पकड़े गए दोनों बांग्लादेशी घुसपैठियों ने किया चौंकाने वाला खुलासा, पुलिस से बचने के लिए कर रहे थे ये काम
Bangladeshi infiltrators दिल्ली पुलिस ने अभियान चलाकर दो बांग्लादेशियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस की जांच में पता चला कि ये दोनों अवैध रूप से दिल्ली में रह रहे थे। पुलिस उपायुक्त ने ज्यादा जानकारी देते हुए कहा कि जिला पुलिस ने इस साल छह बांग्लादेशी घुसपैठियों को पकड़ा है। यह कालिंदी कुंज मदनपुर खादर शाहीन बाग व यमुना खादर में अवैध रूप से रह रहे थे।

जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली। Bangladeshi infiltrators News: दक्षिणी पूर्वी जिला पुलिस द्वारा पकड़े गए दो बांग्लादेशी घुसपैठिये बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले की सीमा से भारत घुसे थे। यह जिला बांग्लादेश की सीमा से जुड़ा है। इनमें एक घुसपैठिया एजेंट की मदद से सात दिन पहले ही दिल्ली आया था।
पुलिस उपायुक्त रवि कुमार सिंह (Delhi Police) ने बताया कि घुसपैठियों की पहचान बांग्लादेश के सिलहट स्थित गांव शाही गेट निवासी अब्दुल अहद और ढाका जिले के केरानी गंज निवासी मोहम्मद अजीजुल के रूप में हुई है। पुलिस पूछताछ में पता चला कि अब्दुल छह दिसंबर 2024 को दिल्ली आया था जबकि मोहम्मद अजीजुल वर्ष 2004 में भारत आया था।
तभी से दोनों अवैध रूप से भारत में रह रहे थे। पुलिस पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि वह बांग्लादेश के बेनापोल बार्डर से बंगाल के पेट्रापोल, उत्तर 24 परगना के रास्ते भारत में दाखिल हुए थे। पुलिस को दोनों के पास कोई भी भारतीय वैध दस्तावेज नहीं मिला। पुलिस ने दोनों को एफआरआरओ (विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय) के समक्ष पेश कर दिया है।
पुलिस से बचने के लिए कर रहे थे कबाड़ बीनने का काम
पुलिस पूछताछ में अब्दुल अहद ने बताया कि वह बांग्लादेश में मजदूर के तौर पर काम कर रहा था। फिर एक बांग्लादेशी एजेंट की मदद से भारत में दाखिल हुआ। वह राजधानी में कोई काम तलाश रहा था। फिलहाल कचरा बीनने का काम कर रहा था।
आरोपित मोहम्मद अजीजुल ने बताया कि पुलिस से बचने के लिए दिल्ली में अलग अलग जगह कबाड़ बीनने का काम कर रहा था। पुलिस ने दोनों से बांग्लादेशी एजेंट के बारे में भी पूछताछ की है, ताकि उसे भी गिरफ्तार किया जा सके।
इस साल पुलिस ने पकड़े छह बांग्लादेशी घुसपैठिये
पुलिस उपायुक्त ने बताया कि जिला पुलिस ने इस साल छह बांग्लादेशी घुसपैठियों को पकड़ा है। यह कालिंदी कुंज, मदनपुर खादर, शाहीन बाग व यमुना खादर में अवैध रूप से रह रहे थे।
इसके अलावा अवैध रूप से भारत में रह रहे दो अन्य विदेशियों को भी पकड़ा। पुलिस ने इस साल करीब 916 संदिग्ध व्यक्तियों की जांच की। उनके पहचान संबंधी दस्तावेजों को जांच के लिए भेजा गया है। अभी भी पुलिस का विशेष अभियान जारी है।
मकान मालिक को नहीं पता विदेशियों को किराएदार रखने के कानून
पुलिस ने अभियान के दौरान कई झुग्गी मालिकों से भी पूछताछ की। इसमें सामने आया कि उन्हें विदेशियों को किराए पर मकान या झुग्गी देने के विदेशी अधिनियम 1946 के अनिवार्य प्रावधानों के बारे में जानकारी नहीं थी। अब पुलिस ने उन्हें बताया कि किसी भी विदेशी नागरिक को घर किराए पर देने से पहले अनिवार्य प्रावधानों का पालन करना होगा।
विदेशी किराएदार रखने से पहले इन कानूनों का करें पालन
विदेशी अधिनियम के तहत होटल संचालक या मकान मालिक को विदेशी नागरिक के आगमन के 24 घंटे के भीतर फार्म "सी" पर एफआरआरओ संबंधित किराएदार के बारे में जानकारी देनी होगी। यह फार्म एफआरआरओ की आधिकारिक वेबसाइट और कार्यालय) पर जाकर ऑफलाइन मोड के माध्यम से जमा किया जा सकता है।
फार्म "सी" में विदेशी नागरिक के महत्वपूर्ण विवरण जैसे उनकी राष्ट्रीयता, संपर्क नंबर, यात्रा का उद्देश्य, ठहरने का स्थान, ठहरने की अवधि, वीजा विवरण आदि शामिल हैं। इसके अलावा विदेशी (संशोधन) नियम 2016 के तहत निर्धारित फार्म "बी" पर मकान मालिक को विदेशी किरायेदारों का रजिस्टर बनाए रखना आवश्यक है।
यह रजिस्टर किसी भी पंजीकरण अधिकारी, मजिस्ट्रेट या पुलिस अधिकारी द्वारा मांगे जाने पर निरीक्षण के लिए उपलब्ध कराना होगा। साथ ही किराएदार की पुलिस वेरिफिकेशन भी करानी अनिवार्य है।
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