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    बांग्लादेशी घुसपैठियों के फर्जी Aadhaar और Voter Card बनाने वाले बड़े गिरोह का भंडाफोड़, 12 गिरफ्तार

    Updated: Tue, 24 Dec 2024 08:17 PM (IST)

    Bangladeshi Infiltrator दिल्ली पुलिस ने बांग्लादेशी घुसपैठियों के फर्जी भारतीय दस्तावेज बनाने वाले एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस मामले में 12 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है जिनमें सात भारतीय नागरिक और पांच बांग्लादेशी नागरिक शामिल हैं। गिरफ्तार किए गए भारतीय नागरिकों में फर्जी दस्तावेज बनाने वाले आधार आपरेटर वेबसाइट डेवलपर और एजेंट शामिल हैं। पढ़ें पूरी खबर।

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    Delhi Police: बांग्लादेशी घुसपैठियों के फर्जी दस्तावेज बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राजधानी में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान करने के लिए चलाई जा रही मुहिम के बीच दक्षिण जिला पुलिस के वाहन चोरी निरोधक दस्ते ने बांग्लादेशियों का फर्जी भारतीय दस्तावेज (आधार, पैन व वोटर कार्ड) बनाने वाले एक सिंडिकेट का भंडाफोड़ कर बड़ी उपलब्धि हासिल की है।

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    पुलिस ने इस मामले में 12 आरोपितों को गिरफ्तार किया है, जिनमें सात भारतीय नागरिक हैं, इनमें फर्जी दस्तावेज बनाने, आधार आपरेटर, वेबसाइट डेवलपर व एजेंट आदि शामिल हैं। ये भारतीय ही बांग्लादेशी नागरिकों के फर्जी भारतीय दस्तावेज बनवा कर बांग्लादेशी नागरिकों के अवैध आप्रवासन को बढ़ावा दे रहे थे।

    फर्जी दस्तावेज बनाने के लिए आरोपितों ने 2023 में जनता प्रिंट्स डाट साइट नाम से फर्जी वेबसाइट बना रखी थी। शेष पांच बांग्लादेशी हैं, जिनमें चार पर संगम विहार में एक बांग्लादेशी नागरिक से लूटपाट व हत्या समेत अवैध रूप से भारतीय दस्तावेज बनवाने और एक महिला पर फर्जी दस्तावेज बनवाने का आरोप है। सभी 12 आरोपितों को रिमांड पर लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है।

    दक्षिण जिला के डीसीपी अंकित चौहान का कहना है कि एक माह पहले उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के निर्देश पर बांग्लादेशियों की पहचान के लिए दक्षिण जिला पुलिस द्वारा चलाई जा रही मुहिम के तहत इस बड़े रैकेट का पता चला है।

    20 अक्टूबर की मध्यरात्रि 12 बजे एक महिला ने संगम विहार थाना पुलिस को सूचित कर बताया कि उसका पति सेंटू शेख उर्फ राजा घर में बेहोश पड़ा हुआ है। पुलिस जब उसके घर पहुंची तब वह मृत पाया गया। 21 अक्टूबर को पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी।

    मामले की गंभीरता को देखते हुए एसीपी अभिनेंद्र जैन, नीरज टोकस, एसएचओ उमेश शर्मा व इंस्पेक्टर उमेश यादव के नेतृत्व में आठ टीम बनाकर जांच शुरू कर दी गई। जांच से पता चला कि उक्त हत्याकांड चार बांग्लादेशियों मिदुल मियां उर्फ आकाश अहमद, फरदीन अहमद उर्फ अभी अहमद समेत दो महिलाओं ने अंजाम दिया था। जिसके बाद चारों को गिरफ्तार कर लिया गया।

    हत्या के पीछे का मकसद यह सामने आया कि सेंटू शेख उक्त चारों को अक्सर किसी न किसी बहाने धमकी देता था। इसलिए उन्होंने एक माह पहले सेंटू शेख की हत्या की योजना बनाई थी। योजना अनुसार चारों ने सेंटू की गला घोंटकर हत्या करने के बाद उसके पास मौजूद नकदी और सामान लूट लिया था।

