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    तीन दशक से कालकाजी सीट पर नहीं खिला 'कमल', CM आतिशी के सामने भाजपा इस पूर्व सांसद पर खेल सकती है दांव

    Updated: Wed, 01 Jan 2025 04:16 PM (IST)

    Kalkaji vidhan sbaha seat दिल्ली की कालकाजी विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पिछले तीन दशकों से जीत का इंतजार कर रही है। इस सीट पर 1993 में हुए पहले चुनाव में जीत दर्ज करने वाली भाजपा लगातार पिछड़ रही है। इस बार भी आप ने यहां से आतिशी को अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीं भाजपा भी यहां से मजबूत उम्मीदवार की तलाश कर रही है।

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    Delhi News: कालकाजी विधानसभा सीट भाजपा की तीन दशक पुरानी जीत का इंतजार जारी

    शनि पाथौली, दक्षिणी दिल्ली। delhi election 2025: भारतीय जनता पार्टी पिछले तीन दशक से कालकाजी विधानसभा सीट पर जीत की बाट जोह रही है। इस सीट पर 31 साल पहले 1993 में हुए पहले चुनाव में जीत दर्ज करने वाली भाजपा लगातार पिछड़ रही है।

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    यहां से आम आदमी पार्टी ने मुख्यमंत्री आतिशी को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। वह लगातार दूसरी बार कालकाजी से चुनावी मैदान में हैं। यहां पर वापसी करने के लिए भाजपा भी मजबूत प्रत्याशी को अपना उम्मीदवार घोषित कर सकती है। इसके लिए कई नामों पर चर्चा चल रही है।

    कालकाजी विधानसभा सीट पर 1993 में हुए चुनाव में भाजपा प्रत्याशी पूर्णिमा सेठी ने जीत दर्ज की थी। उन्होंने कांग्रेस के सुभाष चोपड़ा को 4012 वोट से हराया था। पूर्णिमा को 22468 और सुभाष को 18456 वोट मिले थे।

    इसके बाद से आज तक भाजपा ने इस सीट पर कभी वापसी नहीं की। कांग्रेस प्रत्याशी सुभाष चोपड़ा ने पूर्णिमा सेठी को 1998 और 2003 में लगातार दो चुनाव में हराया। तब से यहां भाजपा लगातार पिछड़ती आ रही है।

    2015 से आप का कब्जा, अब मुख्यमंत्री मैदान में 

    इस सीट पर आप ने पहली बार वर्ष 2015 के चुनाव में जीत दर्ज की। तब आप प्रत्याशी अवतार सिंह ने भाजपा के हरमीत सिंह कालका को हराया था। अवतार को 55104 और हरमीत को 35335 वोट मिले थे। वर्ष 2020 में आप ने वर्तमान दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी को चुनावी मैदान में उतारा था। आतिशी ने भाजपा के धर्मबीर को 11393 वोट से हराया था। आतिशी को 55897 और धर्मबीर को 44504 वोट मिले थे। इस बार भी आप ने यहां से आतिशी को अपना उम्मीदवार बनाया है।

    कांग्रेस ने तीन बार लगातार जमाया सीट पर कब्जा 

    इस सीट पर अभी तक कांग्रेस ने सबसे ज्यादा तीन बार कब्जा जमाया है। कांग्रेस ने 1998 से 2008 तक लगातार जीत दर्ज की। इसके अलावा आप ने दो और भाजपा एक बार जीती। यहां से शिरोमणि अकाली दल ने भी 2013 में जीत दर्ज की थी। अकाली दल से हरमीत सिंह कालका जीते थे। यहां भाजपा पांच बार चुनाव में दूसरे नंबर पर रही है।

    पूर्व सांसद रमेश बिधूड़ी पर दांव लगा सकती है भाजपा

    इस सीट को जीतने के लिए भाजपा हर संभव कोशिश कर रही है। यहां से पार्टी दक्षिणी दिल्ली के पूर्व सांसद रमेश बिधूड़ी को चुनाव लड़ा सकती है। तुगलकाबाद के अलावा कालकाजी सीट से भी उनका नाम भेजा गया है।

    उनके अलावा भाजपा पार्षद राजपाल सिंह, मनप्रीत कौर और पार्षद योगिता सिंह का नाम भी भेजा गया है। अभी तक किसी भी नाम पर पार्टी की मुहर नहीं लगी है।

    कालकाजी सीट से कब-कब कौन जीता

    वर्ष प्रत्याशी पार्टी
    1993 पूर्णिमा सेठी भाजपा
    1998 सुभाष चोपड़ा कांग्रेस
    2003 सुभाष चोपड़ा कांग्रेस
    2008 सुभाष चोपड़ा कांग्रेस
    2013 हरमीत सिंह कालका शिरोमणि अकाली दल
    2015 अवतार सिंह आप
    2020 आतिशी आतिशी

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