CBSE के स्कूलों में शुरू होगी प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग, महंगी कोचिंग से मिलेगा छुटकारा
सीबीएसई अब छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कोचिंग संस्थानों पर निर्भर नहीं रहने देना चाहता। बोर्ड ने संबद्ध स्कूलों में ही तैयारी की सुविधा देने की योजना बनाई है। स्कूलों में सेंटर फाॅर एडवांस्ड स्टडीज स्थापित किए जाएंगे जहाँ जेईई नीट और सीयूईटी की कोचिंग नियमित पढ़ाई के साथ मिलेगी। इस कदम का उद्देश्य छात्रों को महंगी कोचिंग से बचाना और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाना है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) अब छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोचिंग संस्थानों पर निर्भर नहीं रहने देना चाहता। इसके लिए बोर्ड ने नई योजना के तहत अपने संबद्ध स्कूलों में ही तैयारी की सुविधा देने की रूपरेखा तैयार की है। सीबीएसई के सूत्रों के अनुसार, बोर्ड की एक समिति ने सुझाव दिया है कि स्कूलों में विशेष सेंटर फाॅर एडवांस्ड स्टडीज स्थापित किए जाएं, जहां छात्रों को जेईई मेन्स, नीट-यूजी और सीयूईटी-यूजी की प्रवेश परीक्षाओं की कोचिंग नियमित पढ़ाई के साथ ही उपलब्ध कराई जाएगी।
बोर्ड अधिकारियों के मुताबिक, इस कदम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि छात्रों को महंगी कोचिंग का सहारा न लेना पड़े और वे स्कूल स्तर पर ही गुणवत्तापूर्ण मार्गदर्शन पा सकें। उन्होंने बताया कि शिक्षा मंत्रालय भी इस समय यह समीक्षा कर रहा है कि जेईई और नीट जैसे पेपर 12वीं के पाठ्यक्रम से किस हद तक मेल खाते हैं और कठिनाई स्तर कहीं छात्रों को अतिरिक्त कोचिंग लेने के लिए तो बाध्य नहीं कर रहा।
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प्रधानाचार्यों के एनुसार, यदि यह योजना लागू होती है तो छात्रों को बोर्ड परीक्षाओं और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में समन्वय बनाने में काफी आसानी होगी। शिक्षकोंं का मानना है कि इस पहल से शिक्षा की समानता और गुणवत्ता दोनों में सुधार आएगा। इसके साथ ही, छात्रों और अभिभावकों को यह भी राहत मिलेगी कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए अतिरिक्त आर्थिक बोझ नहीं उठाना पड़ेगा।
बोर्ड अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही इस योजना का विस्तृत रोडमैप और संचालन की प्रक्रिया सभी संबद्ध स्कूलों को भेज दी जाएगी, ताकि नया शैक्षणिक सत्र इसे लागू करने के लिए तैयार हो।शिक्षकों का यह भी सुझाव है कि स्कूलों में कोचिंग के साथ-साथ माक टेस्ट, आनलाइन संसाधन और विशेषज्ञ शिक्षकों की मार्गदर्शन कक्षाएं भी आयोजित की जाएं, जिससे छात्र परीक्षा की कठिनाइयों और पैटर्न से पूरी तरह परिचित हो सके।
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