    पुलिस ने लूटा गया सामान बरामद कर लिया। पूछताछ से पता चला कि चारों डेढ़ साल पहले अवैध रूप से भारत में दाखिल हुए थे और फर्जी भारतीय आइडी हासिल कर एक साल से संगम विहार में रह रहे थे। पूछताछ के दौरान इन्होंने अपने बांग्लादेशी पहचान पत्र (चिप-आधारित एनआइडी कार्ड) व जन्म प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए।

    पुलिस ने जब सेंटू शेख के घर की तलाश ली तब वहां से 21 आधार कार्ड, चार मतदाता पहचान पत्र और आठ पैन कार्ड मिले जिनके बांग्लादेशी नागरिकों के होने का संदेह है। इस पर पुलिस की जांच अवैध आप्रवासन की सुविधा के लिए नकली भारतीय दस्तावेज, मार्ग और तंत्र बनाने में शामिल गिरोह की ओर बढ़ी और पूरा मामला खुल गया।

    फर्जी दस्तावेजों की जांच

    • आरोपितों ने बांग्लादेशियों के आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज तैयार करने के लिए फर्जी आइडी का इस्तेमाल किया। जिसपर छह दिसंबर को संगम विहार थाना पुलिस ने फर्जीवाड़ा की कई धाराओं व 34 आधार अधिनियम के तहत अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज की।
    •  जांच से पता चला कि आरोपितों ने अपने आधार कार्ड साहिल सहगल के स्वामित्व वाले 'पूनम आनलाइन कंप्यूटर सेंटर,' सेक्टर-पांच, रोहिणी से बनवाए थे।
    • साहिल सहगल को रोहिणी को गिरफ्तार कर पूछताछ से पता चला कि सेंटू शेख के माध्यम से बांग्लादेशी उसके पास भारतीय दस्तावेज बनवाने आते थे। साहिल फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने के लिए फर्जी वेबसाइट'जनताप्रिंट्स.साइट' का इस्तेमाल करता था और उसके बाद उक्त उक्त प्रमाणपत्र पर आधार कार्ड प्रोसेसिंग के लिए बांग्लादेशियों को अपने सहयोगी रंजीत के पास भेज देता था।
    • नाहरपुर गांव, सेक्टर सात, रोहिणी का रहने वाला रंजीत, कर्नाटक बैंक, सेक्टर-पांच, रोहिणी में अधिकृत आधार आपरेटर अफरोज के साथ काम करता था। फर्जी जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर अफरोज आधार कार्ड बना देता था। वह जेजे कालोनी, बवाना का रहने वाला है।
    •  रंजीत और अफरोज को गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ से पता चला कि 'जनताप्रिंट्स.साइट' नाममात्र कीमतों पर जन्म प्रमाण पत्र, मैट्रिकुलेशन प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, कोरोना प्रमाण पत्र और आय प्रमाण पत्र सहित कई तरह के नकली दस्तावेज बनाती है।
    •  फर्जी दस्तावेज बनवाने के लिए भुगतान मोहम्मद चांद के तहत पंजीकृत नंबर से जुड़े पेटीएम क्यूआर कोड के माध्यम से किया जाता था। तकनीकी निगरानी के आधार पर मोहम्मद चांद को विकास नगर, उत्तम नगर से गिरफ्तार कर लिया। वह दो प्रतिशत कमीशन लेकर शेष रकम रोज सद्दाम हुसैन को भेज देता था।
    • सद्दाम हुसैन को विकास नगर, उत्तम नगर से गिरफ्तार कर उससे पूछताछ से पता चला कि 'जनताप्रिंट्स.साइट' का संचालन उसका सहयोगी दीपक मिश्रा उर्फ रजत करता था। सद्दाम भी दो प्रतिशत हिस्सा रखकर सारे पैसे दीपक मिश्रा को भेज देता था।
    • पूछताछ से पता चला कि आरोपितों ने शुरुआत में अपनी उम्र 18 साल से कम दिखाकर आधार कार्ड बनाए, क्योंकि ऐसे कार्डों को दिल्ली के कई केंद्रों पर संशोधित करना आसान था। 18 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों के लिए कार्ड दिल्ली में केवल चार केंद्रों तक सीमित है।
    • 9 तकनीकी जांच के आधार पर दीपक मिश्रा (विकास नगर, उत्तम नगर) को अंबाला से दबोच लिया गया। उसने पूछताछ में बताया उसके जीजा सोनू कुमार ने 'जनताप्रिंट्स.साइट' विकसित किया है।
    • 10 सोनू कुमार को नोएडा के सेक्टर 55 से गिरफ्तार कर लिया गया। उसने यूट्यूब के माध्यम से फर्जी वेबसाइट बनाने की बात स्वीकारी। फर्जी दस्तावेज बनाने के लिए उसने पहले 2022 में 'पोर्टलवाले डाट काम' और 'पोर्टलवाले डाट ऑनलाइन' भी बनाया था। जिसे 2023 में बंद कर दिया गया। वह नोएडा में साइबर कैफे चलाता है।

