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    यूक्रेन कीव-2018 चैंपियनशिप में अमित ने दिखाया बाॅडी बिल्डिंग का जलवा, जीते तीन गोल्ड मेडल

    By Amit MishraEdited By:
    Updated: Wed, 06 Jun 2018 07:21 AM (IST)

    थाइलैंड में आयोजित यूक्रेन कीव-2018 चैंपियनशिप में अमित ने अलग-अलग प्रतियोगिताओं में तीन गोल्ड मेडल जीते। वो भी उस स्थिति में जब उनके सीधे हाथ के कंधे की हड्डी टूटी हुई है

    यूक्रेन कीव-2018 चैंपियनशिप में अमित ने दिखाया बाॅडी बिल्डिंग का जलवा, जीते तीन गोल्ड मेडल

    नई दिल्ली [शुजाउद्दीन]। कुछ कर दिखाने का जज्बा हो तो कठीन परिस्थिति नहीं आपका बुलंद हौसला मायने रखता है। जी हां, आज हम ऐसे युवा के बारे में बात कर रहे हैं, जो शरीर से बहुत कमजोर थे और उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि वह बॉडी बिल्डिंग में नाम रोशन कर पाएंगे। गाजीपुर गांव में रहने वाले अमित कल्सन बाॅडी बिल्डिंग में यमुनापार का नाम न केवल देश में बल्कि विदेशों में भी रोशन कर रहे हैं।  

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    तीन जून को थाइलैंड में आयोजित यूक्रेन कीव-2018 चैंपियनशिप में उन्होंने अलग-अलग प्रतियोगिताओं में तीन गोल्ड मेडल जीते। वो भी उस स्थिति में जब उनके सीधे हाथ के कंधे की हड्डी टूटी हुई है। इसमें 51 देशाें के प्रतिभागियों ने भाग लिया।

    पिता और दोस्त को दिया उपलब्धि का श्रेय 

    अमित ने बताया कि इस चैंपियनशिप के लिए वह पिछले चार महीने से तैयारी कर रहे थे। मॉडर्न बॉडी बिल्डिंग, क्लासिक फिजिक और फिटनेस मॉडलिंग प्रतियोगति में प्रथम स्थान हासिल करने के साथ-साथ गोल्ड मेडल जीता और इंडिया टाइटल का खिताब भी अपने नाम किया। अपनी इस उपलब्धि का श्रेय वह अपने पिता सतपाल और अपने दोस्त विजय कुमार को देते हैं।

    युवाओं के लिए आदर्श बने अमित 

    अमित ने कहा कि वह बचपन से ही शरीर से कमजोर रहे हैं, लोग उन्हें शक की निगाहों से देखते थे कि वह कहीं किसी बुरी संगत के कारण शरीर से कमजोर तो नहीं। 2009 में जब उन्हाेंने जिम जॉइन किया, तब उन्होंने अपने ऊपर लगने वाले दाग को कड़ी मेहनत से धो डाला। अमित इन दिनों रामप्रस्थ के एक जिम में सुबह और शाम युवाओं को ट्रेनिंग दे रहे हैं, इसके अलावा वह एक मॉल में बाउंसर की नौकरी भी करते हैं। अमित युवाओं के लिए आदर्श बन चुके हैं। 

    ऑपरेशन के लिए जमा कर रहे हैं पैसा 

    अमित ने बताया कि बॉडी बिल्डिंग के दौरान दो बार उनके कंधे की हड्डी टूट चुकी है, डॉक्टरों ने इसका इलाज ऑपरेशन बताया है। लेकिन उनके पास इतने पैसे नहीं है कि वह ऑपरेशन करवा सकें। प्रतियोगिताओं में जो इनाम राशि वह जीत रहे हैं, उस पैसे को जमा करके वह अपना ऑपरेशन करवाएंगे। 

    युवाओं को देते हैं फिट रहने के टिप्स 

    'हम फिट तो इंडिया फिट' का प्रचार प्रसार प्रधानमंत्री से लेकर केंद्रीय मंत्री तक कर रहे है, लेकिन अमित ने 2009 से ही इसकी शुरूआत कर दी थी। वह युवाओं को नशे की दलदल से उभारने के साथ ही उन्हें फिट रहने के टिप्स दे रहे हैं। अमित ने कहा उनका परिवार भी अार्थिक रूप से मजबूत नहीं है, जिम करने में काफी पैसे लगते हैं। कुछ टिप्स ऐसी होती हैं जो घर में रहकर भी कि जा सकती हैं, उन टिप्स के जरिए लोग खुद को स्वस्थ रख सकते हैं। 

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