Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Delhi Air Quality: दिल्ली में इन वाहनों के प्रवेश पर रहेगी रोक, CAQM ने की अपील

    By Nimish Hemant Edited By: Rajesh Kumar
    Updated: Thu, 15 May 2025 05:51 AM (IST)

    दिल्ली में 1 नवंबर से BS-4 वाहनों के प्रवेश पर रोक लगने से ट्रांसपोर्टर चिंतित हैं। उनका कहना है कि इससे लाखों मालवाहक वाहन रुक जाएंगे। CAQM के साथ बैठक में ट्रांसपोर्टरों ने इस फैसले को अनुचित बताया और व्यापार के संवैधानिक अधिकार का हनन कहा। उन्होंने प्रदूषण कम करने के लिए इंजन बदलने पर सब्सिडी देने का सुझाव दिया।

    Hero Image
    बीएस-4 मालवाहकों के प्रवेश पर प्रतिबंध से चिंतित ट्रांसपोर्टरों ने सीएक्यूएम से की अपील। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने एक नवंबर से दिल्ली में बीएस-4 वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाने का एलान किया है। इससे ट्रांसपोर्टरों की चिंता बढ़ गई है। ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि इससे चार लाख से अधिक माल वाहक वाहनों के पहिए थम जाएंगे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    संवैधानिक अधिकार का हनन

    इस मामले को लेकर ट्रांसपोर्टरों के एक प्रतिनिधिमंडल ने सीएक्यूएम के सदस्य (तकनीकी) वीरेंद्र शर्मा व उनकी टीम से मुलाकात कर अपनी चिंता जताई। ट्रांसपोर्टरों ने मोटर वाहन अधिनियम के तहत कानूनी रूप से पंजीकृत वाहनों पर रोक को न केवल अनुचित बताया है, बल्कि इसे व्यापार व संचालन के संवैधानिक अधिकार का हनन भी बताया है।

    इसी तरह प्रतिनिधियों ने साफ किया कि दिल्ली में इन प्रतिबंधों को मनमाने व भेदभावपूर्ण तरीके से लागू किया जा रहा है, जबकि अन्य राज्यों में यही बीएस-4 वाहन बिना किसी रोक-टोक के संचालित किए जा रहे हैं।

    ट्रांसपोर्टरों ने कहा कि अगर वाकई ऐसा लगता है कि दिल्ली में प्रदूषण का मुख्य कारण ट्रक हैं, तो इसका कारण सिर्फ इंजन है। फिर सरकार सीधे प्रतिबंध लगाने के बजाय इंजन बदलने को बढ़ावा या सब्सिडी क्यों नहीं देती?

    क्या होंगी दिक्कतें

    इसी प्रकार, प्रतिबंध के कारण आर्थिक प्रभाव और आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान का मुद्दा उठाते हुए ट्रांसपोर्टरों ने कहा कि परिचालनरत ट्रकों के एक बड़े हिस्से पर रातोंरात प्रतिबंध लगाने से मांग-आपूर्ति श्रृंखला गंभीर रूप से बाधित होगी, मुद्रास्फीति बढ़ेगी, रसद में देरी होगी और बड़े पैमाने पर बेरोजगारी होगी।

    प्रतिनिधिमंडल ने ग्रीन टैक्स का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ बाहर से आने वाले ट्रकों पर ही नहीं लगाया जा रहा है, बल्कि हर ट्रक को रोका जा रहा है, चाहे वह कहीं भी पंजीकृत हो। इसी तरह, प्रतिनिधिमंडल ने यह भी याद दिलाया कि सुप्रीम कोर्ट ने डीजल वाहनों को 10 साल तक चलने की अनुमति दी है, बशर्ते उनका पंजीकरण वैध हो। इस पर कोई भी प्रतिबंध प्रशासनिक निकायों द्वारा न्यायिक अतिक्रमण के समान होगा।

    बैठक के अंत में वीरेंद्र शर्मा ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि प्रस्तावित प्रतिबंध के एक नवंबर से लागू होने से पहले उठाए गए सभी मुद्दों पर गंभीरता से विचार-विमर्श किया जाएगा तथा एक और बैठक आयोजित कर व्यावहारिक एवं सर्वमान्य समाधान निकाला जाएगा। बैठक में ऑल इंडिया मोटर एंड गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन से राजेंद्र कपूर, देवेंद्र सिंह, अरविंदर सिंह मौजूद थे।

    यह भी पढ़ें: Yamuna pollution: यमुना में सीवेज डंपिंग से निपटने के लिए सरकार सख्त, DPCC को दिए ये निर्देश