    अवैध आप्रवासन मार्गों का पता चला

    • पांचों बांग्लादेशियों ने पूछताछ में बताया कि ये लोग जंगल, नदी के रास्ते भारत में दाखिल हुए और उन्हें बाइक के जरिए नजदीकी शहर तक पहुंचाया गया। फिर उन्होंने दिल्ली के लिए एक्सप्रेस ट्रेनें (आमतौर पर एसी क्लास) लीं। उन्हें नकली आधार कार्ड, अस्थायी सिम कार्ड और यात्रा खर्च के लिए नकदी उपलब्ध कराई गई थी।

    मतदाता पहचान पत्रों की जांच

    • सेंटू शेख के आवास से बांग्लादेशी नागरिकों के चार मतदाता पहचान पत्र बरामद किए गए। उन चारों का पता लगाने के प्रयास किए गए और, ऐसी ही एक महिला को बरेली से खोजा गया। जांच से पता चला कि उसका वोटर आइडी सेंटू शेख के पते पर आधार का उपयोग करके जारी किया गया था। उसने कुबूल किया कि सेंटू ने फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करके उसके आधार और मतदाता कार्ड बनाने में मदद की।
    • पूछताछ करने पर, उसे अपनी बांग्लादेशी पहचान पेश करने के लिए कहा गया। ढाका सिटी कॉर्पोरेशन द्वारा जारी उसका बांग्लादेशी जन्म प्रमाण पत्र उसके फोन से प्राप्त किया गया था। उसके माता-पिता के बांग्लादेशी राष्ट्रीय पहचान पत्र भी बरामद किए गए।

    हत्याकांड में गिरफ्तार बांग्लादेशियों के नाम व प्रोफाइल

    •  मिदुल मियां वर्तमान पता संगम विहार। स्थायी पता पश्चिमपुरा, हसनाबाद, ढाका, बांग्लादेश।
    •  मिदुल मियां की पत्नी, स्थायी पता:- अज़ीम मार्केट, ढाका बांग्लादेश।
    • फरदीन अहमद, वर्तमान पता संगम विहार। स्थायी पता अजीम मार्केट, ढाका बांग्लादेश।
    • फरदीन अहमद की पत्नी, स्थायी पता:- अजीम मार्केट, ढाका बांग्लादेश।

    बरामदगी

    छह लैपटॉप, छह मोबाइल फोन, आधार कार्ड मशीन, रिकॉर्ड रजिस्टर और विभिन्न दस्तावेज, 25 आधार कार्ड, चार मतदाता पहचान पत्र और आठ पैन कार्ड सभी बांग्लादेशी नागरिकों के होने का संदेह है।

    मैनुअल प्रिंट पोर्टल

    कोविड - 2 रुपये, 5 रुपये, 7 रुपये

    ड्राइविंग लाइसेंस प्रिंट - 10 रुपये

    कमर्शियल ड्राइविंग लाइसेंस प्रिंट - 15 रुपये

    पहचान पत्र प्रिंट - 5 रुपये, 10 रुपये, 15 रुपये

    पेन कार्ड प्रिंट - 10 रुपये

    आधार प्रिंट - 20 रुपये

    आय पत्र प्रिंट - 10 रुपये

    जाति प्रमाण पत्र प्रिंट - 15 रुपये

    निवास टैक्स प्रिंट - 20 रुपये

    यूपी आय प्रमाण पत्र - 30 रुपये

    यूपी जाति प्रमाण पत्र - 30 रुपये

    यूपी निवास प्रमाण पत्र - 30 रुपये

    बांग्लादेशियों के आधार, पैन व वोटर कार्ड के लिए आठ से 10 हजार वसूलते थे आरोपित

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