केजरीवाल विधानसभा में क्यों लाए विश्वास मत प्रस्ताव? भाजपा का बड़ा दावा; कोर्ट के समन पर कही ये बात
भाजपा ने अरविंद केजरीवाल के विश्वास मत के प्रस्ताव पर सवाल उठाते हुए कहा कि 62 विधायकों का समर्थन होते हुए भी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को विश्वास मत की जरूरत पड़ गई इससे पता चलता है कि उनका विश्वास कितना डगमगाया हुआ है। दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कोर्ट से...

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। भाजपा का कहना है कि 62 विधायकों का समर्थन होते हुए भी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को विश्वास मत की जरूरत पड़ गई, जिससे पता चलता है कि उनका विश्वास कितना डगमगाया हुआ है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि बजट सत्र को लेकर विधानसभा की तरफ से जारी कार्यक्रम में 17 फरवरी को सदन की कोई बैठक नहीं थी।
केजरीवाल क्यों लाए विश्वास मत प्रस्ताव
बिधूड़ी ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री ने कोर्ट में पेश होने से बचने के लिए इस दिन भी सदन की बैठक रखवा दी है।उन्होंने कहा कि आबकारी घोटाले को लेकर ईडी द्वारा जारी समन की अनदेखी करते हुए केजरीवाल पूछताछ में शामिल नहीं हो रहे हैं। इस मामले में कोर्ट ने उन्हें 17 फरवरी को पेश होने का आदेश दिया था। इससे बचने के लिए उन्होंने विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश कर दिया है।
BJP के सात विधायक सदन से निलंबित
अब कोर्ट में दलील देंगे कि वह विधानसभा में व्यस्त हैं। वह इस बात से डरे हुए हैं कि यदि भाजपा विधायक सदन में उपस्थित रहेंगे तो उनके दावों की धज्जियां उड़ा देंगे। यही कारण है कि सात भाजपा विधायकों को सदन से निलंबित करा दिया गया है। नेता प्रतिपक्ष भी भाजपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में व्यस्त रहेंगे। विपक्ष की अनुपस्थिति में विश्वास प्रस्ताव पेश किया गया है।
मुख्यमंत्री के आरोप पर भाजपा की प्रतिक्रिया
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया है कि भाजपा उनकी पार्टी के विधायकों को खरीदने की कोशिश कर रही है। इस आरोप की दिल्ली पुलिस पहले से जांच कर रही है। पुलिस ने उन्हें नोटिस जारी करके साक्ष्य भी मांगे हैं, जिसे वह नहीं दे सके। अब उसी निराधार तथा काल्पनिक आरोप को लेकर विधानसभा में विश्वास मत पेश कर रहे हैं।
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