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    अब कोहरे के कारण फ्लाइट में नहीं होगी देरी, FOG में भी विमान की हो सकेगी लैंडिंग; IGI एयरपोर्ट पर बहाल हुई ये सुविधा

    Updated: Wed, 17 Jan 2024 05:02 PM (IST)

    अभी तक पर्याप्त सिग्नल नहीं मिलने के कारण कैट-3 के बजाय कैट-1 की सुविधा ही पायलट को मिल रही थी लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। एयरपोर्ट संचालन से जुड़ी एजेंसी का कहना है कि कैट-3 सुविधा से युक्त दूसरे रनवे 10/28 पर जल्द विमानों की आवाजाही शुरू करने का प्रयास तेज किया गया है। इस सुविधा के बहाल होने से अब घने कोहरे में भी...

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    अब कोहरे के कारण फ्लाइट में नहीं होगी देरी

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। निर्माणाधीन अर्बन एक्सटेंशन रोड के नजदीक आईजीआई एयरपोर्ट के रनवे 29एल के आसपास तमाम बाधाओं को हटाकर कैट-3 सुविधा बहाल कर दी गई है। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने एक्स हैंडल से इसकी जानकारी दी। पिछले कुछ दिन से रनवे 29एल के आसपास अर्बन एक्सटेंशन रोड के निर्माण की गतिविधियों के कारण रेडियो सिग्नल में बाधा आ रही थी।

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    एक ही रनवे पर है कैट-3 की सुविधा

    निर्माण में काफी ऊंचे क्रेन लगे थे, जो रेडियो सिग्नल के आवागमन में बाधा बन रहे थे। समस्या यह थी कि आईजीआई एयरपोर्ट पर फिलहाल यही एक रनवे है, जहां कैट-3 सुविधा बहाल है। कैट-3 सुविधा से लैस रनवे 10/28 फिलहाल बंद है। कैट-3 सुविधा की पूरी क्षमता के साथ कार्य नहीं करने के कारण पायलट इस एकमात्र रनवे का लाभ नहीं उठा पा रहे थे।

    पर्याप्त सिग्नल नहीं मिलने के कारण कैट-3 के बजाय कैट-1 की सुविधा ही पायलट को मिल रही थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। एयरपोर्ट संचालन से जुड़ी एजेंसी का कहना है कि कैट-3 सुविधा से युक्त दूसरे रनवे 10/28 पर जल्द विमानों की आवाजाही शुरू करने का प्रयास तेज किया गया है। जरूरी कार्य किए जा रहे हैं। कार्य पूरा होने पर डीजीसीए की अनुमति के बाद इसे विमानों की आवाजाही के लिए खोल दिया जाएगा।

    आसानी से लैंडिंग करा सकेंगे विमान

    इसके बाद आईजीआई पर कैट-3 सुविधा से लैस दो रनवे पायलट को मिलेंगे। कैट-3 सुविधा बहाल होने से पायलट न्यूनतम 75 मीटर की दृश्यता में भी आसानी से लैंडिंग करा सकेंगे। इस प्रक्रिया को ऑटो लैंडिंग कह सकते हैं। लैंडिंग से जुड़ी अधिकांश प्रक्रिया स्वचालित होती है। पायलट की भूमिका केवल रनवे और टैक्सीवे पर लाइटिंग सिस्टम पर नजर रखने की होती है।

    साथ ही पायलट विमान की रफ्तार पर भी नजर रखता है, लेकिन यह सुविधा टेकऑफ में उतनी कारगर नहीं है। इसकी वजह यह है कि कैट-3 सुविधा का लाभ लेने के लिए टेकऑफ के दौरान न्यूनतम दृश्यता 125 मीटर होनी ही चाहिए। इससे कम दृश्यता होने पर यह सिस्टम कारगर नहीं होता है।

    एयरपोर्ट सूत्रों का कहना है कि यदि लैंडिंग में भी इस सुविधा का लाभ लिया जाए, तो एयर ट्रैफिक पर दबाव कम होगा। दृश्यता सुधरने पर आईजीआई एयरपोर्ट से विमानों का टेकआफ तेजी से होगा, क्योंकि लैंडिंग को लेकर विमानों को कैट-3 सुविधा के चलते अधिक इंतजार नहीं करना होगा।

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