Delhi News: 95 लाख की बीमा धोखाधड़ी मामले में आरोपित अजीम खान को मिली नियमित जमानत
पटियाला हाउस कोर्ट ने 95 लाख की बीमा धोखाधड़ी मामले में आरोपी अजीम खान को जमानत दी। अदालत ने कहा कि आरोप परिस्थितिजन्य साक्ष्यों पर आधारित हैं और उसके खाते में कोई रकम जमा नहीं हुई। खान को गवाहों से संपर्क न करने और जांच में सहयोग करने की शर्त पर जमानत मिली। अभियोजन पक्ष ने जमानत का विरोध किया लेकिन अदालत ने इसे खारिज कर दिया।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। पटियाला हाउस स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने 95 लाख रुपये की बीमा धोखाधड़ी मामले में आरोपित अजीम खान को नियमित जमानत दे दी। अदालत ने माना कि आरोपित के खिलाफ आरोप फिलहाल परिस्थितिजन्य साक्ष्यों पर आधारित हैं और उसके खिलाफ कोई राशि सीधे तौर पर बरामद नहीं हुई है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सौरभ प्रताप सिंह लालेर ने कहा कि महज साथ मौजूद होने और लोकेशन डाटा जैसी परिस्थितिजन्य कड़ियों के आधार पर आरोपित की सीधी भूमिका साबित नहीं होती। अदालत ने यह भी नोट किया कि अजीम खान के खाते में कोई भी धोखाधड़ी की रकम सीधे जमा नहीं हुई और वह 28 जून 2025 से हिरासत में है।
कोर्ट ने 25 हजार रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि के एक जमानती पर अजीम खान को जमानत दे दी। साथ ही कुछ शर्तें लगाई, जिनमें गवाहों से संपर्क न करना, जांच में सहयोग करना और बिना अनुमति देश से बाहर न जाना शामिल है।
अतिरिक्त लोक अभियोजक ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि आरोपित सक्रिय रूप से सिंडिकेट का हिस्सा था और रिहा होने पर गवाहों को प्रभावित कर सकता है। लेकिन अदालत ने कहा कि आरोपी के खिलाफ जांच काफी हद तक पूरी हो चुकी है और लंबी न्यायिक हिरासत आरोपित के मौलिक अधिकारों का हनन होगी।
मामले से जुड़ी प्राथमिकी के अनुसार, शिकायतकर्ता जी मुरलीधरन पिल्लै को रिलायंस इंश्योरेंस ओम्बड्समैन (प्रशासनिक शिकायत जांच अधिकारी) के नाम पर फर्जीवाड़ा कर 95,67,394 रुपये का चूना लगाया गया। पैसे तीन बैंक खातों में भेजे गए, जो सह-आरोपित तौसीफ अहमद और शंकर कुमार के नाम पर हैं।
जांच में सामने आया कि आरोपित अजीम खान को सीसीटीवी फुटेज में तौसीफ के साथ बैंक में लगभग 26 लाख रुपये निकालते समय के दौरान देखा गया। इसके अलावा, उसका मोबाइल लोकेशन भी एक फर्जी नंबर से मेल खाता पाया गया।
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