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    दिल्ली के RML अस्पताल में खुलेआम चल रही थी घूसखोरी, CBI के चंगुल में ऐसे फंसे 2 डॉक्टर समेत नौ लोग

    Updated: Thu, 09 May 2024 07:29 AM (IST)

    दिल्ली के राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल में चिकित्सा उपकरणों की खरीद में कमीशन लेने और भ्रष्टाचार के आरोप में सीबीआइ की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने दो वरिष्ठ डाक्टरों सहित नौ लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें कार्डियोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ. अजय राज व सहायक प्रोफेसर डॉ. पर्वतगौड़ा शामिल हैं। आरएमएल अस्पताल में खुलेआम घूसखोरी का खेल चल रहा था।

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    दिल्ली के RML अस्पताल में खुलेआम चल रही थी घूसखोरी

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल में खुलेआम घूसखोरी चल रही थी। सीबीआई को भ्रष्टाचार की जानकारी उसके एक विश्वसनीय स्रोत से मिली। जिसने सीबीआई को डॉक्टर और कर्मचारियों के इस भ्रष्टाचार की जानकारी देकर विभिन्न उपकरणों की आपूर्ति करने वाली कंपनियों के आपूर्तिकर्ताओं के प्रतिनिधियों के माध्यम से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मरीजों से रिश्वत लेने की बात बताई।

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    26 मार्च को अबरार अहमद से मांगी रिश्वत

    सूत्र ने सीबीआई को बताया कि 26 मार्च को डॉ. पर्वतगौड़ा ने अबरार अहमद से उसके द्वारा आपूर्ति किए गए चिकित्सा उपकरणों को बढ़ावा देने के एवज में रिश्वत की रकम मांगी। अबरार ने रिश्वत की रकम 1,95,000 डॉ. पर्वतगोड़ा के पिता बसंत गौड़ा के नाम पर संचालित बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी।

    23 अप्रैल 2024 को डॉ. पर्वतगौड़ा ने अबरार से संपर्क किया और रिश्वत की बाकी राशि का जल्द से जल्द भुगतान करने के लिए कहा। उस वक्त डा.पर्वतगौड़ा को एक निजी दौरे पर यूरोप जाना था। अबरार अहमद ने डा. को आश्वासन दिया था कि जल्द रकम पहुंचा देंगे।

    कैथ लैब के वरिष्ठ तकनीकी प्रभारी ने मांगे एक लाख

    सूत्र ने सीबीआई को बताया कि 30 मार्च को आरएमएल अस्पताल में कैथ लैब के वरिष्ठ तकनीकी प्रभारी रजनीश कुमार ने अबरार अहमद से आपूर्ति किए गए उपकरणों को बढ़ावा देने के लिए एक लाख रुपये रिश्वत की मांग की। 31 मार्च को अबरार ने रिश्वत की राशि का भुगतान रजनीश के पिता के नाम के खाते में एक लाख की राशि का भुगतान किया।

    गर्भवती के इलाज को लिए रुपये

    सूत्र ने यह भी बताया कि 17 जनवरी को आरएमएल अस्पताल के क्लर्क भुवाल जयसवाल और नर्स शालू ने नजफगढ़ निवासी आर्यन कुमार से प्रसव के लिए पत्नी को भर्ती करने के एवज में 20000 रुपये रिश्वत की मांग की।

    नर्स शालू शर्मा ने आर्यन को धमकी दी कि अगर रिश्वत की रकम नहीं दी गई तो वह उसकी गर्भवती पत्नी का इलाज बंद कर देगी और वह यह सुनिश्चित करेगी कि उसकी पत्नी को बिना किसी और इलाज के तुरंत छुट्टी दे दी जाए। आर्यन कुमार ने मांगी गई रिश्वत की रकम यूपीआई के से भुवाल के खाते में ट्रांसफर कर दी।

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    मेडिकल रेस्ट सर्टिफिकेट के लिए मांगी रिश्वत

    24 जनवरी को कृष्ण कुमार ने संजय गुप्ता से मुलाकात की और अपने मेडिकल रेस्ट सर्टिफिकेट को सात दिनों के लिए बढ़ाने के लिए कहा। इस पर संजय गुप्ता ने 700 रुपये की रिश्वत मांगी, जो कृष्ण कुमार ने अपने यूपीआइ-लिंक्ड बैंक खाते से भुगतान कर दी।

    10 फरवरी को कुलदीप सिंह ने संजय से तीन दिन के मेडिकल सर्टिफिकेट मांगा, जिस पर 300 रुपये रिश्वत मांगी। 23 फरवरी को कैलाश कुमार ने भी संजय से संपर्क किया और पांच दिन के बेड रेस्ट का मेडिकल सर्टिफिकेट मांगा। संजय ने रिश्वत के 500 रुपये (100 रुपये प्रतिदिन) मांगे, पैसे यूपीआइ नंबर 9899712654 से जुड़े उसके बैंक खाते में स्थानांतरित किए जाने थे।