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    लड़की के साथ दोस्ती का मतलब ये नहीं कि यौन संबंध का अधिकार मिल गया... दिल्ली हाई कोर्ट ने जमानत याचिका की खारिज

    Updated: Fri, 25 Jul 2025 04:48 PM (IST)

    दिल्ली उच्च न्यायालय ने नाबालिग से दोस्ती कर यौन उत्पीड़न करने वाले आरोपित की जमानत याचिका खारिज कर दी। अदालत ने कहा कि दोस्ती के कारण किसी पुरुष को लड़की की सहमति के बिना यौन संबंध बनाने का अधिकार नहीं मिल जाता। नाबालिग की सहमति भी वैध नहीं मानी जाएगी। आरोपित पर विकासपुरी में नाबालिग से दुष्कर्म करने का आरोप है।

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    दुष्कर्म के मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट ने की टिप्पणी।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली: एक आरोपित की जमानत याचिका खारिज करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि सिर्फ दोस्ती होने कारण किसी पुरुष को लड़की की सहमति के बिना यौन संबंध बनाने का अधिकार नहीं मिल जाता है।

    न्यायमूर्ति गिरीश कथपालिया की पीठ ने लड़की के साथ सहमति से संबंध बनाने के पुरुष के दावे को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि नाबालिग के मामले में सहमति भी वैध नहीं है।

    अदालत ने रिकार्ड पर लिया कि पीड़िता ने एफआईआर में आरोप लगाया हैं और उसके विरोध के बावजूद आरोपित की ओर से बार-बार यौन उत्पीड़न किया गया।

    दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि किसी लड़की के साथ सिर्फ दोस्ती उसकी सहमति के बिना यौन संबंध बनाने का अधिकार नहीं देती और नाबालिग के यौन उत्पीड़न के आरोपित की जमानत याचिका खारिज कर दी।

    न्यायमूर्ति गिरीश कठपालिया ने लड़की के साथ सहमति से संबंध बनाने के पुरुष के दावे को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि नाबालिग के मामले में सहमति भी वैध नहीं है।

    अदालत ने कहा कि सिर्फ इसलिए कि एक लड़की किसी लड़के से दोस्ती करती है, लड़के को उसकी सहमति के बिना उसके साथ यौन संबंध बनाने की आजादी नहीं मिल जाती। इसके अलावा, मौजूदा मामले में सहमति भी वैध नहीं होगी क्योंकि अभियोक्ता नाबालिग थी।

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    याचिका के अनुसार अप्रैल 2023 में, विकासपुरी स्थित एनडीएमसी अपार्टमेंट में निर्माण मजदूर के रूप में काम करने वाले व्यक्ति ने नाबालिग से दोस्ती की और उसके बाद उसके साथ दुष्कर्म किया।

    आरोप है कि आरोपित ने लड़की को धमकी दी थी कि वह इस बारे में किसी को न बताए। आरोपित नवंबर 2023 तक उसके साथ दुष्कर्म करता रहा।

    वहीं, आरोपित ने दावा किया कि घटना के समय लड़की बालिग थी और उसने सहमति से उसके साथ यौन संबंध बनाए थे।

    वहीं, याचिका खारिज करते हुए अदालत ने कहा कि पीड़िता के शैक्षिक रिकार्ड पर गौर किया, जिसके अनुसार घटना के समय पीड़िता नाबालिग पाई गई।

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