आनंद विहार और नई दिल्ली रेलवे स्टेशन जाने का झंझट होगा खत्म! अब इस स्टेशन से चलेंगी बिहार समेत इन राज्यों के लिए ट्रेनें
दिल्ली के स्टेशनों पर भीड़ कम करने के लिए बोड़ाकी टर्मिनल को पूर्व दिशा की ट्रेनों के लिए विकसित किया जा रहा है। यह मल्टी-मॉडल ट्रांसपोर्ट हब दिल्ली-मेरठ नमो ट्रेन नेटवर्क से भी जुड़ेगा। बोड़ाकी टर्मिनल से दिल्ली और एनसीआर के यात्रियों को सुविधा होगी और स्टेशनों पर भीड़ कम होगी। इससे दिल्ली के रेलवे स्टेशनों पर बोझ कम करने में मदद मिलेगी।

संतोष कुमार सिंह, नई दिल्ली। नई दिल्ली और दिल्ली के अन्य प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की भीड़ बढ़ती जा रही है। इसे संभालना बड़ी चुनौती है। ट्रेनों की संख्या बढ़ने के साथ ही उन्हें समय पर चलाने में भी दिक्कत आ रही है।
दिल्ली के रेलवे स्टेशनों पर बोझ कम करने का प्रयास
इन स्टेशनों पर बोझ कम करने के लिए बिजवासन में नया रेलवे टर्मिनल बनाया जा रहा है। मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब के तौर पर विकसित किए जा रहे ग्रेटर नोएडा बोड़ाकी से भी दिल्ली के रेलवे स्टेशनों पर बोझ कम करने में मदद मिलेगी।
बोड़ाकी को विश्वस्तरीय मल्टी-मॉडल ट्रांसपोर्ट हब के रूप में विकसित किया जा रहा है। यह रेल, सड़क और मास रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम (एमआरटीएस) नेटवर्क को एकीकृत करेगा। इस परियोजना के तहत, बोड़ाकी ट्रेन स्टेशन को 100 ट्रेनों को शुरू करने और समाप्त करने की क्षमता वाले एक मेगा रेलवे टर्मिनल के रूप में विकसित किया जा रहा है।
उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) के परामर्श से विकसित की जाने वाली इस परियोजना से दिल्ली और उसके आसपास के स्टेशनों पर भीड़भाड़ कम करने में मदद मिलेगी।
वर्तमान में इन स्टेशनों पर होती है भीड़
वर्तमान में पूर्व की ओर जाने वाली अधिकांश ट्रेनें नई दिल्ली और आनंद विहार टर्मिनल से संचालित होती हैं। नई दिल्ली से प्रतिदिन करीब तीन सौ ट्रेनें संचालित होती हैं और करीब पांच लाख यात्री यहां आते हैं। त्योहारों और छुट्टियों के दौरान यह संख्या और बढ़ जाती है।
इस अनुपात में यहां सुविधाओं का विस्तार नहीं हो रहा है। नए प्लेटफॉर्म बनाने के लिए भी जगह नहीं है। कुछ साल पहले यहां से पूर्व की ओर जाने वाली कुछ ट्रेनों को आनंद विहार टर्मिनल पर शिफ्ट किया गया था। बिजवासन टर्मिनल बनने के बाद पश्चिम की ओर जाने वाली ट्रेनों को भी वहां शिफ्ट करने का प्रस्ताव है।
हर दिन चल रहीं नई ट्रेनें
अधिकारियों का कहना है कि ट्रेनों की संख्या लगातार बढ़ रही है। हर साल नई ट्रेनें शुरू करने के साथ ही त्योहारों और छुट्टियों के दौरान बड़ी संख्या में स्पेशल ट्रेनें चलाई जाती हैं। इनमें से ज्यादातर पूर्वी दिशा की हैं। ऐसे में बोड़ाकी टर्मिनल दिल्ली के स्टेशनों पर भीड़ कम करने में अहम भूमिका निभाएगा। कुछ ट्रेनों को यहां स्थानांतरित करने के साथ ही वहां से नई ट्रेनें भी शुरू की जा सकती हैं।
इसे दिल्ली-मेरठ नमो ट्रेन नेटवर्क से भी जोड़ने का प्रस्ताव है, ताकि दिल्ली और एनसीआर के दूसरे शहरों से बोड़ाकी टर्मिनल तक आने-जाने में कोई दिक्कत न हो। इससे न केवल क्षेत्रीय संपर्क बढ़ेगा, बल्कि सड़कों पर ट्रैफिक जाम भी कम होगा। इससे आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।
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