हिंदू युवती से शादी कर दिल्ली में रह रहा था बांग्लादेशी घुसपैठिया, पुलिस ने ऐसे धर दबोचा
Bangladeshi infiltrator दक्षिणी दिल्ली पुलिस ने एक बांग्लादेशी घुसपैठिए को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने भारतीय मूल की हिंदू युवती से शादी कर देश में अवैध रूप से रह रहा था। पुलिस ने उसे एफआरआरओ ऑफिस को सौंप दिया है। आरोपी के पास से कोई वैध पासपोर्ट या अन्य दस्तावेज नहीं मिले हैं। फिलहाल इस मामले में जांच जारी है।

जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली। दक्षिणी पश्चिमी जिला पुलिस ने एक बांग्लादेशी घुसपैठिए को पकड़ा है। आरोपित बंगाल की सीमा से भारत में घुसा था। फिर भारतीय मूल की हिंदू युवती से शादी कर देश में अवैध रूप से रह रहा था। पुलिस ने उसे एफआरआरओ आफिस को सौंप दिया है।
पुलिस उपायुक्त सुरेंद्र चौधरी ने बताया कि सरोजनी नगर थाना पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट के मामले में एक आरोपित को गिरफ्तार किया था। उसकी पहचान मोहम्मद अख्तर शेख के रूप में हुई। वह सरोजनी नगर में एक निर्माण स्थल पर मजदूर के तौर पर काम कर रहा था।
पुलिस को दिए थे फर्जी दस्तावेज
पुलिस (Delhi Police) पूछताछ में अख्तर ने बताया कि वह मूलरूप से बंगाल का रहने वाला है। इस मामले में पुलिस ने उसे जेल भेज दिया था। फिर वह जमानत लेने के बाद फरार हो गया। पुलिस ने अख्तर द्वारा पेश किए गए दस्तावेजों के आधार पर उसके पते का सत्यापन किया।
इस दौरान पता चला कि उसने पुलिस को फर्जी दस्तावेज दिए थे। जब पुलिस संबंधित पते पर पहुंची तो वह गलत था। इसके बाद पुलिस ने शातिर की तलाश शुरू कर दी और उसे 30 दिसंबर को रेलवे स्टेशन सरोजिनी से पकड़ लिया।
पुलिस ने अख्तर से सख्ती से पूछताछ की तो उसने बताया कि वह मूलरूप से बांग्लादेश मदारगंज, कोचाघाटा का रहने वाला है। पुलिस ने उसे आगे की कार्रवाई के लिए एफआरआरओ को सौंप दिया।
आरोपित ने भारत में घुसपैठ कर हिंदू युवती से की शादी
अख्तर वर्ष 2004 में अवैध रूप से बंगाल की सीमा से भारत में घुसा था। इसके बाद उसने 2012 में एक हिंदू युवती से शादी कर ली और बंगाल में ही रहने लगा। ताकि उस पर कोई शक न कर सके। फिर दिल्ली आ गया।
यहां पर निर्माण साइट पर काम करने लगा। पुलिस को उसके पास कोई वैध पासपोर्ट या अन्य दस्तावेज नहीं मिले हैं। पुलिस ने उसके खिलाफ विदेशी अधिनियम की धारा 14 के तहत केस दर्ज किया है।
इससे पहले बीते दिन दक्षिण पश्चिम व दक्षिणी जिला पुलिस ने जिन 15 बांग्लादेशी घुसपैठियों को डिपोर्ट किया था, उनमें से आठ एक ही परिवार के सदस्य थे। जिनमें पति-पत्नी और उनके छह बच्चे शामिल थे। यह परिवार पहले पहचान छिपाकर रंगपुरी के बंगाली बस्ती में रह रहा था। छह महीने पहले ही श्मशान वाली जगह के पास नरेंद्र नाम के व्यक्ति के प्लॉट पर किराए का कमरा लिया।
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