Startup Hub Fraud: इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को तीन करोड़ का चूना लगाने वाला निदेशक और चार्टर्ड अकाउंटेंट गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से तीन करोड़ से अधिक की ठगी करने के आरोप में एक चार्टर्ड अकाउंटेंट और एक फाउंडेशन के निदेशक को गिरफ्तार किया है। आठ स्टार्टअप को आगे बढ़ाने के नाम पर ली गई रकम उन्हें दी ही नहीं।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली: स्टार्टअप हब के जरिये इलेक्ट्राॅनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से तीन करोड़ से अधिक ठगी करने वाले चार्टर्ड एकाउंटेंट समेत दो जालसाज को आर्थिक अपराध शाखा ने गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तार आरोपितों में एचपीपीएल फाउंडेशन के निदेशक प्रशांत अग्रवाल (बेंगलुरु, कर्नाटक) और त्रिपुरारी एंड एसोसिएट्स के पार्टनर सुधांशु कुमार राकेश (चंदौरा, नालंदा, बिहार) हैं।
इलेक्ट्राॅनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के स्टार्टअप हब की समृद्ध योजना के जरिये आरोपितों ने धोखाधड़ी की थी। डिजिटल इंडिया कारपोरेशन के तहत स्वतंत्र प्रभाग, मेटी स्टार्टअप हब की अधिकृत प्रतिनिधि राशि शर्मा की शिकायत पर 24 अप्रैल को मामला दर्ज करा दिया गया था।
सरकार से राशि लेने के बाद Startups को नहीं दी
DCP अमित वर्मा ने बताया कि मंत्रालय की समृद्ध योजना के तहत एचपीपीएल फाउंडेशन के निदेशक प्रशांत अग्रवाल ने आठ स्टार्टअप का एक ग्रुप पेश किया और त्वरक ( Accelerator) के रूप में काम करने की इच्छा व्यक्त की।
जिसपर एचपीपीएल फाउंडेशन को 3.04 करोड़ जारी किए गए। योजना के वित्तीय माॅडल के अनुसार स्टार्टअप से EXIT करने पर त्वरक को आय का 20 प्रतिशत रखने की अनुमति थी। 3.04 करोड़ रुपये मिलने के बावजूद एचपीपीएल फाउंडेशन ने स्टार्टअप को धन नहीं दिया।
सीए के सहयोग से मेटी स्टार्टअप हब को किया गुमराह
प्रशांत अग्रवाल ने धन के दुरुपयोग को छिपाने के लिए चार्टर्ड अकाउंटेंट सुधांशु कुमार राकेश के नाम और मुहर का गलत इस्तेमाल करके मेटी स्टार्टअप हब को गुमराह किया।
जांच से पता चला कि प्रशांत अग्रवाल ने मेटी स्टार्टअप हब से कहा था कि राशि खाते में जमा होते ही सरकार की समृद्ध् योजना के निर्देशानुसार आठ चुने गए स्टार्टअप को वितरित की जाएगी। जांच के बाद पुलिस टीम ने पहले प्रशांत अग्रवाल को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया।
उसके परिसर की तलाशी के दौरान जाली दस्तावेज, ईमेल, अपराध की आय के हस्तांतरण आदि से संबंधित महत्वपूर्ण डेटा वाले डिजिटल उपकरण मिले। उससे पूछताछ के बाद चार्टर्ड अकाउंटेंट सुधांशु कुमार राकेश को पटना से पकड़ा गया।
प्रशांत की पत्नी भी एचपीपीएल फाउंडेशन में है निदेशक
प्रशांत अग्रवाल का जन्म चेन्नई में हुआ था। उसने 2016 में कनाडा से प्रोजेक्ट मैनेजमेंट में पोस्ट ग्रेजुएशन और 2019 में बेंगलुरु से एमबीए किया। 2022 में उसने एचपीपीएल फाउंडेशन बनाया, जिसमें उसकी पत्नी सलोनी अग्रवाल भी निदेशक हैं।
सुधांशु कुमार राकेश का जन्म नालंदा बिहार में हुआ था। उसने बुनियादी शिक्षा पटना में ली। उसने 2020 में सीए पूरा किया। इसके बाद पटना में प्रैक्टिस शुरू की। वर्तमान में वह पार्टनरशिप चार्टर्ड अकाउंटिंग फर्म त्रिपुरारी एंड एसोसिएट्स में था।

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