Delhi Mayor Election: आज से दिल्ली में ट्रिपल इंजन की सरकार! AAP ने किया महापौर चुनाव का बहिष्कार
आम आदमी पार्टी के महापौर चुनाव से हटने के बाद दिल्ली में भाजपा की सरकार बनने की संभावना बढ़ गई है। भाजपा के राजा इकबाल सिंह का महापौर बनना लगभग तय है। ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी महापौर चुनाव में अपना प्रत्याशी न उतारकर पीछे हट चुकी है और अब चुनाव बहिष्कार की भी घोषणा कर दी है। ऐसे में राजधानी में शुक्रवार से ट्रिपल इंजन की सरकार की शुरुआत हो जाएगी।
केंद्र और राज्य के साथ दिल्ली नगर निगम की सत्ता में भी भाजपा के काबिज होने का रास्ता साफ हो गया है। शुक्रवार को नगर निगम में महापौर का चुनाव है। नतीजे भी शाम तक आ जाने का अनुमान है। इसमें भाजपा के महापौर पद के प्रत्याशी राजा इकबाल सिंह की जीत तय मानी जा रही है।
जीत की उम्मीदें धूमिल हो चुकी
वहीं, आठ सीटों वाली कांग्रेस के महापौर पद के प्रत्याशी मंदीप सिंह की जीत की उम्मीदें धूमिल हो चुकी हैं। ऐसे में हार देख कांग्रेस प्रत्याशी चुनाव की प्रक्रिया होने से पहले ही अपना नाम वापस ले सकते हैं, जिससे नया महापौर निर्विरोध चुने जाने की भी संभावना है।
महापौर का चुनाव निगम मुख्यालय में अरुणा आसफ अली सभागार में दोपहर दो बजे होगा। बैठक की अध्यक्षता के लिए उपराज्यपाल ने पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति भी कर दी है। गौतम पुरी से पार्षद सत्या शर्मा महापौर चुनाव में पीठासीन अधिकारी होगी।
चौथी बार लगातार पीठासीन अधिकारी नियुक्त हुई
2023 से महापौर चुनाव में वह चौथी बार लगातार पीठासीन अधिकारी नियुक्त हुई हैं। वह भाजपा से तीसरी बार पार्षद बनी हैं, इसलिए वरिष्ठता के आधार पर उनको हर बार पीठासीन अधिकारी बनाया जाता है। भाजपा के महापौर प्रत्याशी के चुनाव जीतते ही यह दूसरा मौका होगा, जब दिल्ली में नगर निगम से लेकर विधानसभा और केंद्र में भाजपा की सरकार बनेगी।
इससे पहले 1998 में यही स्थिति थी। भाजपा ने महापौर पद पर राजा इकबाल सिंह और उप महापौर पद पर जय भगवान यादव को प्रत्याशी बनाया है। कांग्रेस ने मंदीप सिंह को महापौर और अरिबा खान को उप महापौर पद का प्रत्याशी बनाया है।
उल्लेखनीय है कि 2022 के दिसंबर में आप को 250 में से 134 सीटों पर जीत मिली थीं। स्पष्ट बहुमत के कारण फरवरी 2023 में शैली ओबेराय के रूप में पार्टी ने अपना पहला महापौर बनाया था। अप्रैल 2023 में दूसरी बार शैली ओबेराय महापौर निर्वाचित हुई थीं।
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इसके बाद सितंबर 2024 में आरक्षित सीट पर महेश कुमार आप की तरफ से तीसरे महापौर बने थे। आप के पार्षदों के लगातार टूटने और दिल्ली में भाजपा की सरकार आने से निगम में आंकड़े अब भाजपा के पक्ष में आ चुके हैं। ऐसे में अब उसकी जीत तय मानी जा रही है। दिल्ली नगर निगम में दल बदल कानून न होने की वजह से कोई भी पार्षद किसी भी प्रत्याशी के पक्ष में मतदान कर सकता है।
जनहित में महापौर चुनाव का बहिष्कार करने का लिया है निर्णय: अंकुश नारंग
आप के वरिष्ठ पार्षद अंकुश नारंग, मुकेश गोयल और शैली ओबेराय ने महापौर चुनाव के बहिष्कार की घोषणा की है। आप नेताओं का कहना है कि वह दिल्ली की जनता के हित में महापौर व उप महापौर चुनाव में भाग नहीं लेगी। उन्होंने कहा कि अब दिल्ली में भाजपा की ट्रिपल इंजन की सरकार हो जाएगी। अब भाजपा पूरी तरह से दिल्ली को संभाले। हमें उम्मीद है कि भाजपा दिल्ली की जनता से किए अपने सारे वादों को पूरा करेगी और कोई भी बहाना नहीं बनाएगी। आप विपक्ष की भूमिका बड़ी रचनात्मक तरीके से निभाएगी और भाजपा को उसकी जिम्मेदारी याद दिलाएगी।
महापौर व उप महापौर चुनाव में कौन-कौन करता है मतदान
- 238 पार्षद (कुल 250 सीटों में 12 पद रिक्त हैं)
- 14 मनोनीत विधायक
- सात लोकसभा सदस्य
- तीन राज्यसभा सदस्य
किसके पास हैं कितने सदस्य
- कुल वोट - 262
- भाजपा- 135 (117 पार्षद, 11 विधायक और सात लोकसभा सदस्य)
- आप- 119 (113 पार्षद तीन विधायक और तीन राजस्यभा सदस्य)
- कांग्रेस- 8
आप करेगी चुनाव का बहिष्कार तो चुनाव में क्या होगी स्थिति
- कुल सदस्य:143
- चुनाव जीतने के लिए चाहिए 72
- भाजपा :135
- कांग्रेस : 8
प्रत्याशी
- पार्टी महापौर उपमहापौर
- भाजपा राजा इकबाल सिंह जय भगवान यादव
- कांग्रेस मंदीप सिंह अरिबा खान

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