स्वयं को कुदरती रूप से स्वस्थ रखने पर अवश्य ध्यान दें- डॉ प्रियंका एम तिवारी
गर्भवती महिलाएं आयुष मंत्रालय द्वारा जारी किए गए गाइडलाइंस द्वारा स्वयं को कुदरती रूप से स्वस्थ रखने पर अवश्य ध्यान दें।
नई दिल्ली, रीतिका मिश्रा। भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण से लोग परेशान हैं। पहले महानगरों से शुरू हुआ संक्रमण आज छोटे नगरों और गांवों तक अपने पैर फैला चुका है। इस संक्रमण का खतरा उन लोगों में अधिक है जो पहले से ही अन्य बीमारियों से ग्रसित हैं। यूनिसेफ के एक स्टडी के अनुसार भारत में अगले नौ महीनों में लगभग दो करोड़ शिशुओं का जन्म होना है ऐसे में इतनी बड़ी तादात सिर्फ गर्भवती महिलाओं की है जिनकी सुरक्षा बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि वह एक जीवन नहीं दो जीवनों को एक साथ जी रही होती हैं। उक्त बातें डालको हेल्थकेयर में होम्योपैथिक कंसल्टेंट डॉ प्रियंका एम तिवारी ने कही।
उन्होंने बताया कि गर्भवती महिलाएं अन्य आबादी की तुलना में संक्रमण के लिए ज्यादा संवेदनशील होती हैं। ऐसे समय में उन्हें बहुत देखभाल की जरूरत है। गर्भवती महिलाएं आयुष मंत्रालय द्वारा जारी किए गए गाइडलाइंस द्वारा स्वयं को कुदरती रूप से स्वस्थ रखने पर अवश्य ध्यान दें। केवल अपरिहार्य कारणों से ही घर से बाहर निकलें और अस्पताल, फार्मेसी, भीड़भाड़ वाली जगहों में कम ही जाएं। उनके मुताबिक गर्भवती महिलाएं खाने में भी गर्म मसालों, मैदा, अधिक तेल चिकनाई का प्रयोग न करें, यदि काढ़ा घर में बनाकर सेवन कर रहे हैं तो कालीमिर्च, अजवाइन, गर्म मसालों का प्रयोग न करें। बचाव के लिए काढ़ा केवल चिकित्सक के परामर्श से ही लें। साथ ही तरल पदार्थ जैसे सब्जियों के सूप, फलों के जूस, दलिया, खिचड़ी, खीर, नारियल पानी अच्छी मात्रा में लें।
संतुलित आहार लें व आयरन से भरपूर फलों जैसे सेब ,अनार, चुकंदर, और सूखे मेवों का प्रयोग करें। उन्होंने बताया कि स्तनपान कराने वाली महिलाओं को खास ध्यान रखने की जरूरत है। वो कोरोना से बचाव के लिए मास्क को अनिवार्य रूप से लगाकर रखें, ताकि खांसते या छीकतें समय बच्चें को संक्रमण का खतरा न रहे। उन्होंने बताया कि अगर स्तनपान कराने वाली महिला कोरोना से संक्रमित होती है या उसको हल्के लक्षण भी दिखाई दें तो फिर वह पंप का इस्तेमाल कर बच्चें को दूध निकालकर पिलाए। लेकिन पंप पूरी तरह साफ सुथरा होना चाहिए। उनके मुताबिक गर्भवती महिलाओं को संतुलित आहार के साथ-साथ भरपूर नींद भी बहुत आवश्यक होती है जो गर्भस्थ शिशु के वृद्धि में सहायक होती है।
डॉ प्रियंका बताती हैं कि गर्भवती महिलाएं इस समय स्वयं को प्रसन्न रखने के लिए मनपसंद संगीत सुनें, बालकनी या छत पर टहलें व हल्के योगासन व व्यायाम करें तो वह तनावरहित भी रहेंगी। वहीं, गर्भवती महिला अगर उच्चरक्तचाप, डायबिटीज, थायराइड या किसी अन्य बीमारी से पीड़ित हों तो डॉक्टर की सलाह के बाद ही किसी भी दवा का सेवन करें और अपनी दिनचर्या पर अवश्य ध्यान दें।
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