपीए सख्त, वाजीराव एंड रेड्डी कोचिंग सेंटर पर सात लाख रुपये का जुर्माना

    Updated: Fri, 20 Dec 2024 07:46 PM (IST)

    वाजीराव और रेड्डी कोचिंग पर भ्रामक विज्ञापन देने का आरोप लगा है। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के उल्लंघन के मामले में सीसीपीए की चीफ कमिश्नर निधि खरे और कमिश्नर अनुपम मिश्रा के आदेश पर वाजीराव एंड रेड्डी इंस्टीट्यूट के खिलाफ कार्रवाई की गई। सीसीपीए ने भ्रामक विज्ञापन को तत्काल प्रभाव से बंद करने का आदेश जारी कर दिया और साथ में सात लाख का जुर्माना लगाया।

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    वाजीराव एंड रेड्डी कोचिंग सेंटर पर सात लाख का जुर्माना।

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कोचिंग संस्थानों की तरफ से भ्रामक विज्ञापन को लेकर केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने कार्रवाई करते हुए वाजीराव एंड रेड्डी इंस्टीट्यूट पर सात लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। सीसीपीए ने यह जुर्माना यूपीएससी सीएसई 2022 के परिणाम के संबंध में भ्रामक दावों का विज्ञापन देने के लिए लगाया है।

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    दरअसल वाजीराव एंड रेड्डी इंस्टीट्यूट ने अपने विज्ञापन में दावा किया था कि यूपीएससी की तैयारी कराने वाले कोचिंग संस्थानों में वह देश में पहले स्थान पर है। यूपीएससी 2022 की परीक्षा में वाजीराव एंड रेड्डी इंस्टीट्यूट के 933 में से 617 छात्रों का चयन हुआ है, लेकिन सफल अभ्यर्थियों ने वाजीराव एंड रेड्डी इंस्टीट्यूट के किसी भी योगदान के बिना प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा पहले ही उत्तीर्ण कर ली थी। बाद में संस्थान ने इन अभ्यर्थियों को नि:शुल्क साक्षात्कार की तैयारी की पेशकश की थी, लेकिन संस्थान ने इस तथ्य को छिपाकर इस तरह के झूठे और भ्रामक विज्ञापन दिए जो उपभोक्ताओं पर बड़ा प्रभाव डालते हैं। 

    विज्ञापन को तत्काल प्रभाव से बंद करने के आदेश

    मामला संज्ञान में आते ही उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के उल्लंघन के मामले में सीसीपीए की चीफ कमिश्नर निधि खरे और कमिश्नर अनुपम मिश्रा के आदेश पर वाजीराव एंड रेड्डी इंस्टीट्यूट के खिलाफ कार्रवाई की गई। सीसीपीए ने भ्रामक विज्ञापन को तत्काल प्रभाव से बंद करने का आदेश जारी कर दिया और साथ में सात लाख का जुर्माना लगाया। यह निर्णय उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करने के लिए लिया गया ताकि कोई भी भ्रामक विज्ञापन न दे। 

    सीपीसीए ने पहले 20 संस्थानों को भेजा था नोटिस

    पिछले कुछ समय से यह बात सामने आ रही थी कि कोचिंग संस्थान अभ्यर्थियों को आकर्षित करने के लिए सफल उम्मीदवारों की तस्वीरों और नामों का उपयोग करते हैं, लेकिन उम्मीदवारों द्वारा चुने गए पाठ्यक्रमों या उनके द्वारा भुगतान की गई फीस को लेकर कोई जानकारी नहीं देते। सीसीपीए ने कुछ समय पहले भी भ्रामक विज्ञापन को लेकर 20 कोचिंग संस्थानों को नोटिस जारी किया था और चार संस्थानों पर एक-एक लाख का जुर्माना भी लगाया था।

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