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    पेशाब में खून दिखे तो हो जाएं सावधान, करें ये काम; वरना उठाना पड़ेगा बड़ा नुकसान

    By rais rais Edited By: Rajesh Kumar
    Updated: Wed, 18 Jun 2025 07:50 PM (IST)

    दक्षिणी दिल्ली में किडनी कैंसर के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है। शुरुआती लक्षणों को पहचानना मुश्किल है लेकिन पेशाब में खून आने पर तुरंत डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए। जागरूकता की कमी के कारण कई मरीज देर से इलाज के लिए आते हैं। बचाव के लिए नियमित जांच और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना जरूरी है। किडनी की सेहत के लिए पानी का सेवन बढ़ाएं और नमक का सेवन कम करें।

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    दक्षिणी दिल्ली में किडनी कैंसर के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली। शुरुआती दौर में किडनी कैंसर के कोई खास लक्षण नहीं दिखते। आमतौर पर लोग थकान, बिना वजह वजन कम होना, कमर के एक तरफ हल्का दर्द या पेशाब में खून आना जैसे लक्षणों को नजरअंदाज कर देते हैं।

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    हालांकि, अगर एक बार भी पेशाब में खून दिखे तो तुरंत डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए। पिछले कुछ सालों में किडनी कैंसर के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है। मैश सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के यूरोलॉजिस्ट डॉ. अंकित गोयल के अनुसार चार-पांच साल पहले औसतन हर महीने ओपीडी में एक या दो मरीज ही मिलते थे।

    अब इनकी संख्या दोगुनी हो गई है। हर महीने ओपीडी में करीब 20 लोगों की किडनी में गांठ पाई जाती है, जिनमें से तीन से चार मामलों में कैंसर की पुष्टि होती है। ज्यादातर मरीज 40 से 70 साल की उम्र के होते हैं। इनमें पुरुषों की संख्या ज्यादा होती है।

    जागरूकता के अभाव में कई लोग अभी भी बीमारी की दूसरी या तीसरी स्टेज में आते हैं, जिसमें इलाज काफी जटिल हो जाता है। डॉ. गोयल के अनुसार किडनी कैंसर से बचाव के लिए समय-समय पर डॉक्टरी सलाह पर यूरिन टेस्ट, अल्ट्रासाउंड और सीटी स्कैन कराते रहना चाहिए।

    किडनी की सेहत का ऐसे रखें ख्याल

    • रोजाना दो से तीन लीटर पानी पिएं।
    • सुबह की शुरुआत पानी पीकर और हल्की स्ट्रेचिंग करके करें।
    • नियमित व्यायाम करें या सप्ताह में पांच दिन तीस मिनट तक तेज चलें या योग करें।
    • ताजे फल और हरी सब्जियां जैसे सेब, अमरूद, लौकी, गाजर और पालक सीमित मात्रा में खाना फायदेमंद है।
    • शुगर या हाई बीपी के मरीजों को साल में एक बार किडनी फंक्शन टेस्ट (क्रिएटिनिन और ईजीएफआर) जरूर करवाना चाहिए।

    इन बातों का रखें ख्याल

    • बेवजह पेनकिलर लेने से बचें।
    • बीपी और शुगर को नियंत्रित रखें, क्योंकि ये किडनी को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं।
    • खाने में नमक की मात्रा एक चम्मच (करीब पांच ग्राम) से कम रखें।
    • रेड मीट, सॉफ्ट ड्रिंक जैसी हाई प्रोटीन या फॉस्फोरस वाली चीजों का कम सेवन करें।
    • पैक्ड फूड, चिप्स, रेडीमेड सूप और नमकीन से दूर रहें।
    • सिगरेट और अत्यधिक शराब से दूर रहें क्योंकि ये किडनी में रक्त की आपूर्ति को कम करते हैं।