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जब पहली बार नई दिल्ली लोकसभा क्षेत्र से सांसद बने थे आडवाणी, कांग्रेस प्रत्याशी मोहिनी को दी थी शिकस्त

भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित किया गया है। वह पहली बार नई दिल्ली लोकसभा क्षेत्र से सांसद बने थे। उन्होंने वर्ष 1989 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी वी मोहिनी गिरि को हराया था। उन्होंने मोहिनी को करीब 31 हजार वोटों के अंतर से शिकस्त दी थी। इसके बाद वर्ष 1990 में आडवाणी ने रथ यात्रा निकालकर भारतीय राजनीति का रुख बदल दिया।

By ajay rai Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Mon, 01 Apr 2024 09:28 AM (IST)
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पहली बार नई दिल्ली लोकसभा क्षेत्र से सांसद बने थे आडवाणी
अजय राय, नई दिल्ली। भाजपा के दिग्गज नेता और भारत रत्न लालकृष्ण आडवाणी ने पहली बार लोकसभा चुनाव में उतरने के लिए नई दिल्ली संसदीय सीट चुनी थी। वर्ष 1989 के आम चुनाव में बड़े अंतर से कांग्रेस प्रत्याशी वी मोहिनी गिरि को हराकर लोकसभा पहुंचे थे।

तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष ने राष्ट्रीय राजधानी से भाजपा के शिखर की ओर बढ़ने का संदेश दिया और पार्टी ने दो सीटों से बढ़कर देश की 85 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की। तब कांग्रेस, जनता दल के बाद संसद में तीसरी बड़ी पार्टी भाजपा बन गई थी।

इस विजय से उत्साहित आडवाणी वर्ष 1990 में रथ यात्रा निकालकर राजनीति में फायर ब्रांड नेता बनकर उभरे। यूं तो आडवाणी वर्ष 1970 में पहली बार संसद पहुंचे थे, तब राज्यसभा सदस्य के रूप में दिल्ली से ही चुने गए थे। लेकिन, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिलने के बाद उन्हें पार्टी को आगे ले जाने का जिम्मा सौंपा गया।

इसी बीच नौवीं लोकसभा चुनाव का बिगुल बजा। लगातार राज्यसभा के सदस्य चुने जाने के बाद आडवाणी ने लोकसभा चुनाव में उतरकर पार्टी का नेतृत्व किया। इसके लिए आडवाणी ने नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र को चुना। कांग्रेस की दबदबे वाली इस सीट से तब समुदायिक सेवा कार्यकर्ता वी मोहिनी गिरि उनके सामने थीं।

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करीब 31 हजार वोटों से मोहिनी को दी थी शिकस्त

तब आडवाणी ने 55 प्रतिशत से अधिक मत लेकर कांग्रेस प्रत्याशी मोहिनी को करीब 31 हजार वोटों के अंतर से हराया। हालांकि, मोहिनी को भी 41 प्रतिशत से अधिक मत मिले थे। जबरदस्त महासमर में बाकी तीन निर्दलीय प्रत्याशी एक हजार वोट भी नहीं पा सके थे।

1990 में निकाली रथ यात्रा

तब यहां से एक ऐसे नेता का उदय हुआ, जो भारतीय राजनीति पर अपनी अमिट छाप छोड़ दिया। नई दिल्ली से सांसद चुने के बाद वर्ष 1990 में आडवाणी ने रथ यात्रा निकालकर भारतीय राजनीति का रुख बदल दिया। फिर वर्ष 1991 के लोकसभा चुनाव में भी आडवाणी उतरे, लेकिन नई दिल्ली के साथ गुजरात के गांधी नगर सीट से भी नामांकन किया।

नई दिल्ली में उनके सामने पहली बार चुनाव लड़ रहे फिल्म अभिनेता सुपरस्टार राजेश खन्ना थे। जीत आडवाणी को मिली थी, लेकिन वे हारते-हारते बचे थे। दोनों सीटों से विजयी होने के बाद आडवाणी ने नई दिल्ली सीट छोड़कर गांधीनगर सीट को चुना था।

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