Old Vehicle Charges: लाखों वाहन चालक ध्यान दें, 1 अप्रैल से 8 गुना हो जाएगा पुराने वाहनों के रजिस्ट्रेशन के रिन्यू का चार्ज
देश की राजधानी दिल्ली और एनसीआर के शहरों को छोड़कर आगामी एक अप्रैल से पुराने वाहनों का दोबारा रजिस्ट्रेशन महंगा हो जाएगा नियम के मुताबिक एक अप्रैल से एक दशक से अधिक पुराने वाहनों के रजिस्ट्रेशन को रिन्यू करने की लागत 8 गुना जाएगी।

नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। 10 साल पुराने डीजल वाहन और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहन चलाने वाले दिल्ली-एनसीआर के लाखों लोगों के लिए 1 अप्रैल से और मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। पिछले कई महीने से दिल्ली-एनसीआर में 10 साल (डीजल) और 15 साल (पेट्रोल) पुराने वाहनों को चलाने की मनाही है। दिल्ली परिवहन विभाग ऐसे वाहनों को सड़क पर उतरते ही जब्त कर रहा है और इसके साथ ही इन्हें स्क्रैप के लिए भेज देता है। कुलमिलाकर दिल्ली के साथ एनसीआर के शहरों में ऐसे वाहन सड़कों पर प्रतिबंधित हैं। इसके अलावा, दिल्ली-एनसीआर से बाहर ऐसे वाहन चलाए तो जा सकेंगे, लेकिन अब 1 अप्रैल से दिल्ली को छोड़कर पूरे देश में 1 अप्रैल से पुराने वाहनों का दोबारा रजिस्ट्रेशन महंगा होने जा रहा है। इसके तहत 10 साल से अधिक पुराने वाहनों के रजिस्ट्रेशन को रिन्यू करने की लागत 1 अप्रैल से 8 गुना जाएगी। इसके अभाव में अगर ऐसे वाहन दिल्ली-एनसीआर में मिले तो जब्त किए जाएंगे।
नए नियमों के मुताबिक, 1 दशक से अधिक पुराने वाहनों खासकर कारों का रजिस्ट्रेशन रिन्यू करवाने के लिए अब 600 रुपये की बजाए 5,000 रुपये लगेंगे, यह रकम 8 गुना अधिक है। इसके अलावा, दोपहिया वाहनों को रिन्यू करवाने के 1,000 रुपये देने होंगे, जो पहले सिर्फ 300 रुपये होता था। सबसे बुरी खबर इम्पोर्टेड कार मालिकों के लिए है, क्योंकि अब 40,000 रुपये देने होंगे, जो अब तक रिन्यू करवाने लिए 15,000 रुपये देने होते थे। उधर, जानकारी के मुताबिक, केंद्र सरकार पुराने और अधिक प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को बंद करना चाहती है, इसलिए शुल्क बढ़ाया गया है, ताकि लोग इलेक्ट्रिक वाहनों को खरीदने को प्राथमिकता दें।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए नए नियमों के मुताबिक, 1 दशक से अधिक पुराने हर निजी वाहन को प्रत्येक 5 साल में रिन्यू के लिए आवेदन करना होगा। यह नियम दिल्ली-एनसीआर में लागू नहीं होगा, क्योंकि यहां पर पहले ही 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहन का रजिस्ट्रेशन रद किया जा चुका है। फिलहाल सड़कों पर उतरते ही ऐसे वाहनों को जब्त तक स्क्रैब के लिए भेज दिया जाता है।
1 अप्रैल से पुराने वाहन चालकों पर ऐसे पड़ेगा असर
- टैक्सी के लिए फिटनेस टेस्ट की लागत 7,000 रुपये होगी, जो अब तक सिर्फ 1000 रुपये है।
- बसों और ट्रकों के लिए 12,500 रुपये देने होंगे, जो अब तक 500 रुपये थे।
- 8 साल से पुराने कमर्शियल वाहनों के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट अनिवार्य कर दिया गया है।
जानिये- स्क्रैप नीति के बारे में
केंद्र की ओर से जारी नई स्क्रैपे नीति के अनुसार, अब पुराने वाहनों को फिटनेस टेस्ट कराना होगा। यह नियम पुरानी गाड़ियों के लिए लागू होगा, क्योंकि नई गाड़ी में स्क्रेपेज पालिसी के तहत फिटनेस टेस्ट कराने की आवश्कतका नहीं है।
पुरानी गाड़ियों को स्क्रैप कराने के फायदे
- नई स्क्रैप पालिसी के तहत स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट दिखाने पर नया वाहन खरीदने के दौरान 5 प्रतिशत की छूट मिलेगी।
- गाड़ी स्क्रैप करने पर कीमत का 4-6 प्रतिशत वाहन मालिक को मिलेगा।
- नए वाहन के रजिस्ट्रेशन के समय इसकी फीस माफ कर होगी।
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