Burari Murder: बसपा नेता सहित परिवार के छह सदस्यों की हत्या कर दफनाया था, पैरोल जंपर गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस ने बसपा नेता मुनव्वर हसन और उनके परिवार के छह सदस्यों की हत्या के मुख्य आरोपी शाहिद खान को गिरफ्तार किया। शाहिद जो पैरोल पर फरार था ने संपत्ति हड़पने के लिए 2017 में हत्याओं को अंजाम दिया। उसने मुनव्वर की पत्नी और बच्चों को मारकर दफना दिया था और बाद में मुनव्वर की भी हत्या कर दी। पुलिस ने उसे तकनीकी निगरानी से पकड़ा।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। बुराड़ी में बसपा नेता चौधरी मुनव्वर हसन, उनकी पत्नी और चार बच्चों की हत्या में शामिल मुख्य साजिशकर्ता को उत्तर जिले की स्पेशल स्टाफ की टीम ने गिरफ्तार किया है। बीते वर्ष सितंबर में पैरोल पर रिहा होने के बाद से वह फरार था।
आरोपित की पहचान शाहिद खान उर्फ बंटी के रूप में हुई है। आरोपित मुनव्वर हसन का बिजनेस पार्टनर था, जिसने उनकी बुराड़ी इलाके में 5-6 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी हड़पने के लिए उनके परिवार के सदस्यों की हत्या करने की साजिश रची थी।
हत्या कर उन्हें यूपी के मेरठ में एक खेत में दफना दिया
उपायुक्त राजा बांठिया के मुताबिक, वर्ष 2017 में जब मुनव्वर हसन दुष्कर्म के एक मामले में तिहाड़ जेल में था, तब शाहिद खान ने मुनव्वर हसन के परिवार के सदस्यों को खत्म करने की साजिश रची ताकि वह उनकी प्रॉपर्टी पर कब्जा कर सके। सबसे पहले उसने 20 अप्रैल 2017 को हसन की पत्नी इशरत और बेटियों आरजू और अर्शी की हत्या कर उन्हें यूपी के मेरठ में एक खेत में दफना दिया।
इसके बाद उसने 22 अप्रैल 2017 को हसन के बेटों आकिब और शाकिब की गला घोंटकर हत्या कर दी और उन्हें बुराड़ी में अपनी एक प्रॉपर्टी में दफना दिया। तिहाड़ जेल में बंद मुनव्वर को परिवार के लापता होने के आधार पर तिहाड़ जेल से जमानत पर रिहा किया गया था। उसकी रिहाई में शाहिद ने भी उसकी मदद की थी।
घर के बाथरूम में गोली मारकर हत्या
जेल से रिहा होने के बाद 18 मई 2017 को वह अपने परिवार के सदस्य की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने बुराड़ी थाने गया था। शाहिद भी उसके साथ थाने गया और उसके परिवार की तलाश में उसकी मदद करने का नाटक किया। दो दिन बाद 20 मई को मुनव्वर हसन की बुराड़ी इलाके में उसके घर के बाथरूम में गोली मारकर हत्या कर दी गई। उपरोक्त हत्या मामलों की जांच के दौरान, शाहिद को गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में उसने दो कान्ट्रैक्ट किलर फिरोज और जुल्फिकार की मदद से अपराध को अंजाम देने की बात कबूल की। बंटी और उसके साथियों को गिरफ्तार कर तिहाड़ जेल भेज दिया गया। सितंबर 2024 में, शाहिद को व्यक्तिगत आधार पर पैरोल दी गई थी और उसे अक्टूबर 2024 में आत्मसमर्पण करना था। लेकिन वह फरार हो गया और बाद में अदालत द्वारा उसके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किए गए।
स्पेशल स्टाफ की टीम को लगाया गया
उसे गिरफ्तार करने के लिए स्पेशल स्टाफ की टीम को लगाया गया। तकनीकी निगरानी के आधार पर शाहिद और उसके साथियों के घरों की पहचान की गई। इस दौरान गुप्त सूचना मिली कि शाहिद कुछ पैसे लेने के लिए अपने घर आने वाला है। टीम ने उसके घर के पास जाल बिछाते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उसने बताया कि वह पुलिस से बचने के लिए बुराड़ी के आस-पास के इलाकों में छिपा हुआ था।
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