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    दिल्ली में 12 दवा दुकानें 'लापता', विभाग ने पता लगाने के लिए पुलिस से मांगी मदद

    By Anoop kumar singh Edited By: Rajesh Kumar
    Updated: Tue, 15 Apr 2025 09:00 PM (IST)

    दिल्ली में फर्जी फार्मासिस्ट लाइसेंस पर चल रही 12 दवा दुकानें गायब हो गई हैं। इन दुकानदारों ने कार्रवाई से बचने के लिए फर्जी लाइसेंस हटाकर दूसरा लाइसेंस लगा लिया। औषधि नियंत्रण विभाग ने अब पुलिस से मदद मांगी है ताकि इन दुकानों का पता लगाया जा सके और कार्रवाई की जा सके क्योंकि दिल्‍ली की 12 दवा दुकानें ‘लापता’ हैं।

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    फर्जी फार्मासिस्ट के लाइसेंस पर चल रही 12 दवा दुकानें 'गायब' हो गई हैं। फाइल फोटो

    अनूप कुमार सिंह, नई दिल्ली। दिल्ली के विभिन्न इलाकों में फर्जी फार्मासिस्ट के लाइसेंस पर चल रही 12 दवा दुकानें 'गायब' हो गई हैं। ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि इन दुकानदारों ने फर्जी फार्मासिस्ट मामले में कार्रवाई से बचने के लिए अपनी दुकानों से फर्जी फार्मासिस्ट का लाइसेंस हटाकर उसकी जगह दूसरे फार्मासिस्ट का लाइसेंस लगा लिया था।

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    फर्जी फार्मासिस्ट के लाइसेंस का खेल

    अब दिल्ली औषधि नियंत्रण विभाग ने इनका पता लगाने के लिए दिल्ली पुलिस की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा से मदद मांगी है। विभाग का कहना है कि इन 12 दुकानों का लाइसेंस इनके मालिकों ने जानकारी होने के बावजूद फर्जी फार्मासिस्ट के लाइसेंस पर ले रखा था, इसलिए ये सभी कार्रवाई के दायरे में हैं।

    हालांकि इसे लेकर विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर उन्होंने पुराना रिकॉर्ड क्यों नहीं रखा।

    दिल्ली पुलिस की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा द्वारा हाल ही में की गई छापेमारी में 35 ऐसे लोग पकड़े गए, जो फर्जी शैक्षणिक डिग्रियों के आधार पर कोर्स करके फार्मासिस्ट बन गए थे। पुलिस जांच में यह भी पता चला है कि इस तरह फार्मासिस्ट बने सभी 35 लोगों ने अपने फार्मासिस्ट लाइसेंस के आधार पर दिल्ली औषधि नियंत्रण विभाग से विभिन्न इलाकों में दवाइयां बेचने का लाइसेंस ले रखा था।

    दवाओं की बिक्री पर रोक लगाई

    विभाग ने इनमें से 23 को कार्रवाई का नोटिस जारी कर दुकानों को बंद कराकर दवाओं की बिक्री पर रोक लगा दी। लेकिन, गिरफ्तार फार्मासिस्टों के नाम व लाइसेंस के आधार पर कोई जानकारी न मिलने के कारण वह अन्य 12 के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर सका।

    विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, इन 12 दुकानों के मालिकों ने कार्रवाई से बचने के लिए अपनी दुकानों से फर्जी फार्मासिस्ट का लाइसेंस डिलीट कराकर उसकी जगह दूसरे फार्मासिस्ट का लाइसेंस बनवा लिया है। इसलिए विभाग के रिकॉर्ड से यह जानकारी मिल पाना संभव नहीं है कि ये दुकानें कहां हैं।

    विभाग ने अब फर्जी फार्मासिस्टों को पकड़ने वाली दिल्ली पुलिस की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा से इनके बारे में जानकारी मांगी है। सूचना मिलने पर उप औषधि नियंत्रक केआर चावला के नेतृत्व में औषधि नियंत्रक दानिश अशरफ के निर्देशन में दवा दुकानों के विरुद्ध की जा रही कार्रवाई के तहत उनके लाइसेंस रद्द कर उन्हें बंद कराया जाएगा।

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